Nojoto: Largest Storytelling Platform

New पृष्ठ Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about पृष्ठ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पृष्ठ.

    PopularLatestVideo

Pushpvritiya

विस्मृति के पृष्ठों से #कविता

read more
.







.

©Pushpvritiya विस्मृति के पृष्ठों से

Anamika jalwanshi

बसंती सुबह ! दूसरा पृष्ठ! #समाज

read more
*** बसंती सुबह ***

कभी इतने सुबह उठिए कि खुद को खुद की आवाज सुनाई दे सके। पता है जब आप खुद की आवाज सुनने लगेंगे न तब आपको उस सुबह में आपसे पहले जगे हर उस नन्हें जीव की आवाज सुनाई देने लगेगी जिसको आप देख भी नहीं पाते हैं।

बेली ,चमेली की मनमोहक खुश्बूएं आपको मदहोश करने लगेंगी जिसको आप महंगी महंगी इत्र की बोतलों से भी हासिल न कर पाएंगे।

उठिए और उन फूलों के अधजगे पत्तों से मिलिए।उसकी टहनियों से बाते करिए। उनसे हाल चाल पूछिए जो अभी अभी अंगड़ाई लेकर जगी हैं और
फूलों,पत्तियों,टहनियों के मिले जुले महक को अपने हृदय के कोने कोने में घुलने दीजिए।फिर थोड़ा ध्यान कीजिए।आत्म को परमात्म से जोड़िए।भले आप जुड़ पाएं या न जुड़ पाएं लेकिन आपको प्रयास करना चाहिए। इसमे कुछ हानि भी तो नहीं है। परमात्म मिले न मिले आत्म तो जागृत हो ही जाएगा।

फिर क्या? फिर निकल पड़िए एक लम्बी सफर पर। नाप आइए रात के बारिश में भीगी उन सड़कों को जो आपको सुकून से भरने के लिए आपके कदमों की आहट के इंतजार में है। फिर गिनिए रास्ते के उन  पेड़ों को जिन्होंने रात की आंधी में हवा की थपेड़े सहें और एक दूसरे को सहारा देते देते इतना उलझ गए कि अभी तक सुलझने की कोशिश में उस माली की राह तक रहे हैं जो रात की केलि के बाद बिस्तर से चिपटा खर्राटे मार पड़ोसियों की नींद हराम कर रहा है।

जाइए और उन उलझी पेड़ों की टहनियों को सुलझाइए और उनके प्रकृतिस्थ निश्छल प्रेम के सुपात्र बनिए। फिर कुछ आगे बढ़िए। तेज कदमों से चलिए। हवा की सरसराहट को अपने बदन पर महसूस करिए। तन मन को ताजगी से भरिए। फिर कुछ मुंडी इधर उधर घुमाइए।कुछ चेहरों को कनखियों से ताड़िए।कुछ को देखकर मुँह बिचकाइए और जी में आए तो कुछ को देखकर अगली मोड़ से मुड़ ही जाइए।

फिर उस सड़क के किनारे बने ऊँचे  नीचे  बिल्डिंगों, घरों, दफ्तरों और उन पर चिपके उन पोस्टरों की शिनाख्त कीजिए जिसके मालिक ने अपने नौकर को धमकाकर उन दीवारों पर लगवाया है।यह और बात है कि हर दीवार पर लिखा है " यहां पोस्टर लगाना सख्त मना है।" पर क्या कीजै जैसे उस नौकर ने मालिक के धौंस से उस लिखे को अनदेखा किया है वैसे ही आप भी कर गुजरिए।

फिर उन बिल्डिंगों की ऊंचाई को अपने  दस बारह में पढ़े गणित के फॉर्मूलों से नाप जाइए और अपने भावी घर की कल्पना कर लीजिए। अब उनकी नाक नक्श और साज सज्जा पर आइए। एक एक को अपनी भोरहरी उनीदी अखियों से पतिया लीजिए ।कुछ कमी वमी हो तो वह भी निकाल लीजिए किसे फर्क पड़ता है।हां,लेकिन उसे अपनी दिमागी डायरी के पिछले पन्ने पर एक घेरा बनाकर लिख लीजिए ताकि समय पर बेमेहनत मिल जाए भले उस दिन आपको यह बेमतलब ही क्यों न लगे।

