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Shiv Vinayak Dwivedi
पर्यावरण का मान बचाएं प्रकृति का सम्मान बचाएं वृक्ष लगाएं राष्ट्र बचाएं जीव धारी का प्राण बचाएं पर्यावरण हमारा घर है घर की रक्षा मे आगे आए घर पर अपने वृक्ष लगाएं देव विपत्ति को दूर भगाएं रचना शिव विनायक द्विवेदी # विश्व पर्यावरण दिवस पर कविता कवि श्री शिव विनायक द्विवेदी
Vandna Solanki
विश्व पर्यावरण दिबस पनघट सूने हो चले,चिंतित हुआ समाज। धरती बंजर हो रही,कैसे उगे अनाज। कैसे उगे अनाज,पड़ा संकट है भारी। होता जल स्तर न्यून, वेदना कूप निहारी। कहती वन्दू बात,समय ने बदली करवट। हो संचय तत्काल, भरे जब होंगे पनघट।। #विश्व पर्यावरण दिवस
Raone
विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) सौ बातों की एक बात,पेड़ों पर ना करें आघात । गर कल अच्छा बनाना है, तो आज अच्छा बनायें । कुछ करें या ना करें पर, हर हाल में ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगायें ।। राone@उल्फ़त-ए-ज़िन्दग़ी विश्व पर्यावरण दिवस
puja kashyap
"ऐ कुदरत तेरे कितने हैं रंग" ऐ कुदरत तेरे कितने हैं रंग, तेरे हर रूप में दिखे एक अनोखा संयोग। कभी इठलाती, बलखाती,झम-झम तू आसमां से बरस जाती, कभी क्षण भर में फिर सुनहरी चादर ओढ़े,अंबर से उतर जाती। कभी सात रंगों से सजी एक सुंदर छवि,नीले गगन में नजर आती, और जो शाम ढली तो चमकीले सितारों की बारात बन निकल आती। ऐ कुदरत तेरे कितने हैं रंग, तेरे हर रूप में दिखे एक अनोखा संयोग। माँ सी ममता सीने में लिए, तू सींच देती, हर खेतों को खलियानों को, हर जीव की प्यास को बुझा देती, हर कलियों को तू ही तो खिला देती। रात की काली चादर से लड़-लड़ कर,इस सृष्टि को उजियारों से भर देती, जो मलिनता और अशुद्धता हम पनपाते, उसे अपने रग-रग में समा लेती। ऐ कुदरत तेरे कितने हैं रंग, तेरे हर रूप में दिखे एक अनोखा संयोग। कहीं तू अटल हिमालय का रुप लीये, रक्षा-कवच बन खड़ी हो जाती, कहीं घनघोर वनों का रूप लीये,अनगिनत जन्तुओं का आवास बन जाती। फिर वहीं तू अपनी करिश्मा से,न जाने कितनी जड़ी-बूटीयों को जन्म देती, और मानव-कल्याण की संरचना की अनेकों रूप-रेखा बनाती रहती। ऐ कुदरत तेरे कितने है रंग, तेरे हर रूप में दिखे एक अनोखा संयोग। आभार है तेरा अनेकों हम पर, ना जाने कैसे उनको चुकता कर पाएंगे, पर करते हैं वादा,ओ पालनहारे कि तुझको,अब ना हम इतना सताएंगे। जिन वृक्षों को तुमने अपने लहू से सींचा, उनपे अब ना हथौड़े चलाएंगे, जिन नदियों ने हमको जीवन दिया, उनको अब ना मलीन और दूषित करेंगे। -पूजा कश्यप। # विश्व पर्यावरण दिवस