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LIFE WITH ME
बुरे वक्त मे कंधे पर रखा हाथ, कामयाबी की तालियों से ज्यादा मूल्यवान होता है। ©LIFE WITH ME #moral value
Motivational wings
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सबसे बड़ा मूर्ख __ Best moral short story in hindi __ Short spiritual story #Motivational
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Pooja
White **अनोखी दोस्ती** एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक लड़का रहता था जिसका नाम राहुल था। राहुल को जानवरों से बहुत प्यार था। उसके पास एक प्यारा कुत्ता था, जिसका नाम शेरू था। राहुल और शेरू पूरे दिन साथ खेलते थे और एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे। एक दिन, गाँव में मेला लगा। राहुल ने अपने माता-पिता से मेले में जाने की इजाजत मांगी। माता-पिता ने कहा, "तुम जा सकते हो, लेकिन शेरू को भी साथ ले जाना।" राहुल खुशी-खुशी शेरू को साथ लेकर मेला गया। मेले में बहुत सारी चीजें थीं - झूले, मिठाई, खिलौने, और बहुत सारे लोग। राहुल और शेरू ने खूब मजा किया। लेकिन अचानक, शेरू भीड़ में कहीं खो गया। राहुल घबरा गया और शेरू को ढूंढने लगा। राहुल ने मेला का चक्कर लगाया, लेकिन शेरू कहीं नहीं मिला। आखिरकार, राहुल ने हार मान ली और एक पेड़ के नीचे बैठकर रोने लगा। तभी, एक बूढ़ी औरत वहां से गुजरी और राहुल से पूछा, "बेटा, क्या हुआ?" राहुल ने अपनी पूरी कहानी सुनाई। बूढ़ी औरत ने मुस्कुराते हुए कहा, "डरो मत, मैं तुम्हारी मदद करूंगी।" उन्होंने अपने साथ लाए हुए एक छोटे से बक्से को खोला और उसमें से एक जादुई सीटी निकाली। उन्होंने कहा, "इस सीटी को बजाओ, तुम्हारा दोस्त वापस आ जाएगा।" राहुल ने सीटी बजाई, और कुछ ही पलों में शेरू दौड़ता हुआ राहुल के पास आ गया। राहुल ने खुशी से शेरू को गले लगा लिया और बूढ़ी औरत का धन्यवाद किया। बूढ़ी औरत ने कहा, "याद रखना, सच्ची दोस्ती में जादू होता है।" राहुल और शेरू खुशी-खुशी घर वापस आ गए। उस दिन के बाद, राहुल ने सीखा कि सच्ची दोस्ती कभी भी टूट नहीं सकती, चाहे कुछ भी हो जाए। ©Pooja #Moral story
#moral story #मोटिवेशनल
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White **ईमानदारी की जीत** एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में राम नाम का एक ईमानदार किसान रहता था। राम का परिवार बहुत गरीब था, लेकिन राम ने कभी भी किसी की चीज़ चुराने या गलत तरीके से पैसे कमाने की कोशिश नहीं की। एक दिन, राम खेत में काम कर रहा था जब उसे एक चमचमाती सोने की अंगूठी मिली। राम ने सोचा कि यह अंगूठी किसी गाँववाले की हो सकती है। उसने गाँव में सभी से पूछा, लेकिन किसी ने दावा नहीं किया कि वह अंगूठी उनकी है। राम ने तय किया कि वह उस अंगूठी को गाँव के सरपंच के पास ले जाएगा। सरपंच ने भी गाँव में घोषणा कराई, लेकिन कोई भी अंगूठी का मालिक नहीं मिला। सरपंच ने राम से कहा, "राम, तुम इस अंगूठी को अपने पास रख लो। यह तुम्हारी ईमानदारी का इनाम