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dilkibaatwithamit
White आना था जिसे आज वो आया तो नहीं है ये वक़्त बदलने का इशारा तो नहीं है ये कौन गया है कि झपकती नहीं आँखें रस्ते में वो ठहरा हुआ लम्हा तो नहीं है हँसता हुआ चेहरा है दमकता हुआ पैकर गुज़रा हुआ ये मेरा ज़माना तो नहीं है आँखों ने अभी नींद का दामन नहीं छोड़ा ख़्वाबों से भरोसा अभी टूटा तो नहीं है रस्ते में अमित' उस की तबीअ'त का बिगड़ना घर जाने का इक और बहाना तो नहीं है ©dilkibaatwithamit आना था जिसे आज वो आया तो नहीं है ये वक़्त बदलने का इशारा तो नहीं है ये कौन गया है कि झपकती नहीं आँखें रस्ते में वो ठहरा हुआ लम्हा तो नहीं ह
आना था जिसे आज वो आया तो नहीं है ये वक़्त बदलने का इशारा तो नहीं है ये कौन गया है कि झपकती नहीं आँखें रस्ते में वो ठहरा हुआ लम्हा तो नहीं ह
read moreDiya
White दिल इस कदर टूटा है मेरा लगता है, अब जुड न पाएगा, आप की बाहों में आकर ही चैन वो पाएगा, नही तो फिर मर जाएगा। ©Diya #Sad_Status #दिल इस कदर #टूटा है मेरा लगता है, अब जुड न पाएगा, आप की #बाहों में आकर ही #चैन वो पाएगा, नही तो फिर #मर जाएगा। #diyakikalams
deeksha "अजनबी"
White मेरे और उनके मोहब्बत में बहुत फर्क था मुझे सिर्फ उनसे मोहब्बत थी और उन्हें मुझसे भी मोहब्बत थी ©deeksha "अजनबी" #Thinking टूटा हुआ दिल लव सैड शायरी
#Thinking टूटा हुआ दिल लव सैड शायरी
read moredilkibaatwithamit
White तुझे लिखना ही मेरा काम क्यूँ है तेरा याद आना ही इलहाम क्यूँ है जुलाई में अगर टूटा था ये दिल तो फिर ये #फरवरी बदनाम क्यूँ है कभी नफ़रत को भी सूली चढ़ाओ मुहब्बत का ही क़त्ल ए आम क्यूँ है हर इक इंसान को चाहत है इसकी फिर उलफ़त इस क़दर बे दाम क्यूँ है जुदाई बेवफ़ाई और आँसू मुहब्बत का यहीं अंजाम क्यूँ है तड़पना और रोना शेर लिखना यहीं सब इश्क़ का इनआम क्यूँ है ... ©dilkibaatwithamit तुझे लिखना ही मेरा काम क्यूँ है तेरा याद आना ही इलहाम क्यूँ है जुलाई में अगर टूटा था ये दिल तो फिर ये #फरवरी बदनाम क्यूँ है कभी नफ़रत को
तुझे लिखना ही मेरा काम क्यूँ है तेरा याद आना ही इलहाम क्यूँ है जुलाई में अगर टूटा था ये दिल तो फिर ये #फरवरी बदनाम क्यूँ है कभी नफ़रत को
read moreजगत हितकारनी 274
flower quotes in English, flower messages जय परमेश्वर यह बनीये जीसकेनांमका;पापकरातेहें;उसीकोलगजाताहे,सो में-अपनेबीतीहुई बात सारीईसकीताबमे'लीखताहूं'ओर में सबसंसारकी ओलाद उभरनेकेवास्ते,हजारों,रुपीया खरचकरताहूं ओर-दुखपाके-संसारको,वाकीफकरताहूं,जबभी,संसार नहीसमझताहे किजोऐकदीलहोकर'ईनहोंके'पापकोछोडावें तो सबकेबच्चोंको आरांममीले.... ( ९९ ) अज तसनीफ साध अनुपदास लीखी- कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) तमांम पढ़कर बंन्दोबस्त करो छावणी ऐरनपुरामें, शिवगंज - ३०७०२७ (राज.) ता १७ अप्रेल संन १९०९ झा बैसाष बुदी १२ सं॥ १९६५ M. No. :- 8905653801 www.jagathitkarnioriginal.org ©जगत हितकारनी 274 जय परमेश्वर यह बनीये जीसकेनांमका;पापकरातेहें;उसीकोलगजाताहे,सो में-अपनेबीतीहुई बात सारीईसकीताबमे'लीखताहूं'ओर में सबसंसारकी ओलाद उभरनेकेवास्त
जय परमेश्वर यह बनीये जीसकेनांमका;पापकरातेहें;उसीकोलगजाताहे,सो में-अपनेबीतीहुई बात सारीईसकीताबमे'लीखताहूं'ओर में सबसंसारकी ओलाद उभरनेकेवास्त
read moreJAGAT HITKARNI 274
जय परमेश्वर यह बनीये जीसकेनांमका;पापकरातेहें;उसीकोलगजाताहे,सो में-अपनेबीतीहुई बात सारीईसकीताबमे'लीखताहूं'ओर में सबसंसारकी ओलाद उभरनेकेवास्ते,हजारों,रुपीया खरचकरताहूं ओर-दुखपाके-संसारको,वाकीफकरताहूं,जबभी,संसार नहीसमझताहे किजोऐकदीलहोकर'ईनहोंके'पापकोछोडावें तो सबकेबच्चोंको आरांममीले.... ( ९९ ) अज तसनीफ साध अनुपदास लीखी- कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) तमांम पढ़कर बंन्दोबस्त करो छावणी ऐरनपुरामें, शिवगंज - ३०७०२७ (राज.) ता १७ अप्रेल संन १९०९ झा बैसाष बुदी १२ सं॥ १९६५ M. No. :- 8905653801 www.jagathitkarnioriginal.org ©JAGAT HITKARNI 274 जय परमेश्वर यह बनीये जीसकेनांमका;पापकरातेहें;उसीकोलगजाताहे,सो में-अपनेबीतीहुई बात सारीईसकीताबमे'लीखताहूं'ओर में सबसंसारकी ओलाद उभरनेकेवास्त
जय परमेश्वर यह बनीये जीसकेनांमका;पापकरातेहें;उसीकोलगजाताहे,सो में-अपनेबीतीहुई बात सारीईसकीताबमे'लीखताहूं'ओर में सबसंसारकी ओलाद उभरनेकेवास्त
read moreजगत हितकारनी 274
White जय परमेश्वर कीरोङों आदमीयोंको यह बनीये.जादुके.जुल्मसे.मारदेतेहें और नांम देवतोंका लगादेतेहें.कि.देवतोंने.दोशकीयाहे जीससे मरेहें,इसीतरहसे;कीरोङों;जांनवरोंको,अपने जादुसे देवतोंका;नांम लगाके-मरादेतेहें;सोतुम संसारके लोगोंकी बुद्धी राक्षसीपापने;भ्रष्टकरदीहे-जीससे तुम,देवतोंके उपर अपने,हाथसे,जांनवरोंको,मारतेहो,सोयह राक्षसबीद्याका पाप प्रगटहे;सोतो;जीस;मुलकमें देवतोंके उपर जीव मरातेहें सो;तलाशकरकेदेखो;क्युंकि यह,बात प्रगटहे..... ( २६४ ) अज तसनीफ साध अनुपदास लीखी- कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) तमांम पढ़कर बंन्दोबस्त करो छावणी ऐरनपुरामें, शिवगंज - ३०७०२७ (राज.) ता १७ अप्रेल संन १९०९ झा बैसाष बुदी १२ सं॥ १९६५ M. No. :- 8905653801 www.jagathitkarnioriginal.org ©जगत हितकारनी 274 जय परमेश्वर कीरोङों आदमीयोंको यह बनीये.जादुके.जुल्मसे.मारदेतेहें और नांम देवतोंका लगादेतेहें.कि.देवतोंने.दोशकीयाहे जीससे मरेहें,इसीतरहसे;की
