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Shubham Bhardwaj
Year end 2023 बचपन, जवानी और बुढ़ापे को देखा। माया नगरी में सुंदर मुसाफिरखाने को देखा।। बीता लम्हा कभी वापस आता नही है । आज वर्ष-2023 को भी हमने जाते हुए देखा।। 31.12.2023,वर्ष-2024 के उदय का प्रतीक🙏 ♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️ ©Shubham Bhardwaj #YearEnd #साल #2023Recap #उदय #वर्ष #2024chunav #यही #जिंदगी #सफर #है
कबीर राजधीर सिंह
मैं कहीं भी जाता था वो हमेशा मेरे साथ थी, जब मौत अायी मुझे तो मेरी नज़रों को सबकी तलाश थी। कोई भी नजर आया नहीं मुझे वहां, बस मेरे हाथ में मेरी सिगरेट मेरे साथ थी। #कल्पनाएं 👇 हर सुबह सूरज की #किरण के साथ साथ एक #आशा की #उदय होती है,लगता है कि आज सब कुछ ठीक हो जाएगा पर शाम होते होते सब वैसा ही रह जाता है जैसा पहले था और फिर ना सूरज की किरण रहती है ना वह आशा;मेरे पास कुछ रहता है तो सिर्फ एक #अधजली #सिगरेट और उसी के साथ सारी रात जलती बुझती ज़िन्दगी;) #shivbhagatrawan #YourQuoteAndMine Collaborating with वैराग्य ☮
LOL
©KaushalAlmora #उपेक्षा #उदय #rise #रोजकाडोजwithkaushalalmora #kaushalalmora #yqdidi #life #mytime
Anamika
शब्द बैठे हैं उदास , क़लम ने छोड़ा साथ मित्र बचपन का खास , वही नहीं अब मेरे पास .. छोड़ गया अपने कदमों के निशां, रह ही गया कुछ काश!!😔😔 #मित्रता #बचपनकेदोस्त #काश #दोस्ती #उदय #तूलिका
Anamika
Childhood friend.. बहुत कम था सफ़र तुम्हारा.. अनगिनत बातें, बे-सिर-पैर की बातें, झक्की बातें..पकाऊं और उबाऊं बातें.. किंतु उनमें होता था एक हक , अपनापन.. सोचने बैठूं तो आंखों के कोरों से छलकता है पानी..और होंठों पे फैल जाती है फीकी सी मुस्कान.. भर उसे आगोश में ,जीत गई मौत हुआ अस्त उदय,न आयेगा कभी लौट.. 🙏🙏 सलाम तेरी जिंदादिली को.. #childhoodfriendship #दोस्ती🙏🙏 #नमन #उदय #तूलिका
shabdleela
रोज़ उदय हो कर ये शाम को होता अस्त है कोई कारण नहीं इसका ये बस अपनेमें ही मस्त है ©shabdleela #उदय #अस्त #मस्त #Morningvibes
Anjali Jain
सुबह हुई है तो रात भी होगी! रात हुई है तो सुबह भी होगी! सूर्य उदित हुआ है तो अस्त भी होगा! सूर्य अस्त हुआ है तो उदित भी होगा!! ©अंजलि जैन #उदय/अस्त#२७.१०.२० #Hopeless
Nidhi''नन्ही क़लम''
बेशक़ ओर कोई हुनर नहीं है मुझमें, खारे समंदर सी शख़्सियत हमारी है ! उदय हो चाहे अस्त मेरी किस्मत, हर ऐब से लड़नेकी हमें बीमारी है ! ख़्वाहिशें हज़ार पाली है हमने, हासिल क़लमकी कलाकारी है ! जाना, जब रूबरू हुए हम ख़ुदसे, Nidhi ख़ुदाके दरबारमें अब बारी हमारी है । #उदय #nanhikalam
Pratik Singhal " Premi "
ढ़ल रहा है सूरज, कल फिर उदय होने के लिए लौट रहा हूँ मैं अब घर, कल फिर निकलने के लिए ©Pratik Singhal " Premi " #ढ़लता_सुरज #उदय #घर #आजाद_अश्क #प्रेमी