फिर सड़कों का पूँछ पकड़े बढ़ते जाइए। किनारे पर बने गोल घेरे में लगे नन्हें नन्हें पौधों की फुनगियों की कान मरोड़ते जाइए। किसे खबर आप वैज्ञानिक हैं या साहित्यकार ।आप उसकी नब्ज देख रहे हैं या प्यार के भावावेश में उसकी सुंदरता और कोमलता पर मुग्ध हो उसे चूटी काट रहे हैं।

फिर करिए तलाश किसी ऐसे उद्यान की जिसकी जमीन रात की आंधी में झड़े,सूखे ,मुरझाए ,पीले और हरीलेपीले (पीले हरे ) पत्तों से सजी हो और पत्ते बारिश की पानी से सने हो।जमीन थोड़ी भीगी हो थोड़ी सुखी हो और जमीनी महक से गमक रही हो। फिर निकालिए अपना हथेली भर का फोटो खीचन यंत्र और धड़ाधड़ कैद कर लीजिए उन लम्हों को अपने यंत्र की गैलीरियाई दिमाग़ में।

अब नजरें थोड़ा उपर उठाइए और नहाए पेड़ों की पत्तियों पर रुके नन्हें नन्हें बारिश की बूंदों को अपने जिस्मानी गरम होठों से लगाइए और उन पत्तों की तरह हरियरा जाइए। 

फिर वहां की झाड़ियों से थोड़ा बतियाइए ।उनका कुशल मंगल जानिए।फिर उनकी मुंडी पर अपनी गरम हथेली को रगड़ते वहां से खिसक लीजिए।

अब वहां की चबूतरों पर आइए।उनके धूल से सने और बारिश से भींगे बदन को देख मुँह बनाइए।फिर उसे पोछने के लिए इधर उधर ताका  झांकी करिए। कुछ न मिले तो दो चार सूखे पत्ते उठाइए और उन्हीं से अपने बैठने भर की जगह रगड़ मारिए । फिर बैठिए और थोड़ा गीला महसूस कीजिए और थोड़ा किरकिरा भी और खुद को कहिए "इतना तो चलता है कौन सा फैशन शो करने आए हैं जो कोई मेरा पिछवाड़ा निहारेगा।"

अब वहां की चिड़ियों की चहचहाहट को सुनिए और मन में नए विचारों को गुनिए।कुछ अपना धुन जोड़िए और कुछ पत्तों की झरझराहट को लीजिए। फिर नजरों को दौड़ाइए। वहां आते जाते इक्के दुक्के बदनों को निरखिए। एक अधेड़ उम्र की सभ्य महिला को किसी सतसंगी बाबा के गानों को लौडस्पीकर मोड़ पर डाल अपने कमर से कमरा बने कमर को फिर से कमरा से कमर बनाने की नाकाम कोशिशों पर मुश्कि मारिए।

अरे थहरिए ! अभी उठिए मत क्योंकि अब आएंगे शहर के मानित सम्मानित जानित पहचानित पचासा पार सीनियर सिटीजेन्स। आपका क्या है !आप बस वहीं बैठे रहिए सिर झुकाए तिरछी नजरों से उनके योगाभ्यास की आड़ी  टेड़ी आकृतियों को देखते रहिए और सुनते रहिए उनके दूरभाष यंत्र से निकलने वाले गानों की तान को " बेशरम रंग कहां देखा दुनिया वालो ने"

