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F M POETRY
White वो दिल में समाया था सच बोलकर. मगर था फरेबी निकल भी गया. मैं धोखा फरेबों से वाक़िफ़ नहीं. ये कहता था जो वो बदल भी गया. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #मैं धोखा फरेबों से वाक़िफ़ नहीं..
#मैं धोखा फरेबों से वाक़िफ़ नहीं..
read moreUrmeela Raikwar (parihar)
White तुम गये ज़िंदगी से, दिल तो हैं बस धड़कन नहीं तुम नहीं तो मै नही. written by Urmee ki Diary ©Urmeela Raikwar (parihar) #Thinking तुम नहीं तो, मैं नहीं
#Thinking तुम नहीं तो, मैं नहीं
read moreKnazimh
White मैं खामोश नहीं बस चुप्पी साध रखी है । हैं जमाना साथ फिर, भी बंदूक तन रखी है वो आँसू बहते है, दिखावे के ज़माने को। हमने भी हर अदा को आज़माने के हुनर पला रखे है । नहीं करते गुफ़्तगू वो तो हम भी अपने रवैये पर है खमोश सही पर चुप्पी साध रखी है । ©Knazimh मैं खामोश नहीं।।
मैं खामोश नहीं।।
read moreAshok Verma "Hamdard"
White स्मार्टफोन की कैद खुद से ज़्यादा संभालकर रखता हूँ मोबाइल अपना, क्योंकि हर रिश्ता अब इसी में बसा है सपना। वक्त के साथ बदल गए मुलाकातों के मायने, अब स्क्रीन पर सिमट गए हैं चाहतों के आईने। संदेशों में छुपी है माँ की ममता की बात, वीडियो कॉल में मिलती है पिता की सौगात। दोस्तों के ठहाके अब वॉइस नोट में सजे हैं, सारे रिश्ते जैसे डिजिटल दायरे में बंधे हैं। न गली के नुक्कड़, न चौपाल की कहानियाँ, बस ऐप्स में सिमट गई हैं सारी रवायतें पुरानियाँ। खुशियाँ और ग़म अब इमोजी से बयाँ होते हैं, दिल के जज्बात भी टेक्स्ट में दबे-छुपे से होते हैं। काश लौट पाती वो कागज़ की चिट्ठियाँ, जहाँ भावनाएँ चलती थीं हवाओं की लहरियाँ। पर अब यही मोबाइल है रिश्ता निभाने का सहारा, इसके बिना तो ज़िंदगी लगे सूना और बंजारा। समय का तकाज़ा है, इसे अपना लिया है, दिल से रिश्तों का नाता इसमें जमा लिया है। पर कहीं ना कहीं दिल में ये सवाल उठता है, क्या वाकई हर रिश्ता इसी डिवाइस में सच्चा लगता है? ©Ashok Verma "Hamdard" #स्मार्ट फोन की कैद
#स्मार्ट फोन की कैद
read moreseema patidar
White बांधता रहता है तु, ओरो के तारीफो के पुलिंदे क्या मैं उन सबसे फीकी हु क्या सच में लगू अधूरी सी,क्या मैं तेरे लिए परिपूर्ण नहीं हजारों के बीच तराशा है तूने मुझे,क्या मैं तेरे लिए कोहिनूर नही वो छांव में खिलती कोमल कलियों सी मैं संघर्षो के बीच धूप में जलती सी तेरे दर्द को खुद में समेटे,तेरी प्रीत में खुद को लपेटे सब जितनी परिपूर्ण नहीं,पर तुझसे मिलती जुलती सी तू ही बता क्या कमी है मुझमें,क्या सच में लगू अधूरी सी क्या मैं तेरे लिए परिपूर्ण नहीं ......... kamini....... ©seema patidar क्या तेरे लिए मैं परिपूर्ण नहीं .....
क्या तेरे लिए मैं परिपूर्ण नहीं .....
read moreअनिल कसेर "उजाला"
White जीवन को न समझ जंजाल उजाला, सारी दुनिया भी तो है बेहाल उजाला। यारों ग़म की नहीं कोई औकात यहाँ, जो न रहने दे हमको खुशहाल उजाला। ©अनिल कसेर "उजाला" औकात
औकात
read moreDR. LAVKESH GANDHI
White बदनाम मैं तो बुरा था बदनाम किसने कर दिया जिसका मैंने भला किया उसने ही मुझे यह शिला दिया खुद का उसे पता नहीं मगर उसने मुझे बदनाम कर दिया मैंने उसे आईना दिखा दिया तो रात में उसने खुदकुशी कर ली ©DR. LAVKESH GANDHI #Badnam # # मैं बुरा था मगर बदनाम नहीं #
Badnam # # मैं बुरा था मगर बदनाम नहीं #
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