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Vedantika
अमर्ष से तो कोई काम बनता नहीं ज़िम्मेदारियों से छुटकारा मिलता नहीं जो रहे ये तुम्हारी ज़िंदगी में शामिल एकांत के सिवा फिर कुछ रहता नहीं प्रतियोगिता संख्या 15 का शीर्षक अमर्ष है जिसका अर्थ क्रोध कोह गुस्सा रोष rage Anger बाकी सभी नियम पुरानी वाली प्रतियोगिता जैसे है #YourQuot
DR. SANJU TRIPATHI
अमर्ष के वशीभूत रहकर तू कर नहीं सकता है, कभी भी उत्कर्ष। शांत मन और हृदय से ही तू जीत सकता है, जीवन में हर संघर्ष। परमार्थ की राह चुनकर ही तू पा सकता है, सुख, चैन और संतोष। जीवन से द्वेष,अमर्ष व दर्प मिटाकर दूर कर सकता है, सारे क्लेष। प्रतियोगिता संख्या 15 का शीर्षक अमर्ष है जिसका अर्थ क्रोध कोह गुस्सा रोष rage Anger बाकी सभी नियम पुरानी वाली प्रतियोगिता जैसे है #YourQuot
Anil Prasad Sinha 'Madhukar'
हृदय मध्य उत्पन्न हो गर सुश्रुषा भाव, कर आत्मसार तू विमर्श ना कर, विचारों का द्वंद मन को आहत करे, शील को बना सौम्य तू संघर्ष ना कर। गर करेगा अंतरात्मा को शुद्ध, जागृत होंगी चेतना बुद्ध समान होगा प्रबुद्ध, चित्त को कर एकाग्रचित्त, सहनशीलता क्षमा को अपना, तू अमर्ष ना कर। प्रतियोगिता संख्या 15 का शीर्षक अमर्ष है जिसका अर्थ क्रोध कोह गुस्सा रोष rage Anger बाकी सभी नियम पुरानी वाली प्रतियोगिता जैसे है #YourQuot
Insprational Qoute
कदापि न हो अमर्षित,अमर्षित भाव सदैव स्मृति एवं बुद्धिनाशो, त्याग क्रोध, काम,लोभ भाव इदम सदैव गमनास्ति नरकद्वारशो, जागृत कर अंतर्भाव व नियंत्रण कर इंद्रियों पर बन जाइये मनस्वी, धैर्य,मनोबल,शांतचित्त कर अन्तरात्मा को करते है जैसे तपस्वी। प्रतियोगिता संख्या 15 का शीर्षक अमर्ष है जिसका अर्थ क्रोध कोह गुस्सा रोष rage Anger बाकी सभी नियम पुरानी वाली प्रतियोगिता जैसे है #YourQuot
साहस
इश्क़ जो हुआ हर्ष से, पहली बार तो प्यार आया था। जाने से पहले अमर्ष उसका श्रृंगार करके पाया था। बात छोटी,उत्कर्ष हुआ खार का,तो कहर लाया था। बेपनाह मोहब्बत तो संघर्ष की बजर से पराया था।। प्रतियोगिता संख्या 15 का शीर्षक अमर्ष है जिसका अर्थ क्रोध कोह गुस्सा रोष rage Anger बाकी सभी नियम पुरानी वाली प्रतियोगिता जैसे है #YourQuot
Writer1
ईश्वर ने रची यह सृष्टि, सर्वस्व कुर्बान करने के लिए प्यार में, उस फनकार ने अद्भुत रंग भरे इस भव्य संसार में, राधा-कृष्णन की प्रेम लीला भी रचाई,इस मोह-माहित संसार में, ना जाने,बेईमानी, छल,कपट, अमर्ष कहा से आया सुंदर संसार में, प्रतियोगिता संख्या 15 का शीर्षक अमर्ष है जिसका अर्थ क्रोध कोह गुस्सा रोष rage Anger बाकी सभी नियम पुरानी वाली प्रतियोगिता जैसे है #YourQuot
Suraj Singh
