Find the Latest Status about अंगाचे अंग लगाना from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, अंगाचे अंग लगाना.
N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} जय श्री नारायण हरि:- हमारे तन का भोजन अन्न और व्यायाम हैं, मन का भोजन भगवान श्री कृष्ण जी की किसी भी अवस्था व व्यस्तता, कोई भी मार्ग से, किसी भी प्रकार से भगवान श्री हरि की और मन को लगाना, इस (जीवन) का सीधा और सरल हमारा निर्मल हो जाना? N S Yadav GoldMine ©N S Yadav GoldMine #Thinking {Bolo Ji Radhey Radhey} जय श्री नारायण हरि:- हमारे तन का भोजन अन्न और व्यायाम हैं, मन का भोजन भगवान श्री कृष्ण जी की किसी भी अव
#Thinking {Bolo Ji Radhey Radhey} जय श्री नारायण हरि:- हमारे तन का भोजन अन्न और व्यायाम हैं, मन का भोजन भगवान श्री कृष्ण जी की किसी भी अव
read moremanisha suman
White आसान नही ********** १२२२. १२२२ २११२ दिल किसी से लगाना आसान नही इस जहाँ में मुस्कुराना आसान नही। लुटा के हसरतों की दौलत किसी पर गुलशनों को महकाना आसान नही। कर्ज के बोझ से दब गया आदमी है मकान उसका बनाना आसान नही। जहद जिंदगी की इस कदर बढ़ गई मुफलिसी का फसाना आसान नही। यहाँ कौन अपना जो आहें भरे हम मगर दिल से भुलाना आसाना नही। भुला देगे हम सारी बातें पुरानी बात को अब बढ़ाना आसान नही। बढ़ गई दूरियाँ जो हमारे दरमियाँ दूरियों को मिटाना आसान नही।। ©manisha suman #love_shayari #दिलका लगाना #मुस्कनराना
#love_shayari #दिलका लगाना #मुस्कनराना
read moreRavi Srivastava
Unsplash कभी पूस की ठिठुरन बनकर अंग अंग टीस रहा हूँ ! कभी शब्द का सावन बनकर, अंतर सींच रहा हूँ !! कभी समय के गलियारे में,मुट्ठी भींच रहा हूँ ! जिनसे बिछड़ा उनकी यादें,पल पल खींच रहा हूँ !! ✍️✍️ रवि श्रीवास्तव ©Ravi Srivastava कभी पूस की ठिठुरन बनकर अंग अंग टीस रहा हूँ ! कभी शब्द का सावन बनकर, अंतर सींच रहा हूँ !! कभी समय के गलियारे में,मुट्ठी भींच रहा हूँ ! जिनसे
कभी पूस की ठिठुरन बनकर अंग अंग टीस रहा हूँ ! कभी शब्द का सावन बनकर, अंतर सींच रहा हूँ !! कभी समय के गलियारे में,मुट्ठी भींच रहा हूँ ! जिनसे
read moreShivkumar barman
जब मैं तेरे ऊपर कोई एक गजल लिखूंगा तब तेरे होठों को एक कमल लिखूंगा लिखूंगा जब मैं इस बेबसी का आलम तेरी आंखों को मैं सागर लिखूंगा पूछेंगे लोग जब मुझसे मेरी जन्नत के बारे मैं तब मैं तेरी बाहों में लेटना लिखूंगा लिखूंगा तुझे मैं इस जहां की शहजादी खुद को यहां का नवाब लिखूंगा..... RTमजबूरी कहीं है डर कहीं हैं, बेबसी का आलम हर कहीं हैं, अजब बड़ा है दस्तूर ए इश्क दर्द कहीं है, असर कहीं हैं, परिंदे हैं हम इस आसमां के शाम कहीं हैं, सहर कहीं हैं, भटक रहे यहां कितने राही मंजिल कहीं है सफर कहीं हैं, नहीं खबर मुझको अपनी मैं कहीं हूं, घर कहीं हैं, सोच में सबकी फर्क बहुत हैं, इशारे कहीं है नजर कहीं हैं, ✍️ SHIVAM 🙏 ©Shivkumar barman एक बार तुम्हें कस कर गले लगाना है.. और तुम्हे यु महसूस कर लेना है सदा के लिए तुम्हारी छुअन को... और फिर कभी किसी और को तुम्हारे करीब नहीं
एक बार तुम्हें कस कर गले लगाना है.. और तुम्हे यु महसूस कर लेना है सदा के लिए तुम्हारी छुअन को... और फिर कभी किसी और को तुम्हारे करीब नहीं
read moreMatangi Upadhyay( चिंका )
तुम्हे छुना और तुम्हे गले से लगाना कई बार यह romance के लिए नहीं बल्कि तुम्हारे साथ भावनाओं और एहसासों को जीने के लिए होता है तुम्हे छूने के लिए कई बार बहुत तरस जाते है तुम्हारे करीब आने के लिए बेताब हो जाते है उस वक्त सिर्फ एक कसक मन मे होती है की तुम आओ और मुझे अपनी बांहों में भर लो..! ©Matangi Upadhyay( चिंका ) तुम्हें छूना और गले से लगाना 🥰 #matangiupadhyay #Nojoto #Love #Life #feelings
तुम्हें छूना और गले से लगाना 🥰 #matangiupadhyay Love Life #feelings
read moreVinod Mishra
Praveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी अपने नाकारापन को छिपाने शक्ल दंगो की दे देते है चर्चा जब भी हो संसद में तूल साम्प्रदायिकता को दे देते है ना उठे सवाल विपक्ष के हवा घटनाओं को दे देते है विश्वास और बहुमत से चुने हो तो संसद को चलने कियो नही देते हो लगा रखे है कई मुखोटे चेहरों पर उजागर अपने क्रिया कलाप कियो नही होने देते हो सवालों से बचने के लिये देश के अस्मिता से खेलते हो बन्द करो चिंगारी लगाना अगर भड़की आग तो बजूद अपना ढूढ़ते रह जाओगे प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Sad_shayri बन्द करो चिंगारी लगाना
#Sad_shayri बन्द करो चिंगारी लगाना
read more