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Sourabh Kori
White हमारी बुराई जरा संभल के करो क्योंकि तुम्हारे अपनों में ही हमें चाहने वाले हैं ©Sourabh Kori #Sad_Status मैं ऐसे ही हूं जब झूठ बोलने का तरीका अलग होता है
#Sad_Status मैं ऐसे ही हूं जब झूठ बोलने का तरीका अलग होता है
read moreAnukaran
White बदल जाते हैं, सभी! एक समय पर, सिर्फ और सिर्फ अपने मतलब के लिये। मैं चाह कर भी नही बदल सकता, शायद मुझे देख, कोई जीने का तरीका सीख रहा है। ©Anukaran #DP बदल जाते हैं, सभी! एक समय पर, सिर्फ और सिर्फ अपने मतलब के लिये। मैं चाह कर भी नही बदल सकता, शायद मुझे देख, कोई जीने का तरीका सीख रहा है
#DP बदल जाते हैं, सभी! एक समय पर, सिर्फ और सिर्फ अपने मतलब के लिये। मैं चाह कर भी नही बदल सकता, शायद मुझे देख, कोई जीने का तरीका सीख रहा है
read moreनवनीत ठाकुर
सुकून की तलाश में न भटका करो यूं ही, जो भी तुम्हारे पास हो, उसी में खुश रहो। ज़िंदगी की राहों में कभी न रुको, जो भी मिला है, उसे जी भर के जी लो। ख्वाहिशों का तो कोई अंत नहीं, पर खुश रहने का तरीका है यही— जो कुछ भी है, उसे ही क़ीमत दो, कभी न किसी और की तलाश में खो। सपनों का पीछा करो, पर हकीकत को न भूलो, रात चाहे जैसी हो, दिन को उजाला बना लो। जो दिल कहे, वही करो, बस खुद से सच्चे रहो, वही सबसे बड़ा गुरुर करो। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर सुकून की तलाश में न भटका करो यूं ही, जो भी तुम्हारे पास हो, उसी में खुश रहो। ज़िंदगी की राहों में कभी न रुको, जो भी मिला है, उस
#नवनीतठाकुर सुकून की तलाश में न भटका करो यूं ही, जो भी तुम्हारे पास हो, उसी में खुश रहो। ज़िंदगी की राहों में कभी न रुको, जो भी मिला है, उस
read moreAnuradha T Gautam 6280
#तजुर्बा जीने का तरीका सिखा रही है हालात तजुर्बा उम्र का मोहताज नहीं मुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं दोस्तों पर मैं कहती हूं यहां सादगी से कटती नही..🖊️ #अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻♀️ २७/१२/२४ ©Anuradha T Gautam 6280 #तजुर्बा जीने का तरीका सिखा रही है हालात तजुर्बा उम्र का मोहताज नहीं मुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं दोस्तों पर मैं कहती हूं यहां
#तजुर्बा जीने का तरीका सिखा रही है हालात तजुर्बा उम्र का मोहताज नहीं मुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं दोस्तों पर मैं कहती हूं यहां
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White देख कर तुझको पहली बार, मेरे दिल पर शामत आई थी। मैं होश में कहाँ था उस वक़्त, जज़्बातों में लहर सी आई थी। सुध-बुध खोकर बैठा था मैं, आँखों में चमक सी आई थी। दुनिया की फिक्र किसको थी, मेरी जान जाँ पर बन आई थी। तेरे ही एहसासों में जीने का, ये कैसी जुनून मुझपे छाई थी। मैं, धड़कन और रूह ने मेरी, दुनिया से नाता तोड़ आई थी। मिलकर तुझसे ये एहसास हुआ, तूने जिंदगी मेरी लौटाई थी। डुबकर तुझमें ये एहसास हुआ, मेरे दिल को सुकून सी आई थी। तुम मुझसे दूर जाकर भी तुमने, जीने का तरीका सिखलाई थी। तुमसे बिछड़कर ये एहसास हुआ, तेरी यादों में राहत सी आई थी। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Sad_Status देख कर तुझको पहली बार, मेरे दिल पर शामत आई थी। मैं होश में कहाँ था उस वक़्त, जज़्बातों में लहर सी आई थी। सुध-बुध खोकर बैठा था
#Sad_Status देख कर तुझको पहली बार, मेरे दिल पर शामत आई थी। मैं होश में कहाँ था उस वक़्त, जज़्बातों में लहर सी आई थी। सुध-बुध खोकर बैठा था
