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Stories related to poet of the ball poem

RAVAN

Dragon Ball daima

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Ajita Bansal

#Newyear2025 poem of the day

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New Year 2025 नया साल आया है, नई उम्मीदें लेकर,
सपनों की दुनिया अब नये रंगों से सजे।
हर दिन हो शुभ, हर रात हो रोशन,
खुशियों से भरी हो ये नयी शुरुआत।

पुरानी यादों को छोड़, चलें आगे हम,
नई राहों पर, नए क़दम।
सपने हों पूरे, दिलों में हो विश्वास,
साल 2025 हो, सफलता से भरा खास।

जो बीता, वह सीख है, जो आने वाला है,
वो खुशियों का खजाना, जो हमें पाना है।
समय की रेत पर लकीरें न छोड़ें,
साथ चलें हम, बस यही है शेरों।

नववर्ष की शुभकामनाएं, सबको मिले सुख-शांति,
हर दिल में हो प्रेम, और जीवन में हो ध्वनि।
साल 2025 हो, हम सब के लिए मंगलमय,
नई उम्मीदें, नई शुरुआत, हो सभी के लिए सफलाय।

©Ajita Bansal #Newyear2025 poem of the day

Achman Chitranshi

#Light Shayari #Shayar #Poetry #Poet #poem

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जो हस्ति मिटाने चली थी हमें ,
वो खुद ही मिटी जा रही है।
कभी नजर आती थी जिनको ,
हमारे अंदर कमियां।
उनको भी खूबियां नजर आ रही है।

                - आचमन चित्रांशी

©Achman Chitranshi #Light #Shayari #Shayar #Poetry #Poet #poem

Achman Chitranshi

जिसको तुम सारे जयचंद भूल चुके हो ,
ऐसी एक बात याद दिलाना जरूरी है।
अंधियारा मिटाने की खातिर सारे जहां का ,
तुलसी के पौधे पर दीया जलाना जरूरी है।

           - आचमन चित्रांशी

©Achman Chitranshi #tulsi #Poetry #Poet #Shayari #Shayar #Poet #poem

criclips

Ball of the century

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Bharat Patil

ball games in 1 part

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knownPatil

ball games

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Saurav Kashyap

bat ball khala

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Ajita Bansal

#Sad_Status poem of the day

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White दर्द ने सिखाया खुद से मिलना,
राहों में खो जाने से पहले,
ख़ुद को जानना ज़रूरी है,
तब जाकर कोई सही रास्ता लगे।

हर ख्वाब का पीछा करते हुए,
सपनों में खो जाते हैं हम,
लेकिन जब वो टूटते हैं,
तब महसूस होता है, हम कहाँ थे, कहाँ हम।

अक्सर दूसरों की नज़र से ही जीते हैं हम,
पर सच्ची पहचान तो अंदर से आती है।
जो खुद को समझे, वही खुद को पा सकता है,
बाकी सब तो बस एक छलावा होता है।

अब मेरी आँखों में बस एक सवाल है,
क्या मैं सचमुच खुद से प्यार करता हूँ?
जब तक ये सवाल हल नहीं होगा,
ख़ुद के ही हाल में, ख़ुद से जूझता रहूँगा।

©Ajita Bansal #Sad_Status poem of the day

Sr11

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