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Parasram Arora
Unsplash जीवंन के विकास क्रम. मे आचरण की शिथिलता स्पष्ट नजर आ रहीं हैँ संवेदनाओं के स्तर धीरे धीरे शून्यता की तरफ अग्रसर होते दिख रहेहैँ और बुलंदियों की सुदौल आकृति भी लड़खड़ाती हुई दिख रहीं हैँ ©Parasram Arora जिवंन के विकास क्रम मे
जिवंन के विकास क्रम मे
read moreMohan Sardarshahari
काले को सभी कहते काला न ही किसी ने उधर नजर डाला तूने जब गाऊन काला डाला काले को बना दिया उजाला।। ©Mohan Sardarshahari # काला
# काला
read moreRAMLALIT NIRALA
एक माँ के दो लाल दोनो का प्यार निराला है दूनिया के रित अजिब है यारो जब हो रहा बटवारा है। मन मोह के जाल में फंस के आखो पे पट्टी छाई है बचपन कि बाते भुल गया अब देखो घर ये कैसी आई है ©RAMLALIT NIRALA भाई भाई मे बटवारा
भाई भाई मे बटवारा
read moreRAMLALIT NIRALA
एक माँ के दो लाल दोनो का प्यार निराला है दूनिया के रित अजिब है यारो जब हो रहा बटवारा है। मन मोह के जाल में फंस के आखो पे पट्टी छाई है बचपन कि बाते भुल गया अब देखो घर ये कैसी आई है ©RAMLALIT NIRALA भाई भाई मे बटवारा
भाई भाई मे बटवारा
read moreGhumnam Gautam
मैं धागा-धागा खुल जाऊँगा तय है मगर तुम खुद को चरखा करके जाना झुके नैनों में होती क्या कशिश है सबक़ ये हमने सजदा करके जाना हमारे दर-मयाँ जो फ़ासले हैं उन्हें इस दफ्अ मिन्हा करके जाना ©Ghumnam Gautam #धागा #दरमियाँ #ghumnamgautam
Parasram Arora
White मेरी यादो मे तुम बसें हो पर अफ़सोस नाम तुम्हारा याद नहीं अगली बार ज़ब तुम मिलो तो अपना नाम ज़ोर से बोल कर मुझसे गले मिलना ©Parasram Arora मेरी यादो मे तुम
मेरी यादो मे तुम
read moreParasram Arora
White तेरी पायल की खनक से मै गहरी नींद मे भी जाग जाता हू आँखे मसल कर चारो तरफ तुझे ढूंढ़ता हू पर न जाने तुम म होती हो कहा पथरो के इस शहर मे आकर मै भी एक पत्थर बन गया हू अब तेरे मासूम स्पर्श से भी मेरे जज्बात कंपते हैँ कहा? ©Parasram Arora पथरो के शहर मे
पथरो के शहर मे
read moreParasram Arora
White प्रेम के अभाव मे जीवन मारुस्थलीय जीवन की तरह हो जाता है.. ऐसे खुशक जीवन मे दूर दूर तक कोई जल स्त्रोत या कोई झरना नहीं दिखता. और न ही कही धूप मे बचने के लिए किसी वृक्ष का साया ही मिल पाता है ©Parasram Arora प्रेम के अभाव मे
प्रेम के अभाव मे
read moreParasram Arora
White सहरा के सफऱ मे वो चलते चलते ठिठक कर ठहर गया हैँ लगता हैँ कहीं उसे इस रेत के सरोवर मे कोई बहता हुआ झरना दिख गया हो ©Parasram Arora रेत के सरोवर मे
रेत के सरोवर मे
read moreParasram Arora
White इस वक़्त ने अपने हाथ की मुट्ठी मे न जाने क्या क्या छुपा कर रखा हैँ हो सकता उस मुट्ठी मे वे ख्वाब भी हो. जिन्हे मै साकार करने के लिएहर वक़्त लालायित रहता हू ©Parasram Arora वक़्त की मुट्ठी मे
वक़्त की मुट्ठी मे
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