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Stories related to सांसों को सांसों में ढलने दो जरा lyrics

theABHAYSINGH_BIPIN

#lovelife हालत-ए-दिल जरा संभलने दो, हालात बदन को संवरने दो। इश्क़ तो एक राह है जुनूँ की, उससे शहर से मुझको गुजरने दो। पर एक रौनक़ इश्क़ ठ

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Unsplash हालत-ए-दिल जरा संभलने दो,
हालात बदन को संवरने दो।
इश्क़ तो एक राह है जुनूँ की,
उससे शहर से मुझको गुजरने दो।

पर एक रौनक़ इश्क़ ठहरने दो,
ढूँढ़ लेंगे दिल के लिए एक ठिकाना।
इस दिल से पछतावे को निकलने दो,
इश्क़ की राह में अब कोई न आना।

©theABHAYSINGH_BIPIN #lovelife 

हालत-ए-दिल जरा संभलने दो,
हालात बदन को संवरने दो।
इश्क़ तो एक राह है जुनूँ की,
उससे शहर से मुझको गुजरने दो।

पर एक रौनक़ इश्क़ ठ

theABHAYSINGH_BIPIN

#erotica उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर, इस सर्द दिसंबर को जून कर दो। लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर, मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलग

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उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर,
इस सर्द दिसंबर को जून कर दो।
लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर,
मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलगा दो।

जाग रहा है इश्क़ का कबूतर खत पर,
तेरे अंगों की महक में बिखेर दो।
मेरे होठों पे उकेर, अपनी सासों की लकीर,
इस रात को मुझे अपने बदन में बसा दो।

भड़क रही है आग तेरे बदन की लहरों में,
तेरी छुअन से हर नस को झुलसा दो।
कबसे क़ैद है इश्क़ का ये सिपाही,
अपने कोमल स्पर्श से आज़ाद कर दो।

हर सांस तेरे रिदम से बंधी है अब,
तेरे बदन की नर्म लकीरों में खो जाने दो।
हवाओं में मिलकर जलते हुए इन लम्हों को,
मेरी हर शरारत को ख़ुद में समा लो।

©theABHAYSINGH_BIPIN #erotica 

उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर,
इस सर्द दिसंबर को जून कर दो।
लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर,
मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलग

विष्णु कांत

तूफान को खबर कर दो

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RAMLALIT NIRALA

जिवन को जिना है तो दूसोरो को रूलाना छोड दो

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Vinod Kuma

lyrics 💥

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azad satyam

सर्द फिज़ाओं में घुली तेरी खुशबू, सांसों को महका रही है, अपने आगोश में समेट लेने को, दिवाने पंछी को बहका रही है...✍🏻 💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞 ek

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सर्द फिज़ाओं में घुली तेरी खुशबू,
सांसों को महका रही है,
अपने आगोश में समेट लेने को,
दिवाने पंछी को बहका रही है...✍🏻

💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞

#ek_panchi_diwana_sa

©azad satyam सर्द फिज़ाओं में घुली तेरी खुशबू,
सांसों को महका रही है,
अपने आगोश में समेट लेने को,
दिवाने पंछी को बहका रही है...✍🏻

💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞

#ek

Ashvani Kumar

दिसंबर को जून कर दो

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मेरे चारो ओर जो मंज़र है,
उसमें सुकून भर दो,
थोड़ी सी मेरे करीब आ जाओ,
और दिसंबर को जून कर दो।।

©Ashvani Kumar दिसंबर को जून कर दो
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