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Praveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी संसद से सड़कों तक जनता के मुद्दे नदारद थे पक्ष विपक्ष के हाव भाव आपस मे टकराने के थे सात चरण में गाली गलौज आरोप प्रत्यारोपण हावी थे भरोसे के एक भी मुद्दे जनता को सियासतें दे नही पायी फ्री फ्री अनाज और रुपये एकाउंट में डालकर बेरोजगारी और महंगाई का समाधान दे नही पायी साइलेंस वोट देकर मतदाता ने पक्ष विपक्ष सबको सबक सिखाया है अठाहरवीं लोकसभा में किसी को बहुमत ना देकर सियासतों को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाया है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #election_results सियासतों को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाया है #nojotohindi
#election_results सियासतों को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाया है #nojotohindi #कविता
read moreARTI DEVI(Modern Mira Bai)
White पवित्र कुरान शरीफ मुसलमान धर्म का धार्मिक ग्रंथ है। रमज़ान के समय इसका पाठ करना आवश्यक बताया गया है। क्या कोई बिना सतगुरू (बाखबर) के ईश्वरीय ज्ञान समझ सकता है? #AlKabir_Islamic #SaintRampalJi ©ARTI DEVI(Modern Mira Bai) #lonely_quotes #IPL2024 #भक्ति #शायरी #मोटिवेशनल #वीडियो #कॉमेडी #लव पवित्र कुरान शरीफ मुसलमान धर्म का धार्मिक ग्रंथ है। रमज़ान के समय इसका
lonely_quotes IPL2024 भक्ति शायरी मोटिवेशनल वीडियो कॉमेडी लव पवित्र कुरान शरीफ मुसलमान धर्म का धार्मिक ग्रंथ है। रमज़ान के समय इसका
read moreUsha Dravid Bhatt
White आसमान का चांद आसमान पर चांद खिला है, साथ लिए लाखों तारे, तेरे दीदार को तरस रहा चकोर,धरती पर बैठ तुझे नहारे। दिन बीत रहा कड़क तपन संग , तरु छाया कहीं दिखे नहीं , हों हाड़ कांपती ठंडी रातें , टेर एक घड़ी को हटे नहीं । सदियों की लंबी दास्तां, किस्मत का खेल इसे कहते , कर्मों के फल से भाग्य मिला , अब क्यों तेरे आंसू बहते । तीव्र रोशनी तेरे अरमानों की , नित्य जलाती है होली , अंधियारे की शीतलता में , भ्रम से भरती सपनों की झोली । सौरभ आशाओं का दीप जलाकर, उम्मीद मत हारो समझाता, कुवास है अभिशाप सृष्टि में, जीवन में निर्जन वन सा गहराता । है एक बगीचा एक ही माली, रंग बिरंगे फूलों से महके फुलवारी , कांटो ने भी संग में डेरा डाला , आंसुओं से भर गई मधु प्याली । प्रातः की बहकी बेला में, जैसे स्वप्न दूर खड़े हर्षाते हैं , किससे पूछूं कि भोर होते ही , नक्षत्रमणी कहां छुप जाते हैं । बढ़ चला मुसाफिर यही सोचते, मधुर वचन बड़ा छलावा है , सत्य हमेशा कड़वा होता , उसे हर कोई मुखौटा पहन छुपाता है । ©Usha Dravid Bhatt आसमान का चांद एक सच्ची और निस्वार्थ लगन , जो बिना लाभ हानि के निरन्तर बनी रहती है।
आसमान का चांद एक सच्ची और निस्वार्थ लगन , जो बिना लाभ हानि के निरन्तर बनी रहती है। #कविता
read moreHarpinder Kaur
White अक्सर कह दिया जाता है और समझ भी लिया जाता है कि किसी एक का, दूसरे से अलग हो जाने से कभी कोई नहीं मरता क्या सच में कोई नहीं मरता? फिर अचानक से मन में एक प्रश्न कौंधता है क्या जिस्म का मरना ही, मरना है? फिर एक और ख्याल आता है कि किसी के जुदा होने से, उसके लिए बुने ख्वाब मिटने से, मन- मस्तिष्क में बनी वो चेहरे की आकृतियाँ, वो लंबी लंबी बातें, मुस्कुराहट, सुकून, वो प्यार, वो रिश्ता...... और बहुत कुछ क्या वो सब जिंदा रहता है! किसी के जाने के बाद (part -1) ©Harpinder Kaur # किसी के जाने के बाद.......
# किसी के जाने के बाद....... #Poetry
read moreN S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} सहस्र चंडी यग्न :- 📜 सत्ता बल, शरीर बल, मनोबल, शस्त्र बल, विद्या बल, धन बल आदि आवश्यक उद्देश्यों को प्राप्ति के लिए सहस्र चंडी यग्न का महत्व हमारे धर्म-ग्रंथों में बताया गया है। इस यग्न को सनातन समाज में देवी माहात्म्यं भी कहा जाता है। सामूहिक लोगों की अलग-अलग इच्छा शक्तियों को इस यज्ञ के माध्यम से पूरा किया जा सकता है। अगर कोई संगठन अपनी किसी एक इच्छा की पूर्ति या किसी अच्छे कार्य में विजयी होना चाहता है तब यह सहस्र चंडी यग्न बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। असुर और राक्षस लोगों से कलयुग में लोहा लेने के लिए इसका पाठ किया जाता है। 📜 मार्कण्डेय पुराण में सहस्र चंडी यग्न की पूरी विधि बताई गयी है। सहस्र चंडी यग्न में भक्तों को दुर्गा सप्तशती के एक हजार पाठ करने होते हैं। दस पाँच या सैकड़ों स्त्री पुरुष इस पाठ में शामिल किए जा सकते हैं और एक पंडाल रूपी जगह या मंदिर के आँगन में इसको किया जा सकता है। यह यग्न हर ब्राह्मण या आचार्य नहीं कर सकता है। इसके लिये दुर्गा सप्तशती का पाठ करने वाले व मां दुर्गा के अनन्य भक्त जो पूरे नियम का पालन करता हो ऐसा कोई विद्वान एवं पारंगत आचार्य ही करे तो फल की प्राप्ति होती है। विधि विधानों में चूक से मां के कोप का भाजन भी बनना पड़ सकता है इसलिये पूरी सावधानी रखनी होती है। श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से पहले मंत्रोच्चारण के साथ पूजन एवं पंचोपचार किया जाता है। यग्न में ध्यान लगाने के लिये इस मंत्र को उच्चारित किया जाता है। ©N S Yadav GoldMine #navratri {Bolo Ji Radhey Radhey} सहस्र चंडी यग्न :- 📜 सत्ता बल, शरीर बल, मनोबल, शस्त्र बल, विद्या बल, धन बल आदि आवश्यक उद्देश्यों को प्राप्