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Rimpi chaube
White यादों में बातों में ख्वाबों में रहते हो तुम, ना चाहते हुए भी हर आहट में कुछ कहते हो तुम, महसूस करते है हम तुमको दिल की गहराई में, दिल जैसे सीने से जुदा–सा हो गया है, तेरे बगैर जीना सजा–सा हो गया है।। ©Rimpi chaube #तेरेबग़ैरजीना यादों में बातों में ख्वाबों में रहते हो तुम, ना चाहते हुए भी हर आहट में कुछ कहते हो तुम, महसूस करते है हम तुमको दिल की गहराई
Ankur tiwari
White दीवानों के दिलों में साज जब जब कोई बजता हैं सनम की आहटों का रूह को भी इल्म रहता हैं मोहब्बत में निगाहें हारकर भी जीत जाती हैं दिल का फलसफा यह हैं कि अक्सर हार जाता हैं ©Ankur tiwari #Free दीवानों के दिलों में साज जब जब कोई बजता हैं सनम की आहटों का रूह को भी इल्म रहता हैं मोहब्बत में निगाहें हारकर भी जीत जाती हैं दिल का
वंदना ....
सागर की गहराई तो माप लोंगे पर किसी की टूटे दिल की आहट नहीं ....!!!! ©वंदना .... #मुश्किल होता है .... #टूटे दिल की आहट समझना ...😇☺️🤗
aaj_ki_peshkash
White संगीत की धुन से जीवन को साज़ करें, दिल की गहराईयों में छू जाए वो तार बसाएं। दर्द को आहटों में पिघलाए, संगीत ही है जो रूह को सुकून दिलाए। ©aaj_ki_peshkash #संगीत की #धुन से #जीवन को #साज़ करें, #दिल की गहराईयों में छू जाए वो तार बसाएं। #दर्द को आहटों में पिघलाए, संगीत ही है जो #रूह को #सुकून दि
Meharban Singh Josan
꧁ARSHU꧂ارشد
आज भी नक़्श हैं, दिल पर तेरी आहट के निशाँ... हमने इस राह से किसी और को गुज़रने न दिया... ©꧁ARSHU꧂ارشد आज भी नक़्श हैं, दिल पर तेरी आहट के निशाँ... हमने इस राह से किसी और को गुज़रने न दिया... Sethi Ji Niaz (Harf) Anshu writer naaz NIKHAT (दर्
Himanshu Prajapati
Autumn दस्तक दिया उसने दरवाजे पर मैंने जोर से पूछा कौन है, सुनकर उसकी एक आहट दिल मेरा तब से मौन है..! ना आंखें बंद हो रही है ना कुछ कह पा रहा हूं यह कैसा प्यार का ज़ोन है..! ©Himanshu Prajapati #autumn दस्तक दिया उसने दरवाजे पर मैंने जोर से पूछा कौन है, सुनकर उसकी एक आहट दिल मेरा तब से मौन है..! ना आंखें बंद हो रही है ना कुछ कह पा
Prashant Roy
poonam atrey
**आहट दिल की ** जब तुम्हे देखकर दिल मचल उठा था,वो प्यार था या कुछ और , साँसो की गर्मी कुछ ऐसे पिघली थी, जैसे रात से निकली हो भोर, आहट दिल की सुनकर ,दिल के कहाँ फिर संभला था , मोहब्बतों के दौर का , चल पड़ा फ़िर सिलसिला था, दीदार-ए-तलब इश्क़ की ,आदत में शुमार हो चला था, मुस्कुरा कर आती थी यामिनी ,और हँसकर दिन ढला था, उस अहसास से मोहब्बत हमारी ,आज भी जवाँ है वो मखमली अहसास , किसी और शय में कहाँ है, आज भी दिल की आहट सुनकर ,फूल खिल उठते हैं, उस गुमशुदा से इश्क से ,हजारों गुल महक उठते हैं ।। -पूनम आत्रेय . ©poonam atrey #आहटदिलकी