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Diwa
You're a writer when you find your meaning in the meaningless scribbles you're often driven to create. "Meaning" #Meaning #KwentongDiwa #Diwa
sujeeta
हमारे हालात ये कभी तय नही करते कि हमारी जिंदगी बस यही खतम है ©sujeeta हालत
manish Kumar Manav
मुरझाया हुआ रहता हूं तेरे आने से पहले! मुर्झा जाता हूं तेरे जाने के बाद! कयामत से पहले कर लो दिल कि दोस्ती। वरना नही मिलेगा मुझसा! मेरे जाने के बाद! ©manish Kumar Manav हालत
सुकून
हालत अगर साथ देते तो हम खुद को कभी भी अधूरे नही पाते जिंदगी में तेरे बिना जिंदगी के राहों में ©सुकून #हालत #
sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3
बीमार अस्पताल से घर आ तो गया... हालात की हालत और बिगड़ रही है..। - ख़ब्तुल संदीप बडवाईक ©sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3 हालत
HP
एक व्यक्ति है। वह कहता है- मेरा मकान बड़ा आलीशान है। कई लाख रुपये खर्च कर के मैंने उसे बनाया है। उसमें मेरा सामान, कपड़े, फर्नीचर, बर्तन आदि सब सामान रखा हुआ है। मैं इसका हिस्सा अपने भाई को न दूँगा, क्योंकि यह मेरा घर है। मैं प्रति वर्ष इसकी लिपाई-पुताई, सफाई कराता हूँ, रंगवाता हूँ, टूटे-फूटे स्थानों की मरम्मत करवाता हूँ, वर्षा से उसकी रक्षा करता हूँ। इस घर में किसी को ठहरने न दूँगा, यह मुझे बहुत प्यारा है। इसमें और किसी का अधिकार नहीं। एक दिन रात में वह अपने छत की मुंडेर पर खड़ा बाहर दुनिया की ओर देख रहा था। पास ही एक खण्डहर था। उससे बहुत हल्की आवाज आ रही थी। स्वर बहुत मीठा लगा, वह व्यक्ति ध्यान पूर्वक उस खण्डहर की बात सुनने लगा। खण्डहर कह रहा था- मुझे देख, मैं भी किसी दिन तेरे महल की तरह ही ऊँचा था, मेरी साज-सज्जा से लोगों की आँखें चकाचौंध हो जाती थीं, मेरे आँगन में बड़ी चहल-पहल रहती थी। बड़े हास्य-विनोद देखे हैं मैंने। पर जब से मेरा मालिक मर गया, तब से किसी ने मेरी ओर ध्यान न दिया। बेखबरी ने मुझे इस हालत में पहुँचा दिया है। हालत
Darlo the king 🦁🐯
ये जमाने वालो हमें भी कम ना समझना बहुत दर्द छुपा रखा है सीने में बस जिए जा रहा हूं हालातों की बझा से वरना अब तो थोड़ा भी मजा नहीं जीने में । .........✍️ साधु बाबा हालत
ajay jain अविराम
भटकाना तो वो भी चाहते है जिनके फरेब के कारखाने है बिक भी गये बदनाम हो कर अस्तित्व न चित्त चारोंखाने है अजय अविराम हालत
धीरज सिंह राठौड़ ( रूद्र )
तनहा था तन्हाइयो में जीता था ,अपने अश्कों को पलको में छुपाए रहता था । वक़्त की परछाइयों में जीता था,गमो को दिल में दबाए जीता था ।। छा गई जिंदगी पर मेरी सुबह की शबनम की तरह, अब तो हर वक़्त यादों में सफ़र करता हूं ।। रूद्र हालत