नहीं नहीं अभी भी नहीं उठना है! थोड़ी देर और धैर्य के साथ अपनी जगह पर जमे रहिए क्योंकि अब नंबर है राष्ट्र के नव निर्माताओं की जिन्हें उद्यान में अकेले जाना पाप सा लगता है। अगर गलती से आपकी और उनकी नजरें मिल गई तो वे आपको बेपहचानी नजरों से घूरेंगे और आप उन्हें फिर दोनो इधर उधर नजरें घुमा लेंगे और मन में कहेंगे "होगा कोई अपने को क्या" फिर वे लोग किसी पेड़ की छहियां तरे बैठकर थोड़ी गुफ़्तगू करेंगे । खाएंगे खिलाएंगे।पिएंगे पिलायेंगे।सबकी नजरें बचा चिपका चिपकी करेंगे हालांकि यह उनका भ्रम है क्योंकि यह जनता है सब जानती है।फिर आपको क्या तब तक तो आप वहां से निकल चुके होंगे और निकलते समय आप विद्यार्थियों के उस झुण्ड से तकराएंगे जिनके चेहरों पर शिकन।दिमाग़ में उलझन।मन में भविष्य की चिंता।पीठ पर किताबी बोझ और जुबान से  निकलती हिंगलिशिया गाली होगी।

         *** जलवंशी***

©Anamika jalwanshi बसंती सुबह ! दूसरा पृष्ठ!

Shubham Kumar

#दिल शिकस्त (पृष्ठ सं-1)

read more
दिल शिकस्त

 न हो दिल शिकस्त की अभी तो दिल ही टूटा है, की दिल ही तो टूटा  है, हौसला रख अभी तो आदतें छुटनी बाकि है।

 हौसला रख अभी तो आदतें छुटनी बाकि है, याद पल पल आएगी उनकी, जिन्हे आदत है पल भर में भूल जाने की।

  जिन्हे आदत है पल भर में भूल जाने की, वादे दूर तक जाने की,
 ईरादे दूर हो जाने की।

 इरादे जिनके दूर हो जाने के, अरमान की आराम मिले,
 कुछ मील हम चले, कुछ मील वो चलो, कही तो मिले।

 कभी तो मिले, मीलों का फासाला तय कर दे, बस आ जाए
दिन ढले, आने की आस पूरी कर दे।

 बस आ जाए, आने की आस पूरी कर दे, ऊपर उठी उम्मीद की
 नज़रें काम कर दे, फिर दिल ने कहा दुआएं तेरे नाम कर दे।
(पृष्ठ सं-1)
                                               --श्री शुभम कुमार

©Shubham Kumar #दिल शिकस्त (पृष्ठ सं-1)

Shubhendra Jaiswal

mute video

Shubham Kumar

#दिल शिकस्त(पृष्ठ खं-2)

read more
दिल शिकस्त

 फिर दिल ने कहा दुआएं तेरे नाम कर दे, की सारे तो पुरे नहीं
 हो सकते, गर हो सकते पुरे तो क्या न कर सकते।

  गर हो सकते पुरे तो क्या न कर सकते, बस मांग लेते वापस,
 की है ये अधूरी न-मुकम्मल आस, काश रहता मैं बैठे और तुम
भी होते पास।

  तुम होते बैठे और हम भी होते पास, सो जाते सर रख कर कंधे
 पर, या सर होते चार कंधो पर।

  की सर होते चार कंधो पर, फिर मिलते किसी ज़माने में,
 वक़्त लगता है आदतों के छूट जाने में।

 न हो दिल शिकस्त की अभी तो दिल ही टूटा है, की दिल ही तो
 टूटा है, हौसला रख अभी तो आदतें छुटनी बाकि है।
(पृष्ठ सं-2)
                                                    --श्री शुभम कुमार

©Shubham Kumar #दिल शिकस्त(पृष्ठ खं-2)

Love U Frnds❤️

भारतीय संविधान की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि👌👌 #Life_experience

read more
mute video

Dushyant Kumaar

प्राण के हर पृष्ठ पर.... #dushyantkumar #poem #motivate Love #Dark #कविता

read more
प्राण के हर पृष्ठ पर जीवन चला है
था कभी अपना लगा, फिर फासला है
देख कर दुनिया को बदले रंग यह तो
यह जानता अच्छे बुरे में क्या भला है
प्राण के हर पृष्ठ पर जीवन चला है......

