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Manish Raaj
आँखों से ओझल ------------------ किसी शक़्स के बेहद करीब आने को बेताब रहनेवालों से वक़्त पर आँखों से ओझल हो जाने का हुनर कोई इनसे सीखे मनीष राज ©Manish Raaj #आँखों से ओझल
Praveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी माता पिता के तले हो बचपन साध्य जीवन बन जाता है मुस्करानो से हर कोना कोना खुश मिजाज बन जाता है मिलती जिंदगी की हर सौगाते परवरिश में माता पिता का पूरा जीवन खप जाता है शर्त नही कोई ना लालच मन मे रखते है सन्तानो की तरक्की में अपनी खुशकिस्मती समझते है बस बुढ़ापे की लाठी बन जाये बच्चे अपेक्षा इतनी जरूर सब माँ बाप रखते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #life_quotes माता पिता के तले हो बचपन #nojotohindi
#life_quotes माता पिता के तले हो बचपन #nojotohindi #कविता
read moreAnjali Singhal
"हासिल करना दिल का मक़सद नहीं, पर उनका दीदार पाना आँखों का ख़्वाब है! आँखों के इस ख़्वाब से दिल अभी अंजान है, क्योंकि दिलों को मिलाना आँखों #Shayari #AnjaliSinghal
read moreHARSH369
White सब कुछ करना पड़ता है जिम्मेदारी के बोझ मे हर वक़्त से निपटना पढ़ता है जिम्मेवारी के बोझ मे नीच से नीच काम हो,या काम हो जोखिम भरा, खारे समुन्द्र से भी गुजरना पढ़ता है जिम्मेदारी के बोझ मे..! कुछ लोग युं हि सो सो कर जिन्दगी बरबाद करते हैं फिर बुढ़ापे मे रो रो कर जिन्दगी से बात करते हैं क्यूं दि हमको हि इतनी दुख तकलीफ सारी दुनिया कि आस लिये कि गुजर जाये जिन्दगी यही दुवा करते हैं.. गुजरना तो सभी को पढ़ेगा चाहे जी जी कर या मर कर इसे ही तो जीवन कि कढ़ी कहते हैं सब कुछ करना पढ़ता है जिम्मेदारी के बोझ मे..!! ©HARSH369 #जिम्मेदारी के बोझ तले
#जिम्मेदारी के बोझ तले #विचार
read moreShashi Bhushan Mishra
परिधानों से लाज ढाँपती नज़रों में छुप जाती थी, लज्जा बसती थी आँखों में मन ही मन सकुचाती थी, पर्दे के पीछे का सच भी डर की जद में सिमटा था, लोक लाज के डर से नारी अक्सर चुप रह जाती थी, बचपन का वो अल्हड़पन दहलीज जवानी की चढते, खेतों की मेड़ों पर चलती इठलाती बलखाती थी, सावन में मदमस्त नदी सी चली उफनती राह कभी, देख आईने में ख़ुद को नटखट कितनी शर्माती थी, प्रेम और विश्वास अडिग वादे थे जीने मरने के, रूप सलोना फूलों सा कितनी सुंदर कद-काठी थी, माँ बाबूजी भैया भाभी सबके मन में रची-बसी, सखियों के संग हँसी ठिठोली मिलने से घबराती थी, भावुक हृदय सुकोमल काया मन से भोली थी 'गुंजन', बात-बात पर नखरे शोखी नयन अश्रु छलकाती थी, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ •प्र • ©Shashi Bhushan Mishra #लज्जा बसती थी आँखों में#
Vijay Kumar
White राख़ तले चिंगारी को यूँ ना कुरेदो वरना भड़क उठेगी आग यूँ ही मुझे जलने दो ©Vijay Kumar #राख़ तले चिंगारी....
dilber
White बैठे हैं नीले अंबर के तले दरिया किनारे साया ओड के तेरी यादों का पल बीत जाते है बैठे बैठे महसूस कर वो लम्हा तुम्हारी बातो का तू जताती थी हक़ हम पर हर बात पर क्या हुआ था सोचता हू उस आँखिरि मुलाकात पर याद आती हैं तू तेरी हर बात मुझे सोचता हू क्या याद हू मै आज भी तुझे ©dilber #tere यादों के तले
Mau Jha
तुम्हारी आँखों में आई ड्रॉप डालना पड़ेगा क्योंकि तुम्हें मेरा प्यार नहीं दिखाता..🥹 ©Mau Jha तुम्हारी आँखों में आई ड्रॉप डालना पड़ेगा 🥹👈
तुम्हारी आँखों में आई ड्रॉप डालना पड़ेगा 🥹👈 #Quotes
read moreDalip Kumar 'Deep'
Shayer tera ©Dalip Kumar Deep 😊💕💕 आँखों को सुकून🌹🌹
😊💕💕 आँखों को सुकून🌹🌹 #शायरी
read moreBhawana dixit
Men walking on dark street हर रोज़ मुलाक़ात होती है एक नये दर्द के साथ!!! ©bhavna trivedi #रोज़