जय परमेश्वर कीरोङों आदमीयोंको यह बनीये.जादुके.जुल्मसे.मारदेतेहें और नांम देवतोंका लगादेतेहें.कि.देवतोंने.दोशकीयाहे जीससे मरेहें,इसीतरहसे;की
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White जय परमेश्वर आंखेंतो;नारांयणने देखनेके वास्तेदीहें-सो-मालीकने-आंखेंतो-सब सरीरमें अनमोल;हीरा-बनाइहें-सो-नजर-कीसीको कीसीकी नहीलगतीहे नजर-कोनसीबरछी-भाला-या गोली तीरहे;जो लगजावे,यहतो?नारांयणने,देखनेकेवास्ते बनाइहें..... ( २७० ) अज तसनीफ साध अनुपदास लीखी- कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) तमांम पढ़कर बंन्दोबस्त करो छावणी ऐरनपुरामें, शिवगंज - ३०७०२७ (राज.) ता १७ अप्रेल संन १९०९ झा बैसाष बुदी १२ सं॥ १९६५ M. No. :- 8905653801 www.jagathitkarnioriginal.org ©LalitPurohit #good_night जय परमेश्वर आंखेंतो;नारांयणने देखनेके वास्तेदीहें-सो-मालीकने-आंखेंतो-सब सरीरमें अनमोल;हीरा-बनाइहें-सो-नजर-कीसीको कीसीकी नहीलगती
#good_night जय परमेश्वर आंखेंतो;नारांयणने देखनेके वास्तेदीहें-सो-मालीकने-आंखेंतो-सब सरीरमें अनमोल;हीरा-बनाइहें-सो-नजर-कीसीको कीसीकी नहीलगती
read moreनवनीत ठाकुर
"तेरी बातों पे विश्वास किया, फिर भी दिल टूटा, कितनी तुझसे उम्मीदें थीं, वो सब झूठा निकला।" तुम्हारी बातों पर था यकीन, फिर भी दिल दर्द से भर गया, हर बार तुमसे जो उम्मीदें थीं, इस बार भी ख्वाबों की तरह बिखरा। "तेरी कसमों पे विश्वास किया, फिर भी दिल टूटा, कितनी तुझसे उम्मीदें थीं, वो सब झूठा निकला।" ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर "तेरी बातों पे विश्वास किया, फिर भी दिल टूटा, कितनी तुझसे उम्मीदें थीं, वो सब झूठा निकला।" तुम्हारी बातों पर था यकीन, फिर भी
#नवनीतठाकुर "तेरी बातों पे विश्वास किया, फिर भी दिल टूटा, कितनी तुझसे उम्मीदें थीं, वो सब झूठा निकला।" तुम्हारी बातों पर था यकीन, फिर भी
read moreनवनीत ठाकुर
दुश्मनी का सफ़र भले ही छोटा हो, इंसानियत की राह पर चलना बड़ा होता है। जो दुश्मन था कभी, वो अब रास्ता दिखा सकता है, दिलों में घावों को भी मोहब्बत भर सकता है। अक्सर जख्मों से ही नई ताकत मिलती है, जो कभी टूटा था, वही फिर से उठ सकता है। दुश्मनी की दीवार कब तक खड़ी रहेगी, सच्ची दोस्ती की हवाओं में वो भी गिर सकेंगी। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर दुश्मनी का सफ़र भले ही छोटा हो, इंसानियत की राह पर चलना बड़ा होता है। जो दुश्मन था कभी, वो अब रास्ता दिखा सकता है, दिलों में घाव
#नवनीतठाकुर दुश्मनी का सफ़र भले ही छोटा हो, इंसानियत की राह पर चलना बड़ा होता है। जो दुश्मन था कभी, वो अब रास्ता दिखा सकता है, दिलों में घाव
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