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Andy Mann

#Sad_Status Faiz Iqbal Neel Sh@kila Niy@z Niaz (Harf) LiteraryLion (0)

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White मैं अपने आप से 
थोड़ा बहुत मुतअस्सिर हूँ
ये मेरी ज़ात को आज़ार है नहीं है क्या?

©Andy Mann #Sad_Status  Faiz Iqbal  Neel  Sh@kila Niy@z  Niaz (Harf)  LiteraryLion (0)

꧁j͟a͟a͟n͟i͟꧂ᴥ︎︎︎

#Travelstories mahi singh Irfan Saeed Niaz (Harf) अब्र The Imperfect Parwaaz-e-Qalam (Faiz Siddiqui) Sarfraz Ahmad

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चलो ये ज़िंदगी अब हम तुम्हारे नाम करते हैं

सुना है बे वफा की बे वफा से खूब बनती हैं

जानी..




















 





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©꧁j͟a͟a͟n͟i͟꧂ᴥ︎︎︎ #Travelstories  mahi singh  Irfan Saeed  Niaz (Harf)  अब्र The Imperfect  Parwaaz-e-Qalam (Faiz Siddiqui)  Sarfraz Ahmad

dilkibaatwithamit

वो जिसको एक पल भी भुलाता नहीं हूँ मैं अक्सर उसी को याद भी आता नहीं हूँ मैं मिस काल कर रहा था कल शाम तक जिसे आज उसका फोन खुद ही उठाता नही

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White वो जिसको एक पल भी भुलाता नहीं हूँ मैं
अक्सर उसी  को याद भी आता नहीं हूँ मैं 

मिस काल कर रहा था कल शाम तक जिसे 
आज उसका फोन खुद ही उठाता नही हूँ मैं 

मैं जिसको चाहता था हकीक़त में पास हो 
अब ख़्वाब में भी उसको बुलाता नही  हूँ मैं 

ऐसा नहीं वो लौट के आएगा एक दिन 
फिर भी ये दिल किसी से लगाता नही हूँ मैं 

अपनों को मुझसे एक ही तक़लीफ़ है जनाब 
क्यूँ  उनके  आगे  रोता  झिझाता  नही हूँ मैं 

चाहत नहीं के  इनका  मरहम करे कोई 
यूँ ही किसी को जख़्म दिखाता नही हूँ मैं

उस से कहो वो रोज़ मेरा शुक्रिया करे 
अपनी नज़र से जिसको गिराता नही हूँ मैं 
...

©dilkibaatwithamit वो जिसको एक पल भी भुलाता नहीं हूँ मैं
अक्सर उसी  को याद भी आता नहीं हूँ मैं 

मिस काल कर रहा था कल शाम तक जिसे 
आज उसका फोन खुद ही उठाता नही

theABHAYSINGH_BIPIN

#Sad_Status देख कर तुझको पहली बार, मेरे दिल पर शामत आई थी। मैं होश में कहाँ था उस वक़्त, जज़्बातों में लहर सी आई थी। सुध-बुध खोकर बैठा था

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White देख कर तुझको पहली बार,
मेरे दिल पर शामत आई थी।
मैं होश में कहाँ था उस वक़्त,
जज़्बातों में लहर सी आई थी।

सुध-बुध खोकर बैठा था मैं,
आँखों में चमक सी आई थी।
दुनिया की फिक्र किसको थी,
मेरी जान जाँ पर बन आई थी।

तेरे ही एहसासों में जीने का,
ये कैसी जुनून मुझपे छाई थी।
मैं, धड़कन और रूह ने मेरी,
दुनिया से नाता तोड़ आई थी।

मिलकर तुझसे ये एहसास हुआ,
तूने जिंदगी मेरी लौटाई थी।
डुबकर तुझमें ये एहसास हुआ,
मेरे दिल को सुकून सी आई थी।

तुम मुझसे दूर जाकर भी तुमने,
जीने का तरीका सिखलाई थी।
तुमसे बिछड़कर ये एहसास हुआ,
तेरी यादों में राहत सी आई थी।

©theABHAYSINGH_BIPIN #Sad_Status 
देख कर तुझको पहली बार,
मेरे दिल पर शामत आई थी।
मैं होश में कहाँ था उस वक़्त,
जज़्बातों में लहर सी आई थी।

सुध-बुध खोकर बैठा था

theABHAYSINGH_BIPIN

#Sad_Status मैं बैठे-बैठे सोच रहा था, उनकी तस्वीरें ताक रहा था। मन के कोने में हलचल थी, लबों पर नाम सजा रहा था। बीती यादों का सैलाब उमड़ा,

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White मैं बैठे-बैठे सोच रहा था,
उनकी तस्वीरें ताक रहा था।
मन के कोने में हलचल थी,
लबों पर नाम सजा रहा था।

बीती यादों का सैलाब उमड़ा,
गुज़रा वक्त भी सता रहा था।
जिक्र उनका अब जरूरी नहीं,
खयालों में डूबता जा रहा था।

©theABHAYSINGH_BIPIN #Sad_Status मैं बैठे-बैठे सोच रहा था,
उनकी तस्वीरें ताक रहा था।
मन के कोने में हलचल थी,
लबों पर नाम सजा रहा था।

बीती यादों का सैलाब उमड़ा,

theABHAYSINGH_BIPIN

#coldwinter कोहरे से ठिठुर गया है सूरज दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त। छाई है काली घटा सी धुंध, धरती ढकी बर्फ की चादर में। हाथ-पैर अब जमने लगे

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कोहरे से ठिठुर गया है सूरज
दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त।
छाई है काली घटा सी धुंध,
धरती ढकी बर्फ की चादर में।

हाथ-पैर अब जमने लगे हैं,
सर्दी ने रोका हर काम।
हिम्मत भी थरथर कांप उठी,
लिपटे हम गर्म चादर में।

उठकर मुंह धुलना भी दुश्वार है,
किसने बर्फ डाल दी पानी में?
कौन है जो यूं कहर ढा रहा,
पूरे गांव को कैद किया है घर में?

राह अंधेरी, जमी हुई है,
थोड़ी उम्मीद बची है मन में।
चलता हूं बस सहारे इसके,
जो दिख रहा टॉर्च की रोशनी में।

शिथिल पड़े हैं मेरे जज्बात,
आलस ने ले लिया गिरफ्त में।
यह कैसा दिन, एक पल न सुहा,
सिकुड़ा पड़ा हूं एक चादर में।

हर कदम जैसे थम सा रहा,
जीवन को ढो रहा धुंध में।
क्या कभी सूरज की रौशनी लौटेगी,
या मैं यूं ही खो जाऊं रजाई में?

©theABHAYSINGH_BIPIN #coldwinter 
कोहरे से ठिठुर गया है सूरज
दिखता नहीं कहीं भी मुहूर्त।
छाई है काली घटा सी धुंध,
धरती ढकी बर्फ की चादर में।

हाथ-पैर अब जमने लगे

Shyarana Andaaz (अज्ञात)

Faiz Ahmed Faiz Shyari #piyushmishra

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Nazia Shereen

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