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Ak
हर पल मेरे पास रहा करो .... मुझ से कहीं दूर ना जाया करो... तेरे बिन नहीं लगता दिल कहीं मेरा... यूं ना छुप छुप कर मुझे सताया करो... तेरी हर अदा पर हम मर जाते है... तू एक पल ना आये नजर तुझे खोने से डर जाते है... #love#life#thought
Rameshkumar Mehra Mehra
लोग कहते है..... हम मर जाते है.......! तो साथ लेकर कुछ नही जाते है...! लेकिन मैं लेकर जाऊँगा.....!! अन सुलझाएं सबाल.... ©Rameshkumar Mehra Mehra # लोग कहते है...हम मर जाते है, तो साथ लेकर कुछ नही जाते है,पर मैं लेकर जाएगा,जिंदगी के अनगिनत ना सुलझे सबाल....
yogesh atmaram ambawale
ना दोस्ती के प्यार मे, ना दुश्मन के मार मे, हम तो मर जाते है कट जाते है आंसूओ की धार मे. आँसू की एक बूँद दरियाओं पर भारी है। #आँसुओंकीधार #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi#yqdidi#आंसूओकीधार#yqh
Ak.writer_2.0
लोग कहते है, हम मर जाते हैं, तो साथ लेकर कुछ नहीं जाते हैं लेकिन मैं लेकर जाऊंगा तुमसे अगले जन्म में मिलने का ख्वाब..! ©Ak.writer_2.0 लोग कहते है, हम मर जाते हैं, तो साथ लेकर कुछ नहीं जाते हैं लेकिन मैं लेकर जाऊंगा तुमसे अगले जन्म में मिलने का ख्वाब..! #sad #sadnessn #brock
Saurabh4Q
एक झलक' ये कैसी मोहब्बत है हर रोज अपना हक उसपे जताते हैं, पास नही मेरे वो फिर भी उसपे सिर्फ हक़ अपना बताते हैं, जब भी उसको, इश्क़ हम अपना जताते हैं वो मुकरती है जिस अन्दाज़ में उसकी इस अदा पे हम मर जाते हैं, करना होता है मुझे इश्क़ थोड़ा सा पर न जाने क्यूँ बेहद कर जाते हैं, पता नही उसे शायद उसकी एक झलक पाने को हम कितना तरस जाते हैं #love ये कैसी #मोहब्बत है हर रोज अपना #हक उसपे जताते हैं, पास नही मेरे वो फिर भी उसपे सिर्फ #हक़ अपना बताते हैं, जब भी उसको, #इश्क़ हम अपना
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत :- हम रहें घरोंदों में अपने , आज यही आजादी है । कैसे खुशी मनाए खुलकर ,हर ओर खड़े उग्रवादी है ।। हम रहें घरोंदों में अपने .... वह लालच देकर लूट रहा , वह बल से सब कुछ छीन रहा । हम मर जाते हैं किश्तों में , वह अरबों लेकर भाग रहा ।। सुबह-शाम खट-खट टिन-टिन की , आज यही आजादी है । हम रहें घरोंदों में अपने .....। कोई सत्ता धौंस दिखाता , कोई पद अपना बतलाता । एक के ऊपर एक बैठा, पर निचले का ही पिस जाता ।। सब आँखे मूँदें देख रहे , अब आज यही आजादी है अब पड़ती कहाँ जरूरत है ,उन डाकू और लुटेरों की । लूट रहे विभाग सभी यहाँ, बस मौका आते फेरों की ।। यह सब हमने होते देखा , आज यही आजादी है ।। हम रहें घरोंदों में अपने .... हम रहे घरोंदों में अपने , आज यही आजादी है । कैसे खुशी मनाएं खुलकर , हर ओर खड़े उग्रवादी है ।। १४/०८/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- हम रहें घरोंदों में अपने , आज यही आजादी है । कैसे खुशी मनाए खुलकर ,हर ओर खड़े उग्रवादी है ।। हम रहें घरोंदों में अपने .... वह लालच
vibrant.writer
A void can be filled by self love and awareness about ownself. We see that we come at here on this earth but why, this we don't know.. We born, we live and we die but why, this we don't know.. We die after that we born again but why, this we don't know.. So when we leave to be fearful with death and start to understand the death then a void can be filled.. When we start to understand the death then the real life start.. When we aware about our death just then we can aware about our life.. When we can aware about our life then we can love our life; we can love ourself and we can love to all. so with love void can be filled. शून्य को स्वयं से प्यार और जागरूकता से भरा जा सकता है। हम देखते हैं कि हम यहाँ इस धरती पर आते हैं लेकिन क्यों, यह हम नहीं जानते हैं। हमने ज
Maitreya
नमस्कार जंगल में शेर शेरनी शिकार के लिये दूर तक गये अपने बच्चों को अकेला छोडकर। देर तक नही लौटे तो बच्चे भूख से छटपटाने लगे उसी समय एक बकरी आई उसे दया आई और उन बच्चों को दूध पिलाया फिर बच्चे मस्ती करने लगे तभी शेर शेरनी आये बकरी को देख लाल पीले होकर हमला करता उससे पहले बच्चों ने कहा इसने हमें दूध पिलाकर बड़ा उपकार किया है नही तो हम मर जाते। अब शेर खुश हुआ और कृतज्ञता के भाव से बोला हम तुम्हारा उपकार कभी नही भूलेंगे जाओ आजादी के साथ जंगल मे घूमो फिरो मौज करो। अब बकरी जंगल में निर्भयता के साथ रहने लगी यहाँ तक कि शेर के पीठ पर बैठकर भी कभी कभी पेडो के पत्ते खाती थी। यह दृश्य चील ने देखा तो हैरानी से बकरी को पूछा तब उसे पता चला कि उपकार का कितना महत्व है। चील ने यह सोचकर कि एक प्रयोग मैं भी करता हूँ चूहों के छोटे छोटे बच्चे दलदल मे फंसे थे निकलने का प्रयास करते पर कोशिश बेकार । चील ने उनको पकड पकड कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया बच्चे भीगे थे सर्दी से कांप रहे थे तब चील ने अपने पंखों में छुपाया, बच्चों को बेहद राहत मिली काफी समय बाद चील उडकर जाने लगी तो हैरान हो उठी चूहों के बच्चों ने उसके पंख कुतर डाले थे। चील ने यह घटना बकरी को सुनाई तुमने भी उपकार किया और मैंने भी फिर यह फल अलग क्यों? ? बकरी हंसी फिर गंभीरता से कहा उपकार भी शेर जैसो पर किया जाए चूहों पर नही। चूहों (कायर) हमेशा उपकार को स्मरण नही रखेंगे वो तो भूलना बहादुरी समझते है और शेर(बहादुर )उपकार कभी नही भूलेंगे । - मैत्रेय रूद्राभयानंद(1989-सुमन सौरभ) ©Maitreya नमस्कार जंगल में शेर शेरनी शिकार के लिये दूर तक गये अपने बच्चों को अकेला छोडकर। देर तक नही लौटे तो बच्चे भूख से छटपटाने लगे उसी समय एक बकरी
Dipin Tarbundiya
उसे टूटकर चाहा था मैनें हर दर्द को सहा था मैंने.. वो मिलते नहीं तो मर जाते हम कईं बार दिल को कहा था मैंने मर जाते हम...