Find the Latest Status about सुना है आंगन विदाई गीत from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सुना है आंगन विदाई गीत.
vandana,s hobby & crafts
खोकर ही पता चलती है कीमत किसी की..., पास अगर हो सब तो एहसास कहां होता है ।। अहसासों की सीमा में बांध,तुम्हे रख लिया है खुद में,, बिना वजह वरना अब मुस्कुराया कहाँ जाता है।। ये रातें भी बड़ी लम्बी हो चुकी उसके जाने के बाद,, मिन्नतें करने पर भी बिछड़न का दर्द कहाँ सोता है ।। भीगी पलकों से प्रतीक्षा करती उनका ये आंखें मेरी,, बहारों का मौसम ज़िंदगी में हमेशा कहाँ रहता है ।। तेरी निशानियां हैं पास मेरे जिनमे ढूंढ लेता हूं तुझे,, उन्ही की प्रीत में जीता हुँ, आंगन सूना कहाँ रहता है ।। @everyone ©vandana,s hobby & crafts #klrahul आंगन सुना कहा rhta है##nojoto #
Dr. Bhagwan Sahay Meena
#विषय - विदाई #विधा - गीत (कन्याभ्रूण हत्या पर) मां तेरी मैं घनी लाड़ली, ना गर्भ से करों विदाई। बाबुल मेरी गलती बतला, सब समझें मुझे पराई। जहां आंगन तेरे खेलती, ले फूल सी अंगड़ाई। पापा देख देख मुस्काती, मैं सहती नहीं जुदाई। मैं अंगुली पकड़े चलती मां, जग तेरी करें बढ़ाई। तात मात से दुनिया कहती, बेटी ही घर महकाई। मां तेरी मैं घनी लाड़ली, ना गर्भ से करों विदाई। बाबुल मेरी गलती बतला, सब समझें मुझे पराई। देख जगत की यह करतूतें, आंखें मेरी भर आई। गर्भ से जब किए निष्पादन, बोटी - बोटी घबराई। मखमल सी मेरी काया को,यूं खंड खंड कटवाई। चीखें मेरी निकली होगी, मां गर्भाशय मरवाई। मां तेरी मैं घनी लाड़ली, ना गर्भ से करों विदाई। बाबुल मेरी गलती बतला, सब समझें मुझे पराई। कैसे होगा मंगल गायन, कहां बजेगी शहनाई। पाप किया बेटे के खातिर, बेटी जिसने कटवाई। जब बहू ढूंढते जगत फिरें,तब याद गर्भ की आई। दुनिया बेटे की चाहत में, मां बेटी को मरवाई। डॉ. भगवान सहाय मीना बाड़ा पदमपुरा जयपुर राजस्थान। ©Dr. Bhagwan Sahay Rajasthani #maaPapa कन्या भ्रूणहत्या पर गीत विदाई
Dr. Bhagwan Sahay Meena
शीर्षक--- विदाई विधा - गीत (कन्याभ्रूण हत्या पर) मापनी - लावणी छंद/ 16-14 पर यति मां तेरी मैं घनी लाड़ली, ना गर्भ से करों विदाई। बाबुल मेरी गलती बतला, सब समझें मुझे पराई। जहां आंगन तेरे खेलती, ले फूल सी अंगड़ाई। पापा देख देख मुस्काती, मैं सहती नहीं जुदाई। मैं अंगुली पकड़े चलती मां, जग तेरी करें बढ़ाई। तात मात से दुनिया कहती, बेटी ही घर महकाई। मां तेरी मैं घनी लाड़ली, ना गर्भ से करों विदाई। बाबुल मेरी गलती बतला, सब समझें मुझे पराई। देख जगत की यह करतूतें, आंखें मेरी भर आई। गर्भ से जब किए निष्पादन, बोटी - बोटी घबराई। मखमल सी मेरी काया को,यूं खंड खंड कटवाई। चीखें मेरी निकली होगी, मां गर्भाशय मरवाई। मां तेरी मैं घनी लाड़ली, ना गर्भ से करों विदाई। बाबुल मेरी गलती बतला, सब समझें मुझे पराई। कैसे होगा मंगल गायन, कहां बजेगी शहनाई। पाप किया बेटे के खातिर, बेटी जिसने कटवाई। जब बहू ढूंढते जगत फिरें,तब याद गर्भ की आई। दुनिया बेटे की चाहत में, मां बेटी को मरवाई। डॉ. भगवान सहाय मीना बाड़ा पदमपुरा जयपुर राजस्थान। ©Dr. Bhagwan Sahay Rajasthani #Wochaand विदाई गीत कन्या भ्रूणहत्या पर
Hariom Rajput
मिल जाए सूकू इस रूह को एक दफ़ा मुस्कुरा दो ना मेरी जा सुन रहा है चाद भी कोई प्यारा सा गीत सुना दो ना ।। कोई गीत सुना दो ना