अमर्ष लपेटे हूँ मैं चल रहा, भ्रमड़ किये हूँ मैं चल रहा, न डर न भय है मुझे अब कोई, मैं खुद की किस्मत लिखे चल रहा। अमर्ष लपेटे हूँ मैं चल रहा, भ्रमड़ किये हूँ मैं चल रहा, न डर न भय है मुझे अब कोई, मैं खुद की किस्मत लिखे चल रहा। #motivational #quotes #hin
Prerit Modi सफ़र
त्रिया चरित्र दिखाती हो मुझे आकर्षित करती हो पास बुलाती हो मुझे तुम हर्षित करती हो राज़ की बात सारी तुम निकलवा लेती हो षड्यंत्र रचती हो 'सफ़र' को अमर्षित करती हो प्रतियोगिता संख्या 15 का शीर्षक अमर्ष है जिसका अर्थ क्रोध कोह गुस्सा रोष rage Anger बाकी सभी नियम पुरानी वाली प्रतियोगिता जैसे है #YourQuot
N S Yadav GoldMine
📒📒महाभारत: स्त्री पर्व अष्टादश अध्याय: श्लोक 19-28 {Bolo Ji Radhey Radhey}📜 शत्रुघाती शूरवीर भीमसेन ने युद्ध में जिसे मार गिराया तथा जिसके सारे अंगों का रक्त पी लिया, वही यह दुशासन यहां सो रहा है। माधव। देखो, ध्रुतक्रीड़ा के समय पाये हुए कलेशों को स्मरण करके द्रौपदी से प्रेरित हुए भीमसेन ने मेरे इस पुत्र को गदा से माल डाला है। 📜 जनार्दन। इसने अपने भाई और कर्ण का प्रिय करने की इच्छा से सभा में जुएं से जीती गयी द्रौपदी के प्रति कहा था कि पान्चालि। तू नकुल सहदेव तथा अर्जुन के साथ ही हमारी दासी हो गई; अतः शीघ्र ही हमारे घरों में प्रवेश कर। 📜 श्रीकृष्ण। उस समय मैं राजा दुर्योधन से बोली- बेटा। शकुनी मौत के फन्दे में फंसा हुआ है। तुम इसका साथ छोड़ दो। पुत्र। तुम अपने इस खोटी बुद्धि वाले मामा को कलह प्रिय समझो और शीघ्र ही इसका परित्याग करके पाण्डवों के साथ संधि कर लो। 📜 दुर्बुद्वे। तुम नहीं जानते कि भीमसेन कितने अमर्षशील हैं। तभी जलती लकड़ी से हाथी को मारने के समान तुम अपने तीखे वाग्बाणों से उन्हें पीड़ा दे रहे हो । इस प्रकार एकान्त में मैंने उन सब को डांटा था। 📜 श्रीकृष्ण। उन्हीं बागबाणों को याद करके क्रोधी भीमसेन ने मेरे पुत्रों पर उसी प्रकार क्रोधरूपी विष छोड़ा है, जैसे सर्प गाय वैल को डस कर उनमें अपने विष का संचार कर देता है। सिंह के मारे हुए विशाल हाथी के समान भीमसेन का मारा हुआ यह दुशासन दोनों विशाल हाथ फैलाये रणभूमि में पड़ा हुआ है। 📜 अत्यन्त अमर्ष में भरे हुए भीमसेन ने युद्धस्थल में क्रुद्व होकर जो दुशासन का रक्त पी लिया, यह बड़ा भयानक कर्म किया है । ©N S Yadav GoldMine #DarkCity 📒📒महाभारत: स्त्री पर्व अष्टादश अध्याय: श्लोक 19-28 {Bolo Ji Radhey Radhey}📜 शत्रुघाती शूरवीर भीमसेन ने युद्ध में जिसे मार गिराया
Sachin Ratnaparkhe
My Gazal as comment on This gazal (Read it in caption) मेरी उल्फ़त को बाज़ीच-ए-अत्फ़ाल समझता है वो। गर करता कभी फ़िक्र उसकी सवाल समझता है वो। (उल्फ़त को बाज़ीच-ए-अत्फ़ाल समझना आम है अब, फिक्र करना सिर्