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी दायरे में हम सब, गब्बर सिंह टैक्स के आ रहे है एक ही तरह की चीज पर कई दर जीएसटी की लगा रहे है खूब निकाला है लूट का फंडा इस्तेमाल का तरीका देखकर लोगो की निजी जिंदगी में झांक रहे है गरीबो का पोपकोर्न मेला ठेला का शौक अठारह परसेंट लगा कर सता रहै है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #quotation इस्तेमाल का तरीका देखकर,टैक्ट लगा रहे है
#quotation इस्तेमाल का तरीका देखकर,टैक्ट लगा रहे है
read moreनवनीत ठाकुर
तूफ़ान आए तो मेरा हौसला देखो, डूबता हूँ, उभरता ज़रूर हूँ। गिरकर फिर से खड़ा, तूफ़ानों से लड़ने का तरीका, ढूंढता ज़रूर हूँ। राहें कठिन हो, फिर भी रुकता नहीं , गिरते हुए भी खुद को सम्भालता हूँ, हार नहीं मानता कभी, हर हाल में जूझता ज़रूर हूँ। हर चोट ने मेरी पहचान बनाई है, जो गिरा, उसने उठने की कहानी सुनाई है। राख से उगने की आदत है मुझमें, जलकर भी खुद को जलाता ज़रूर हूँ। मुश्किलें मुझसे हार मान जाती हैं, मेरे इरादे हर मोड़ पर मुस्कुराते हैं। ज़िंदगी के हर तुफ़ान को मैंने देखा है, पर ख़ुद को हर बार आज़माता ज़रूर हूँ। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर तूफ़ान आए तो मेरा हौसला देखो, डूबता हूँ, उभरता ज़रूर हूँ। गिरकर फिर से खड़ा, तूफ़ानों से लड़ने का तरीका, ढूंढता ज़रूर हूँ।
#नवनीतठाकुर तूफ़ान आए तो मेरा हौसला देखो, डूबता हूँ, उभरता ज़रूर हूँ। गिरकर फिर से खड़ा, तूफ़ानों से लड़ने का तरीका, ढूंढता ज़रूर हूँ।
read moreSumitGaurav2005
White मेरा मन मस्तिष्क मदहोश करती मतवाली अदा, सनम तू मेरे लिए है हर पल ही ज़माने से जुदा। क्यों रहती गुपचुप गुमसुम गुम हो किन ख़्यालों में, तुम ही बसी हो सनम मेरे हर इक सवालों में। बड़ी बेचैनी बड़ी बेताबी खोया है बड़ा करार, जब से तुमसे सनम हो गया है मुझको प्यार। पहले प्यार की पहचान होनी बड़ी है जरूरी, फिर हमारे बीच सनम क्यों है इतनी ज्य़ादा दूरी। चाह मेरी चाहना तुम्हें चाहत फिर भी है अधूरी, सनम अपना लो मुझे हर कमी हो जाए पूरी। कर रहे कब से इंतज़ार इनकार या इकरार करो, प्यार का इज़हार करने से किसी से भी ना डरो। या तो अपना लो मुझे या फिर साफ मना करो, ऐसी भी क्या मज़बूरी थोड़ा तो इंसाफ करो। ✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😎 ©SumitGaurav2005 अनुप्रास अलंकार वाली कविता। अलंकार का अर्थ है काव्य या भाषा को शोभा देने वाला मनोरंजक तरीका। जब किसी काव्य में एक या एक से अधिक वर्णों की प
अनुप्रास अलंकार वाली कविता। अलंकार का अर्थ है काव्य या भाषा को शोभा देने वाला मनोरंजक तरीका। जब किसी काव्य में एक या एक से अधिक वर्णों की प
read moreनवनीत ठाकुर
White हिंदू न खतरे में था, न है न कभी ये रहेगा, डर का व्यापार करने वाला, खुद सजेगा। करोड़ों की आबादी बड़ा ली हमने, बताओ सच, तो फिर डर किस बात का। गुणवत्ता की जरूरत है, न कि मात्रा की, संख्या का क्या मोल, जब कमी हो ज्ञान की। प्लासी की लड़ाई भी सबक सिखा गई, इतनी बड़ी आबादी मुठ्ठी भर अंग्रेजों से हार गई। आज चंद यहूदियों ने दुनिया हिला दी, कर्म और बुद्धि से किस्मत बना दी। तो क्यों न हम अपने को मज़बूत बनाएं, गुण और शिक्षा से नई रीत लाएं। जरूरत है पुरुषार्थ की, परमार्थ की, धर्म को समझने वाले सच्चे विचार की। राजनीति की रोटियां सेंकना छोड़ो, धर्म को हथियार बनाना अब मोड़ो। आत्मबल से जीतें, प्रेम का दीप जलाएं, हिंदूत्व का मतलब सही सबको समझाएं। हिंदुत्व सिर्फ धर्म नहीं, बल्कि जीने का तरीका है, हर मनुष्य के उत्थान की सच्ची अभिव्यक्ति का तरीका है। ©नवनीत ठाकुर #हिंदू न खतरे में था, न है न कभी ये रहेगा, डर का व्यापार करने वाला, खुद सजेगा। करोड़ों की आबादी बड़ा ली हमने, बताओ सच तो फिर डर किस बात का।
#हिंदू न खतरे में था, न है न कभी ये रहेगा, डर का व्यापार करने वाला, खुद सजेगा। करोड़ों की आबादी बड़ा ली हमने, बताओ सच तो फिर डर किस बात का।
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