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Mohammad Arif (WordsOfArif)
अपनी किस्मत पर क्यूं ना इतराऊ मैं या रसूल अल्लाह आप पर कुर्बान हो जाऊं मैं इतना बुलंद मर्तबा है आपका नबियों में सारी दुनिया से मर्दे मुजाहिद बनकर लड़ जाऊं मैं ©Mohammad Arif (WordsOfArif) अपनी किस्मत पर क्यूं ना इतराऊ मैं या रसूल अल्लाह आप पर कुर्बान हो जाऊं मैं इतना बुलंद मर्तबा है आपका नबियों में सारी दुनिया से मर्दे मुजाहि
Nematullah Paighamberpuri
भरोसे के क़ाबिल ये इंसाँ कहाँ है بھروسے کے قابل یہ انساں کہاں ہے सहाबा के जैसा वो ईमाँ कहाँ है صحابہ کے جیسا وہ ایماں کہاں ہے न बाक़ी रहा दिल में ख़ौफ़-ए-ख़ुदा अब نہ باقی رہا دل میں خوفِ خُدا اب वो मर्दे मुजाहिद का सीना कहाँ है وہ مردِ مُجاہِد کا سینہ کہاں ہے ( नेमतुल्लाह शैख़ पैग़म्बरपुरी ) ( نعمت اللہ شیخ پیغمبر پوری ) ©Nematullah Shaikh Paighamberpuri #nematullahshaikhpaighamberpuri #bestnojoto भरोसे के क़ाबिल ये इंसाँ कहाँ है بھروسے کے قابل یہ انساں کہاں ہے सहाबा के जैसा
आशुतोष "गोरखपुरी"
aarzo thi tumse milne ki मगर तुम राजी न हुई, jab raazi hui milne ko tum, कमबख्त हम राजी न हुए अरे बाप हो कैसे मिली सूरज देव बहरवा भुज दिहे 😂🤣 ©आशुतोष "गोरखपुरी" का हो सूरज देव केहू से मिले भी न देबा का हो मर्दे 😢🤣
Akhtar Raza
Mujaheed Jamadar
गमजदा हुँ थोडासा सबर दे ए खुदा हाले-बेहाल हुँ थोडासा सवार दे ए खुदा राह भटका हु सही रास्ता दिखा दे ए खुदा मुजाहिद तेरा जिहाद भूल रहा है थोड़ीसी तौफीक दे ए ख़ुदा ये काफिर तेरे चौकट पर आ गिरा है तेरे मजलिस में बेसहारा खड़ा है इस बेसहारे को थोड़ासा सहारे दे ए खुद ए खुदा #खुदा #khuda #बेसहारा #काफ़िर #मुजाहिद #जिहाद #प्यार #मोहोबत #दुआ Shama Sn Akum Tadar Fayza iqbal says Muhammad Ameen Ul Islam Rubeena
Abeer Saifi
इस सहरा-ए-दिल को प्यार से सजाइए, कुछ वीरान गुलिस्तां को ख़ार से सजाइए اا सरहद है यहां दुश्मनी के फूल खिलते हैं, छोड़िए के इस ज़मीं को तार से सजाइए اا तनहा हैं तो कोई ग़म नहीं है ज़िन्दगी में, मगर लाज़िम है इसे कुछ यार से सजाइए اا जंग है हयात और हम मुजाहिद हैं 'अबीर', कुछ तो ज़रा समझिये इसे वार से सजाइए اا सहरा - रेगिस्तान, गुलिस्तां- बाग़, ख़ार - काँटों, हयात - जीवन, मुजाहिद- योद्धा सुप्रभात। जीवन रूपी कमरे को, प्यार से सजाइए... #प्यारसे #co
Abeer Saifi
इस सहरा-ए-दिल को प्यार से सजाइए, कुछ वीरान गुलिस्तां को ख़ार से सजाइए اا सरहद है यहां दुश्मनी के फूल खिलते हैं, छोड़िए के इस ज़मीं को तार से सजाइए اا तनहा हैं तो कोई ग़म नहीं है ज़िन्दगी में, मगर लाज़िम है इसे कुछ यार से सजाइए اا जंग है हयात और हम मुजाहिद हैं 'अबीर', कुछ तो ज़रा समझिये इसे वार से सजाइए اا सहरा - रेगिस्तान, गुलिस्तां- बाग़, ख़ार - काँटों, हयात - जीवन, मुजाहिद- योद्धा सुप्रभात। जीवन रूपी कमरे को, प्यार से सजाइए... #प्यारसे #co
Mujaheed Jamadar
आज फिर वही हालात है मैं और मेरी तन्हाई मेरे साथ है आज फिर वही जज़्बात है कुछ मुकमल कुछ अधूरी मेरी बात है आज फिर वही मुश्किलात है मेरे दिल या जेहेन के बीच किसी एक को कि चुनने की बात है आज फिर वही हालात है दास्ताने मोहबत लिखू या लिखू कामियाबी के सिलसिले कुछ इसी कश्मकश में आजकी रात है आज फिर वही हालात है आज फिर वही हालात है मैं और मेरी तन्हाई मेरे साथ है आज फिर वही जज़्बात है कुछ मुकमल कुछ अधूरी मेरी बात है