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Ek villain
जागते रहो संसार में मनुष्य का जन्म है जागने और जगने के लिए हुआ है आत्मिक ज्वाला ज्योत प्रज्वलित होती है वह कभी पूछती नहीं इसलिए सोने का अवसर है ही नहीं निंद्रा में भी काम है और नींद की भी एक कृपया है जो जागृत जन्म इंद्रा को कर्तव्य समझ कर सकते हैं जागृत अवस्था को ही जीवन कह सकते हैं क्योंकि सपूत अवस्था को स्थाई नृत्य मानना चाहिए हर मनुष्य के लिए 1 दिन और एक रात जगना और सोना चेतन और अचेतन की स्थिति अनित्य आती है फिर भी वह कुछ सीख नहीं पाता प्राकृतिक ने सूर्य और चंद्र से आकाश और पाताल में कर्म के चक्र का विधान बनाया है जिससे मानव को भी अपने जीवन में उतारना ही होगा जीवन को चेतन बनाया जाए जागृत किया जाए कर्तव्य अनुभव किया जाए इससे कभी कर्तव्य से मुक्त विमुख नहीं रहना चाहिए अधिसंख्य के लोग जागते हुए भी सोते रहते हैं अपने कर्तव्य का बोध नहीं कर पाते बस अन्य जीवो की तरह खाते पीते हैं सांस लेते हैं सो जाते हैं यह समझने में असमर्थ रहते हैं कि वह मानव है वह अपने को अन्य प्राणियों से प्रत्येक नहीं जान पाते हैं इसलिए उनका दुर्भाग्य है कि वह सब कुछ हो कर भी कुछ नहीं है मैं भगवान होकर भी पत्थर हैं उनमें जागने की शक्ति नहीं रह गई बस सोते रहने में ही सुख की अनुभूति करते हैं ईश्वर तत्व के रहते हुए भी शरीर के मुंह में फंसे हैं और सदैव ऐसे सोचते हैं कि कभी जाते ही नहीं इसलिए यह सोना मना है इस जगत में सावधान होकर शतक और कर चेतन स्वरूप को धारण करना है इसी की जागृति अवस्था कहते जीवन को अंधकार में रात्रि नहीं प्रकाशीय दिन बनाना अनिवार्य है स्वयं जगना और सोने वालों को जगाना यही धर्म की राह है एक प्रत्यक्षदर्शी धर्म ध्वज जागते रहो को पिराता चलता है ©Ek villain #Jagtey #dearzindgi
Milly
उनका इंतज़ार यूं ज़रुरी हो की अब तोह रातों को भी निंद नहीं आती हैं ©Milly Shakya Jagte Rahen🥺 #WritingForYou
Jagte Rahen🥺 #WritingForYou #लव
read moreNJ
#OpenPoetry kya decide kiyela h ae bhaiilog... wahich kl se kya? bhaii..apun logo ka band bjne ka karan v yahichh h iska koi hal h kya?? akha din saala sutta ,chai,daru, ladki ,apni lyf itni ichh rahegi kya jagte h ,thoda hi lekin bhagte h dekh tu suraj v aayela hai.. fir kahe ko apan log hafte h.. chal bhaii...yahich tym h.. bnate h kuch,dikhate h public ko.. sikhte aur sikhate h kuch.. ye jo gya na ..kya..wapis nhi aana h.. fir baith kr afsos jataega? chal bhai jagte h thoda hi shi lekin bhagte h jagte h na bhaii#motivational
jagte h na bhaiimotivational #OpenPoetry
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