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कर्मबाण

Sanskrit Shlokas for Life's Challenges" #विचार

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Devashree R

नित्य श्लोक शृंखला #Shloka #Shlokas #Shlok #sanskritshlok #Sanskrit #समाज

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KhaultiSyahi

Devashree R

नित्य श्लोक शृंखला #Shlok #Shlokas #sanskar #Sanskrit #Bhagwan #hinduism #sanatandharm #Sanatan #sanatandharma #Sanatani #समाज

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Devashree R

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AAROHI JHA

Ram shlokas by Aarohi jha #पौराणिककथा

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KhaultiSyahi

आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः 
नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति 

मनुष्यों के शरीर में रहने वाला आलस्य ही उनका सबसे बड़ा शत्रु होता है परिश्रम जैसा दूसरा (हमारा )कोई अन्य मित्र नहीं होता क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता

Laziness resides in human body is their biggest enemy

©KhaultiSyahi #aahat #Sanskrit #Shlok #translation #khaultisyahi #Life_experience #Lazy #Nojoto #Quote #Truth

Ayush Mishra

(Shlokas composed by me in Anushtupchand by name  Karkashtkam)
("कारकाष्टकम्"इस विषय पर मेरे द्वारा रचित श्लोक अनुष्टुप्छन्द मे)🙏
('कारकाष्टकम्' इति नाम्ना मयानुष्टुप्छन्दसि सृष्टा: श्लोकाः)
(कवि:-देवप्रिय: आयुष:)✍️✍️
(Poet-DevPriyA Ayush MishrA)✍️✍️
अत्र गुरुशिष्ययोर्मध्ये$नुष्टुप्छन्दसि--- वार्तालाप माध्यमेन कारकविषये सारल्येन प्रवेशाय प्रयासो मया विहितस्तत्र------////////सर्वादावेव शिष्येण प्रश्नः कृतस्ततो गुरुणोत्तरितम्----
तद्यथा---
१--नैव व्यपगतास्सर्वे
           मम दोषास्तथा$पि च।
बुद्धिमान्द्यञ्जजाताच्च 
            कारकज्ञानमृध्नुयात्।।
२---उद्यान्मे यच्चभव्याय
              विद्याज्ञानञ्च दत्रिमम्।
       येनोपायेन सद्येव
              परिश्रान्ता भवेन्मतिः।।
गुरुः३--बोधाबोधसुबोधाय
          शास्त्रामृत रसाय च।
   यत्किमपित्वया पृष्टन्
           तत्सर्वं हि भवाय च।।
 ४--ते विचिकित्सितं सम्यग्
             मयाप्येतद्विवित्सितम्।
     मामतस्तद्विजानीहि
            त्वया दोषः कथङ्कृत:
शिष्यः५--कश्चात्रवर्तते कर्ता
                  क इहा कर्मकारकः।
गुरुः-----करणस्त्वहमेवात्र
               सारल्येन त्वया कृतः।।
६---मतो$हं सम्प्रदानत्वे
         आपादाने$प्यहम्मतः।
     कारणत्वस्य शून्यत्वात्
          सम्बन्धो$प्यविवक्षितः।।
७--त एतेषाञ्च सर्वेषान्
          तत्राधारो हि यो भवेत्।
      सैवाधिकरणत्वेन
           मतो$स्ति विदुषान्नये।।
८--नित्यं हि पाठमात्रेण
         सर्वदा सरलीभवेत्।
     श्रोतव्यं व्यवहर्तव्य
        न्नित्यं हि कारकाष्टकम्।।

©Ayush Mishra #Original#Shlokas#Ayush

#rayofhope

संस्कृतसर्वत्र

Sanskrit #अनुभव

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डॉ .मुदित पाण्डेय "नैमिष"

#Sanskrit

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ये पढ़ाएंगे आज से आप लोगो को  संस्कृत तो #sanskrit
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