है।" राम ने अंगूठी ले ली, लेकिन उसने सोचा कि उसे इस अंगूठी से किसी की मदद करनी चाहिए। उसने अंगूठी को बेच दिया और उससे मिले पैसे से गाँव के स्कूल की मरम्मत करवा दी और कुछ पैसे गरीब बच्चों की शिक्षा पर खर्च कर दिए। कुछ महीनों बाद, गाँव में एक अमीर व्यापारी आया। उसने सरपंच से कहा, "मैंने यहाँ कुछ महीने पहले एक सोने की अंगूठी खो दी थी। क्या किसी को वह मिली है?" सरपंच ने राम को बुलाया और व्यापारी से मिलवाया। राम ने व्यापारी को पूरी कहानी सुनाई। व्यापारी ने राम की ईमानदारी से प्रभावित होकर उसे इनाम के रूप में दस सोने की मुद्राएँ दीं। राम ने वह मुद्राएँ भी गाँव के विकास और गरीबों की मदद के लिए खर्च कर दीं। इस प्रकार, राम की ईमानदारी और निस्वार्थता ने उसे गाँव में एक आदर्श बना दिया और सभी ने उसकी प्रशंसा की। ईमानदारी की जीत ने गाँव में एक नई दिशा दिखाई और सबने राम के पदचिन्हों पर चलना शुरू किया। **शिक्षा:** इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि ईमानदारी और निस्वार्थता हमेशा जीतती है और समाज में आदर व सम्मान दिलाती है। ©Pooja #Moral story
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White ### गाँव की बचपन की यादें गाँव का नाम स्नेहपुर था। वहाँ एक छोटा सा बच्चा, रवि, अपने माता-पिता और दादी के साथ रहता था। स्नेहपुर एक शांत और सुंदर गाँव था, जहाँ हरियाली और प्यार की कोई कमी नहीं थी। रवि की उम्र केवल दस साल थी, पर उसकी चंचलता और मासूमियत सबका दिल जीत लेती थी। हर सुबह, रवि अपनी दादी के साथ गाँव के मंदिर जाता था। मंदिर के पास एक बड़ा पीपल का पेड़ था, जिसकी छाँव में बैठकर दादी उसे पुरानी कहानियाँ सुनाया करती थी। रवि को उन कहानियों में बहुत मज़ा आता था। उसकी दादी की कहानियाँ सुनते-सुनते वह सपनों की दुनिया में खो जाता था। एक दिन, रवि ने सुना कि गाँव में मेला लगने वाला है। वह बहुत खुश हुआ और तुरंत अपनी माँ के पास दौड़ता हुआ गया। माँ ने उसे बताया कि मेले में बहुत सारी मिठाइयाँ, खिलौने, और झूले होंगे। रवि की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मेले वाले दिन, रवि ने अपनी सबसे प्यारी शर्ट पहनी और पूरे परिवार के साथ मेले गया। वहाँ उसने गुब्बारे, चाट और अपनी पसंदीदा मिठाई, जलेबी खाई। मेले में उसने एक खिलौना भालू देखा, जो उसे बहुत पसंद आया। उसके पिता ने उसकी खुशी देखकर वह भालू उसे दिला दिया। शाम को, जब रवि अपने खिलौने के साथ घर लौटा, तो वह बहुत थक गया था। उसने भालू को अपने पास रखा और अपनी दादी की कहानियाँ सुनते-सुनते सो गया। उस रात, रवि ने सपने में देखा कि वह अपने नए भालू के साथ जादुई जंगल में घूम रहा है, जहाँ पेड़ों पर चॉकलेट और जमीन पर मिठाईयाँ बिखरी हुई हैं। इस तरह, स्नेहपुर में रवि का बचपन हँसी-खुशी और प्यारी यादों से भरा हुआ था। गाँव की सरलता और दादी की कहानियाँ उसके जीवन को खास बनाती थीं। और इस तरह, रवि के बचपन की मीठी यादें हमेशा उसके दिल में बसी रहीं। ©Pooja #Moral story
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