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SHIVENDRA TRIVEDI
White चलो आज अपनी अपनी राह लेते हैं, खुद से खुद के हुनर की सलाह लेते हैं। किस्मत को आखिर कब तक ? टोकेंगे हर मोड़ पर .... फिर से उस मेहनत की पनाह लेते हैं । ©SHIVENDRA TRIVEDI #Dosti #Friend #यार #Nojoto #शायरी Satyaprem Upadhyay Vinita pahadi uttrakhand vinitawritter Varsha kumari Neha Pandey दीनदयाल ओझा
Aditi Bhardwaj
White वो लम्हें जो साथ गुजरे थे यारों संग 🥲 वो दोस्तों के संग साझेदारी वो तंग गलियां वो कच्ची पक्की सड़के, वो नादानियाँ जिनमें शामिल कई बदमाशीयां, वो बीन कहे समझना जज्बातों को अपने, गुम सी गयी है वो राहें जहाँ बेवज़ह मिला करते थे वो यार पुराने, क्या लौटेंगी फिर से वो दिन, या यूँही गुजरती रहेंगी एक एक दिन दोस्तों के बीन, मंजिलों की परवाह किये हमारा यूँ भटकना, वो अनकही सी बातो पर लड़ना झगड़ना, बस यादें ही तो रह गयी हैं, अनजान डगर के मुसाफिऱ तो ही रह गए है, वो पुरानी यादों को समेटते हुए, नाम -ए -दोस्ती बस यादें ही तो रह गयी है..!! 🫰🍂 ©Aditi Bhardwaj #Dosti वो यार पुराने #Nozoto
Santosh Verma
Black कुछ तो मोहलत दे ऐ मेरे यार, मुझे थोड़ा ठहर जाने दे । अगला किरदार भी तेरा सह लूँगा, पहले मुझे ज़मी पर उतर जाने दे। । घायल कर देना निकाल छल पिटारे से, थोड़ा मुझे संवर जाने दे। तेरे हर ज़ख्मों को गले लगा लूँगा, थोड़ा पहले वाला भर जाने दे। । शिकवा तुझसे मुझे कोई यार, थोड़ा मुझे घर जाने दे,। कदमों में मखमल बिछा दूँगा तेरे, पहले मुझे निखर जाने दे। । written by संतोष वर्मा azamgarh वाले खुद की जुबानी। । ©Santosh Verma #mere यार ##
अमित कश्यप
जाम छलकने दे साखी मैं खाने में झूम कर यारों की महफिल में आज मेरा यार बैठा है टूटती है बोतले तो आज टूटने दे बरसों के बाद मेरा यार साथ बैठा है ©अमित कश्यप मेरा यार
Balwant Mehta
यार लोगों की बातें, लगती मीठी चुभती ज्यादा, जीवन की राहों में, ये साथी हैं अनमोल सदा। ©Balwant Mehta #boatclub #यार #बातें
Rabindra Kumar Ram
" फिर तुझसे कब कहाँ कैसे यकीनन मिला जाये, मयस्सर में तेरे ख्वाब कही मुकम्मल हो तो हो, अब यार तेरे तलब की दुहाई क्या देता मैं, कभी यार गैरइरादतन कभी ऐसे भी तो मिले होते ." --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " फिर तुझसे कब कहाँ कैसे यकीनन मिला जाये, मयस्सर में तेरे ख्वाब कही मुकम्मल हो तो हो, अब यार तेरे तलब की दुहाई क्या देता मैं, कभी यार गैर
हिमांशु Kulshreshtha
बस एक शख्स मेरी आरज़ू है नहीं चाहिए कोई उस जैसा न कोई उस से कम चाहिए. ©हिमांशु Kulshreshtha उस जैसा..