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Bibha Rani
रहने को घर नहीं है साहब फिर भी हम अपना झंडा फहराएंगे यह हमारी आन बान शान हैं इसके लिए अपनी जातक की बाजी लगाएंगे ©Bibha Rani रहने को घर नहीं है साहब फिर भी हम अपना झंडा लहराएंगे यह हमारी आन बान शान है अपने देश की बाजी जिताने को अपनी जान भी लगाएंगे
Sunil itawadiya
अपनी तकदीर की आजमाइश ना कर, अपने गमो की नुमाइश ना कर, जो तेरा है वो तेरे पाश खुद आएगा, रोज रोज उसे पाने की ख्वाहिश ना कर,, एक खयाल २ बजे रात का 🙏🏼दर-दर भटक रही थी पर उस दर नहीं मिला, उस 'मां' चार बेटे है, पर रहने को घर नहीं मिला!! 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼💕💐👍
DR. LAVKESH GANDHI
जो लोग दूसरों के घरों में झाँकते हैं उन्हें कभी फुर्सत में अपने घर भी देखना चाहिए क्योंकि वक्त की कमी के कारण उनका घर तो बहुत पहले उजर चुका होता है | ©DR. LAVKESH GANDHI घर #घर को घर बने रहने दो # #dilemma
MS KHIZAR
" शक(Doubt) एक ऐसी बीमारी है जो इंसान का सुकून खत्म कर देती है " ©MS KHIZAR doubt ?? इंसान को कहीं का रहने नहीं देता
_जागृति@**शर्मा..."अजनबी"
झुक जाते थे जो दरवाजे की चौखट पर भी अब से वो सर नहीं रहे यूं तो आज भी बनी है रेत ईंटों की दीवारें पर अब वो चारदीवारी घर नहीं रहे कल तक नजरों में थी जो शर्म और लिहाज दकियानूसी विचार कहता है उसे आज का आधुनिक समाज जहां हो आदर और विश्वास रिश्तों में अब सम्बन्ध वो परस्पर नहीं रहे बुनियाद है कांक्रीट की जिसकी अब वो चारदीवारी घर नहीं रहे जुड़े है सब अब ऑनलाइन व्हाट्सएप पर पूछते है हाल और कहते है I m fine रहते है यूं तो १० लोग उस ईंटों के मकान में रिश्तों को करके मोबाइल में बन्द, लगा लेते है earph कान में जहां होता था शोर परिवार का अब वो जंगल सुनसान हो गया रिश्ते जिसे बनाते थे घर आज वो बस ४ मंजिला मकान हो गया है WhatsApp or ab रिश्तेदारी निभाते है स्टेटस पर जनाब अपना हाल बताते है यूं तो जनाब आलम ये है कि घर में हुआ क्या इसकी किसी को ख़बर नहीं रहे परिवार हो गए है एकल,दादा दादी के किस्सों वाले अब शहर नहीं रहे रिश्ते हुए है खोखले, मकान तो है आज भी मजबूत पर अब वो घर नहीं रहे _जागृति@***शर्मा..."अजनबी" #घर घर नहीं रहे@##
Ved Prakash Sharma
Prince Singh Bhumihar
नहीं जो दिल में जगह तो नजर में रहने दो, मेरी हयात को तुम अपने असर में रहने दो, मैं अपनी सोच को तेरी गली में छोड़ आया हूँ, मेरे वजूद को ख़्व