रिश्तों को हरदम निभाया बंदगी सा
छोड़ खुद को सब जीया यह जिंदगी सा
हाथ फिर भी खाली के खाली रहे है
ज्यों ब्रह्म के सम्मुख खड़ा शून्य सादगी सा
कौन जाने कब कहां कैसे छला है
प्राण के हर पृष्ठ पर जीवन चला है.....

दूर क्षितिज पर है फैला फिर उजाला
कोई मांगे इससे अमृत कोई हाला
जिंदगी चलती जहर से भी यहां है
कौन जाने दर्द गोरा है या काला
सांझ तक वो तेरे खातिर ही जला है
प्राण के हर पृष्ठ पर जीवन चला है.....

हर कोई यहाँ भाग्य का विस्तार देखें
बिन धरा पर कर्म के बीजों को फेंके
मंत्र काया,जब तपे कुंदन बनेगी
हे शर्त यह की कौन पहले खुद को सेंके
स्वर्ण आभूषण बना जब-जब गला है
प्राण के हर पृष्ठ पर जीवन चला है.....

दैत्य दुनिया से वसूली कर रहे है
देव दानवों के घर भर रहे हैं
रोजे और उपवास घर भरपेट बैठे 
खाते-पीते सब यहाँ पर मर रहे है
राम को ईश्वर बताना भी कला है
प्राण के हर पृष्ठ पर जीवन चला है 
प्राण के हर पृष्ठ पर जीवन चला है......

दुष्यंत कुमार 
उदयपुर राजस्थान 
8619169664

©Dushyant Kumaar प्राण के हर पृष्ठ पर....
#dushyantkumar #poem #motivate #Love 

#Dark

Kuldeep Chhoker

बेलन का संपूर्ण पृष्ठ।math short Nasarpur YouTube channel subscribe Karo सभी लोग #जानकारी

read more
mute video

Shubham Kumar

मैं कर रहा हूं कोशिशें आने की, तुम मेरा इंतज़ार करना (पृष्ठ सं-3) #steps

read more
मैं कर रहा हूं कोशिशें आने की,
तुम मेरा इंतज़ार करना!

आज फ़िर अर्सों बाद मौका मिला है...
 
तुम इंतज़ार करना, वक़्त लगेगा,
हमारे प्यार के किस्से सुनाने में!
आज बस फूल है, हाथों में,
भीड़ बहुत है! अपने कब्र के पास मेरी जगह रखना,
तुम इंतज़ार करना, अभी किस्से सुनाने हैं प्यार के!
बैठे रहना बालों को संवार के,
में कर रहा हूं कोशिशें आने की,
तुम मेरा इंतज़ार करना..!!!!
  (पृष्ठ सं-3)
                              ....श्री शुभम कुमार

©Shubham Kumar मैं कर रहा हूं कोशिशें आने की,
तुम मेरा इंतज़ार करना (पृष्ठ सं-3)


#steps

Shubham Kumar

मैं कर रहा हूं कोशिशें आने की, तुम मेरा इंतज़ार करना (पृष्ठ सं-1) #steps

read more
मैं कर रहा हूं कोशिशें आने की,
तुम मेरा इंतज़ार करना! 

तुम मेरे आसूंओं का साथ देना,
मैं तुम्हारे होठों की हंसी को कायम रखूंगा!
तुम मेरे हाथों को थामे रखना,
मेरे कंधे तुम्हारे सर को सहारा देंगे!
तुम मेरे हिचकिचाहट को समझना,
मैं तुम्हारी ख़ामोशी को!
मैं नज़रें चुराऊंगा वक़्त दर वक़्त,
तुम नज़रें दिखाना देर तलक!
तुम मेरी कमी को महसूस करना,
मैं तुम्हारे पास होने के एहसास के सहारे वक़्त 
गुजारूंगा!
(पृष्ठ सं-1)    
                             ....श्री शुभम कुमार

©Shubham Kumar मैं कर रहा हूं कोशिशें आने की,
तुम मेरा इंतज़ार करना (पृष्ठ सं-1)


#steps
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile