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kaushlendrayadav
मन उदास है आज,बचपन में खो जाना चाहता है। #kaushlendraYadava #poetryunplugged #कविता
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क्या खूब कहा है किसी ने जब मन उदास हो तो शब्दो का चयन करना आसान हो जाता है ©Sapna #उदास #मन
Jupiter and its moon
आंखों में ये मंज़र क्या है? दिल में छुपा समंदर क्या है? रहता है ख़ामोश सा हरदम ! आख़िर तेरे अंदर क्या है? ©Jupiter and it's moon....(प्रतिमा तिवारी) उदास मन!
उदास मन! #शायरी
read moreImran Shekhani (Yours Buddy)
यह मन भी कमबख़्त हर वक्त उदास उदास रहता है, तु तो चली गई, यह आज भी तेरी तलाश में रहता है। Imran Shekhani ©Imran Shekhani (Yours Buddy) यह मन भी कमबख़्त हर वक्त उदास उदास रहता है, तु तो चली गई, यह आज भी तेरी तलाश में रहता है। Imran Shekhani #sher #shayari #शेर #शायरी #ori
यह मन भी कमबख़्त हर वक्त उदास उदास रहता है, तु तो चली गई, यह आज भी तेरी तलाश में रहता है। Imran Shekhani sher shayari शेर शायरी ori
read moreMamta kumari
कभी कभी मन यूंही उदास हो जाता है पता नही ऐसा क्यों होता है। ना जानते ना मानते ना कुछ सोचते पता नही मन उदास क्यों हो जाता है अकेला मन पता नही क्या सोचने लगता है खाली दिमाग शैतान का होने लगता है। कभी कुछ तो कभी कुछ सोचने लगता है ना जाने मन कभी कभी क्यों उदास होने लगता है। ©Mamta kumari #ना जाने मन क्यों उदास होने लगता है।
Vandana Mishra
बचपना में जब मैं 3th class में पढ़ती थी। गांव से एक किलोमीटर दूरी पर मेरा स्कूल था। मेरे साथ मेरी दीदी .भैया और भी मोहलले पड़ोस के भाई बहिन सब एक साथ पैदल स्कूल पड़ने जाया करते थे।जब चलते चलते थक जाती । तो रास्ते में एक बूढ़ी दादी की बेर.अमरुद की बगीची पडती थी।तो हम सब भाग भाग कर बूढ़ी दादी के पास बैठने के लिए पहुंचा करते। दादी सबसे ज्यादा प्यार हमें करतीं थीं । क्योंकि मैं सबसे छोटी थी।वो मेरेको छुटकी बोल कर बुलाया करतीं।और मेरे लिए बेर.अमरुद अपने पल्लू में छुपा कर रखतीं ।मै अक्सर उनकी झुली खाल को अपने हाथों से मसल देती। दादी मेरेको बड़े प्यार से चांटा मारतीं ।दादी की झूलती गुलगुली खाल. उनके मुख से नये नये किस्से.उनके बचपन की पुरानी बातें सुनने में बहुत प्यारी लगती। मैं हर रोज छुट्टी के बाद एक घंटा दादी के पास व्यतीत करती। ऐसे ही दो साल बीत गए। फिर कुछ दिनों बाद उस बग़ीची में दादी नहीं दिखीं तो दिल बहुत बेचैन सा होने लगा। दादी के बगैर वो बगीची उजड़ी उजड़ी लगने लगी। एक महिनें बाद एक युवा उस बग़ीची में दिखे।उनसे पुछा। दादी कहां है?अब आतीं नहीं बग़ीची। उन्होंने बताया कि दादी तो चलीं गयीं। भगवान के पास अब कभी नहीं आयेंगी। ऐसा सुनकर मैं रो पड़ी।और स्कूल जाने की बजाय मै रास्ते से ही घर लौट आई।अब तो बस दादी की वो बातें उनकी आंखों की चमक.मेरे सिर पर हाथ रख मुख से निकलीं दुआएं.बहुत सारी यादें माइंड में गूंजती रही। वो दादी ही नहीं बल्कि मेरे लिए एक फरिश्ता थीं।.... miss u dadi maa😢 ©Vandana Mishra आज बूढ़ी दादी नहीं दिखीं तो मन उदास हो गया ...😔
आज बूढ़ी दादी नहीं दिखीं तो मन उदास हो गया ...😔 #Motivational
read morePushpendra Pankaj
कोइ घर तक आया रंग लगाने, इसी लिए मन इतराता है, वरना इस भाग-दौड़ मे कौन किसी के घर आता है।। कुछ तो तुझ मे खास बावरे जो कुछ को तू भी भाता है ।। दुनिया के खुशकिस्मत लोगों मे तेरा नंबर भी आता है ।। पुष्पेन्द्र"पंकज" ©Pushpendra Pankaj #happyholi आज मन खुश है।
#happyholi आज मन खुश है। #कविता
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