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हिमांशु Kulshreshtha
White लोगों के फरेबी चेहरे देख कर, जज़्बातों से रिस रहा हूँ , दिल और दिमाग की इस रस्साकशी में, मैं पिस रहा हूँ ...!!!! ©हिमांशु Kulshreshtha लोगों के
लोगों के
read moreVEER NIRVEL
White डाल से तोड़े गए फूल ने हंस कर ये कहा.! अच्छा होना भी बुरी बात है इस दुनियां में... @Veer_Ki_Shayari ©VEER NIRVEL डाल से तोड़े गए फूल ने हंस कर ये कहा.! अच्छा होना भी बुरी बात है इस दुनियां में... @Veer_Ki_Shayari
डाल से तोड़े गए फूल ने हंस कर ये कहा.! अच्छा होना भी बुरी बात है इस दुनियां में... @Veer_Ki_Shayari
read moreAdv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
मृदुल वचन ही बोलिये कोंड़ी लगे न दाम जाने कब आ जायेंगे अंजाने भी काम ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #दोहे
Ramji Tiwari
White विधा-दोहा छंद तरकश तीरों से भरा,रखे दिव्य हैं बाण। कविता रूपी तीर ये,भरते मृत में प्राण।। स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari #दोहे #कविता #writer
Ramji Tiwari
Nature Quotes दोहा छंद काले कजरारे नयन,लूटें मन का चैन। मिसरी से मीठे लगें, गोरी तेरे बैन।। शोभित कुंडल कान में,गल में साजे हार। सुन्दर नासा कीर सी,भौंह कमानीदार।। गोरे-गोरे गाल हैं,सेब की तरह लाल। कुंतल काले हैं घने, हिरनी जैसी चाल।। मदिरा के प्याले अधर, गोरे-गोरे हाथ। साड़ी सुन्दर है बदन,तिलक नीलमणि माथ।। पायल पहने पाँव में,कंगन सोहे हाथ। गल में पहने नौलखा,टिकुली साजे माथ।। सर पर ओढ़े चूनरी,कमर करधनी डाल। हिरनी सी चलती मटक, मनमोहक है चाल।। फुर्सत में रब ने गढ़ा, सुन्दर रूप अनूप। मोहित हो जाता जगत,देख नारि का रुप।। सुन्दर नारी रुप का, दीवाना संसार। सुन्दर नारी देखकर, उपजे मन में प्यार।। प्रेमी काया का हुआ, सारा सकल समाज। नारी तेरे रुप ने, लूट लिया जग आज।। गोरी तेरे प्रेम में,पागल सारे लोग। दीवाने सब हो गए,पाल प्रेम का रोग।। स्वरचित रचना- राम जी तिवारी"राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari #beatyQuotes #दोहे #श्रृंगाररस #नारी #कविता
beatyQuotes दोहे श्रृंगाररस नारी कविता
read moreGhanshyam Ratre
जंगल उपवन के छेड़छाड़ पेड़ -पौधों की कटाई कर रहें हैं। वन्य प्राणी पशु-पक्षियों का जीवन संकटों से प्रभावित हो रहें हैं।। जंगल में रहने वाले पशु-पक्षियां गांवों- शहरों में आ रहें हैं। खेती-बाड़ी फसल को उजाड़ कर बर्बाद कर रहे हैं।। ©Ghanshyam Ratre जंगलों के पशुओं पक्षियों के जीवन
जंगलों के पशुओं पक्षियों के जीवन
read moreF M POETRY
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset समंदर के किनारे आ के अक्सर बैठ जाता हूँ.. सुना है दिल के दर्द-ओ-ग़म समंदर सोख लेता है.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #समंदर के किनारे आ के अक्सर..
#समंदर के किनारे आ के अक्सर..
read moreHimanshu Prajapati
White हंस के बात करती थी, हर बात पर मजाक करती थी, किसी से नहीं डरती थी, बस ऐसे ही सबको ठगती थी..! ©Himanshu Prajapati #love_shayari हंस के बात करती थी, हर बात पर मजाक करती थी, किसी से नहीं डरती थी, बस ऐसे ही सबको ठगती थी..! #36gyan #hpstrange अनमोल विचार
#love_shayari हंस के बात करती थी, हर बात पर मजाक करती थी, किसी से नहीं डरती थी, बस ऐसे ही सबको ठगती थी..! #36gyan #hpstrange अनमोल विचार
read morek.Harmukh
सतगुरु हमसूं रीझकर, कहा एक परसंग। सादर बरसा प्रेम का, भीज गया सब अंग।। कबीर ©Khushboo #sad_quotes कबीर की पंक्ति #हिंदी_कोट्स_शायरी #कबीर #हिंदीसाहित्य #दोहे #भक्ति_रस #निर्णुनपंथ #भक्ति भक्ति गीत भक्ति भजन भक्ति गाना mp3 हर
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read moreBharat Bhushan pathak
मण्डूक दोहे पृथ्वी धारे तब हमें,काटें जब ना पेड़। जान लीजिए सूत्र ये,प्राणों के यह मेंड़।।१ माने मेरी बात ये,उपयोगी उपहार। देते खाना अरु दवा,रोपें वृक्ष हजार।।२ रोपें नित्य पेड़ एक,होता जो फलदार। पुत्र जैसे ही मानें,सदा करे उपकार।।३ कहे धरा हमको यही,मानो मेरी बात। वैरी सुन लो ना बनो ,नहीं करो आघात।४ मेटे जो खुद को यहाँ,हमको देते ठौर। भूले न उनको छाँटें ,भोजन जो दे सौर।।५ इनसे ही होता यहाँ,सदा सुखी संसार। शस्य-श्यामला हो धरा,हरियाली विस्तार।।६ ©Bharat Bhushan pathak #मण्डूक_दोहे#छंद#वृक्ष#पेड़#नोजोटो_हिन्दी hindi poetry on life love poetry in hindi sad urdu poetry poetry deep poetry in urdu मण्डूक दोहे
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