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Aabid Khan
ਸੀਰਿਯਸ jatt
White आज के ज़माने ने उल्फतो के मयीने बदल दिए, जो सनम जीने मरने की कसमें खाते थे आज वो हमारी मौत की दुआ करते है ! ©ਸੀਰਿਯਸ jatt #Romantic वाह रे जमाने तेरी क्या मिसाल दूं!
Yogi Sonu
योग का एक फ़ायदा है पति कुछ भी बोले पत्नी कुछ भी बोले फ़र्क ही नही पड़ता योग का यह सबसे मजेदार लाभ है है न मजेदार ©Yogi Sonu योग का एक फ़ायदा है पति कुछ भी बोले पत्नी कुछ भी बोले फ़र्क ही नही पड़ता योग का यह सबसे मजेदार लाभ है है न मजेदार #jokas #teatime
Godambari Negi
प्यारी-प्यारी कोयलिया, काली-काली कोयलिया, मधुर बोल बोल के, जिया को लूट ले गई। बैठ डाली - डाली पर, नाच रही फर - फर, जाने कौन जादू कर, हिया में प्रीत दे गई। अमवा पे बौर आई, ऋतु सिरमौर आई, रति काम देवजी को, देखती ही रह गई।। कुहू - कुहू कूक कर, साधे स्वर झुककर, आया मधुमास अब, हमसे ये कह गई। ©Godambari Negi #कोयल
Rajni Vijay singla
वोट डालने के बाद पता चलता उल्लू नेता नहीं उल्लू बने हम फिर भी बार-बार बनते हैं इस बात का गम ©Rajni Vijay singla #बच के रहना रे बाबा
Rajni Vijay singla
वोट डालने के बाद पता चलता उल्लू नेता नहीं उल्लू बने हम फिर भी बार-बार बनते हैं इस बात का गम ©Rajni Vijay singla #बच के रहना रे बाबा
Sangeeta Kalbhor
उन्हाच्या झळा.. उन्हाच्या झळा या लागता नकोच करु त्रागा त्रागा इतके सुंदर आयुष्य असता का समजतोस रे अभागा श्वास जोवरी चालू तुझा तू तुझा रे रखवाला अविचार करुनिया नको रे घालू आयुष्यावर घाला चालून बघ दोन पावले गती येईल चालण्याला अनाहत नाद तुझ्याच अंतरी तुला येईल रे भेटण्याला ध्यानमग्न होता होता शंखनाद ही येईल ऐकू ओमकार जो करील जाप कोणापुढे ना देणार झुकू शाश्वत आहे अमर आत्मा आरोग्य हा तयाचा मार्ग खरा कशास धुंडाळितो इतस्ततः अंतरात तुझाच शोध घे ना जरा..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor #Hope उन्हाच्या झळा या लागता नकोच करु त्रागा त्रागा इतके सुंदर आयुष्य असता का समजतोस रे अभागा श्वास जोवरी चालू तुझा तू तुझा रे रखवाला अविचा
Rishika Srivastava "Rishnit"
शीर्षक:- "आओ सखी ,खेले फ़ाग " ................................ मार-मार पिचकारी रगों की फुहार से उड़ा के अबीर के रंग, भीगें हर अंग रे.. आओ सखी, खेले फ़ाग एक-दूसरे के संग रे.. करे अंबर लाल पिचकारी के संग रे...! थोड़ा सा ग़ुलाल मैं लगाऊं, थोड़ा तुम लगाना.. लपक-झपक ग़ुलाल के रंगों से, रंगे दोनों संग रे.. आओ सखी, खेले फ़ाग एक-दूसरे के संग रे.. करे अंबर लाल पिचकारी के संग रे..! ना जाने कहाँ होंगे अगले बरस, एक दूसरे को देखने को नजरें जाएगी तरस.. आओ सखी, खेले फ़ाग एक-दूसरे के संग रे.. करे अंबर लाल पिचकारी के संग रे..! आगे की चिंता की शिकन ना आने दे हमारे दरमियान, तू और इस रंग-बिरंगे रंगों संग जिंदगी में भरे हर रंग रे.. आओ सखी, खेले फ़ाग एक-दूसरे के संग रे.. करे अंबर लाल पिचकारी के संग रे..! बरस-बरस भीगेंगे आँचल, भिगोए जलते तन-मन रे.. आओ सखी, बुझा दे प्रेम से हर पीड़ा की चुभन रे.. आओ सखी, खेले फ़ाग एक-दूसरे के संग रे.. करे अंबर लाल पिचकारी के संग रे..!! ©Rishika Srivastava "Rishnit" शीर्षक:- "आओ सखी ,खेले फ़ाग " ................................ मार-मार पिचकारी रगों की फुहार से उड़ा के अबीर के रंग, भीगें हर अ
Arora PR
चल चल रे मुसाफिर चल तू उस दुनिया मे चल जहा न हो कोई फ़िक् जहा न हो मौत का कोई डर ©Arora PR चल चल रे मुसाफिर चल
Himanshu Prajapati
एक पिता का कद आसमां से भी ऊंचा होता है, क्योंकि छोटी-छोटी चीजों के लिए मां याद आती है- अरी माई रे माई...! बड़ी चीजों के लिए बाप- अरे बाप रे बाप...! ©Himanshu Prajapati #bachpan एक पिता का कद आसमां से भी ऊंचा होता है, क्योंकि छोटी-छोटी चीजों के लिए मां याद आती है- अरी माई रे माई...! बड़ी चीजों के लिए बाप