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Rimjhim Roy
White O,fowler! you will never have peace of maind for you have killed this innocent Bird 🕊️ ©Rimjhim Roy #GoodMorning #Shlok #Birds
Neha Goley
श्लोक-4, अध्याय-1, श्रीमद्भगवतगीता। #spiritual #bhagwatgeeta #Shlok #quotesdaily #Quote #Trending #viral #Relationship #Bhakti
read moreShayra
रामो विग्रहवान् धर्मस्साधुस्सत्यपराक्रमः। राजा सर्वस्य लोकस्य देवानां मघवानिव।। Lord Rama is dharma incarnate. He is pious. His strength is truth. He is king of all the worlds like Indra to the gods. ©Shayra Jai Shree Ram #Ramram #JaiShreeRam #Morning #good_morning #Religion #Shlok #Nojoto
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read moreKhaultiSyahi
शतहस्त समाहर सहस्रहस्त संकिर । Earn with hundred hands and donate with thousand. Atharva Veda 3.24.5 सौ हाथ से कमाओ और हजार से दान करो। ©KhaultiSyahi #Dark #Life_experience #Life #earn #donate #khaultisyahi #Implementation #Sanskrit #Shlok #praytoparmatma
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read moreYumRaaj ( MB जटाधारी )
ज्ञान विनम्रता देता है और विनम्रता पात्रता लेती है। योग्य होने से वह धन प्राप्त करता है, और धन से धर्म और उसके बाद सुख प्राप्त करता है।🚩 ©YumRaaj ( MB जटाधारी ) विद्या ददाति विनयं विनयाद्याति पात्रताम्। पात्रत्वात्धनमाप्नोति धनाद्धर्मं ततः सुखम्॥ अर्थ: विद्या विनय की देने वाली है, विनय से पात्रता मिलती है। पात्रता से धन प्राप्त होता है, धन से धर्म का पालन होता है और धर्म से सुख की प्राप्ति होती है। “यह श्लोक हितोपदेश में से लिया गया है। इसका अर्थ है कि विद्या से ही मनुष्य का सम्पूर्ण विकास होता है। विद्या न केवल ज्ञान देती है, बल्कि शील और संस्कार भी देती है।”
विद्या ददाति विनयं विनयाद्याति पात्रताम्। पात्रत्वात्धनमाप्नोति धनाद्धर्मं ततः सुखम्॥ अर्थ: विद्या विनय की देने वाली है, विनय से पात्रता मिलती है। पात्रता से धन प्राप्त होता है, धन से धर्म का पालन होता है और धर्म से सुख की प्राप्ति होती है। “यह श्लोक हितोपदेश में से लिया गया है। इसका अर्थ है कि विद्या से ही मनुष्य का सम्पूर्ण विकास होता है। विद्या न केवल ज्ञान देती है, बल्कि शील और संस्कार भी देती है।”
read moreShubham Patel
Sonal Panwar
Jai shree ram ॐ आपदामप हर्तारम दातारं सर्व सम्पदाम, लोकाभिरामं श्री रामं भूयो भूयो नामाम्यहम, श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नमः।। ©Sonal Panwar #JaiShreeRam #Ram #राम #JaiShreeRam #जयश्रीराम #mantra #Shlok #Bhakti #Nojoto
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read moreKhaultiSyahi
यावत्तंसारम् एष धर्मः जब तक संसार रहेगा तब तक सनातन (वैदिक) धर्म भी रहेगा। As long as the world exists, so long will Sanātana Vaidika Dharma remain. ©KhaultiSyahi #CrescentMoon #dharam #Religion #khaultisyahi #Morning #think #Implementation #Sanskrit #Shlok #Life
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read moregudi jha
समुद्र-वसने देवि, पर्वत-स्तन-मंडिते । विष्णु-पत्नि नमस्तुभ्यं, पाद-स्पर्शं क्षमस्व मे ॥ अर्थात् समुद्र रुपी वस्त्र धारण करने वाली पर्वत रुपी स्तनों से मंडित भगवान विष्णु की पत्नी हे माता पृथ्वी! आप मुझे पाद स्पर्श के लिए क्षमा करें। ©gudi jha #shlok
KhaultiSyahi
श्रीमद्धगवद्रीता प्रकृते: क्रियमाणानि गुणैः कर्माणि सर्वशः। अहड्कारविमूडात्मा कर्ताऽ्हमिति मत्यते।। -Bhagvadgita 3.27 Action is the product of the Qualities inherent in Nature. ।t is only the ignorarnt man who, misled by personal egotism, says: I am the doer.' Geetashloak सम्पूर्ण कर्म सब प्रकारसे प्रकृतिके गु्णोंद्वारा किये जाते हैं; परन्तु अहंकारसे मोहित अन्तःकरणवाला अज्ञानी मनुष्य मैं कर्ता हूं -- ऐसा मानता है। ©KhaultiSyahi #lalishq #shlok #khaultisyahi #Sanskrit #Hindi #Love #Life_experience #life #truth #GeetaSaar
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