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Internet Jockey
One of the hardest things in journalism is to write for your readers rather than your peers or editors. — Ezra Klein #NojotoQuote Journalism Messages and quotes
Journalism Messages and quotes
read morePriya Chaturvedi
अत्याचार, अन्याय के विरुद्ध भरता नित नई हुंकार हूं। हां मैं एक पत्रकार हूं।। लोकतंत्र का चतुर्थ स्तंभ हूं अन्याय के विरुद्ध सच के संग हूं झुकता नहीं, डरता नहीं कलम की तेज धार हूं। सूचनाओं से भरा अखबार हूं । हां मैं एक पत्रकार हूं।। शोषित पीड़ितों की मैं आवाज बोलूं सियासी महकमों के कई राज खोलूं सच के लिए हरदम लडूं निर्भीक हूं, नहीं लाचार हूं। झूठ के लिए मैं उसकी हार हूं। हां मैं एक पत्रकार हूं।। ©Priya Chaturvedi #journalism
Priya Chaturvedi
अत्याचार, अन्याय के विरुद्ध भरता नित नई हुंकार हूं। हां मैं एक पत्रकार हूं।। लोकतंत्र का चतुर्थ स्तंभ हूं अन्याय के विरुद्ध सच के संग हूं झुकता नहीं, डरता नहीं कलम की तेज धार हूं। सूचनाओं से भरा अखबार हूं । हां मैं एक पत्रकार हूं।। शोषित पीड़ितों की मैं आवाज बोलूं सियासी महकमों के कई राज खोलूं सच के लिए हरदम लडूं निर्भीक हूं, नहीं लाचार हूं। झूठ के लिए मैं उसकी हार हूं। हां मैं एक पत्रकार हूं।। ©Priya Chaturvedi #journalism
Priya Chaturvedi
अत्याचार, अन्याय के विरुद्ध भरता नित नई हुंकार हूं। हां मैं एक पत्रकार हूं।। लोकतंत्र का चतुर्थ स्तंभ हूं , अन्याय के विरुद्ध सच के संग हूं झूठ के लिए मैं उसकी हार हूं। हां मैं एक पत्रकार हूं।। शोषित पीड़ितों की मैं आवाज बोलूं सियासी महकमों के कई राज खोलूं सूचनाओं से भरा अखबार हूं हां मैं एक पत्रकार हूं।। ©Priya Chaturvedi #journalism
Pearl Prachi
Leave the things wherever they are , Or communicate until they solve .... It's always a choice either you want to resolve or let go communication is the key and communication is the lock ....
communication is the key and communication is the lock .... #Quote
read moreSuraj Thakur
कोई सत्ता की हामी भरता है, कोई विपक्ष की बोली बोलता है..... लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ आज मदारी वाले बंदरों का नाच सा लगता है...... जिस कलम की ताकत से ब्रह्मांड तक डोला करता था, जिस कलम की ताकत में आवाम का विश्वास होता था, जिस कलम की ताकत से सत्ता तक बदले जाते थें, जिस कलम की शान को दिनकर तलवारों से ऊपर तौलते थें, बिक गए सब आदर्श आज,बिक गए ईमान हैं पत्रकारिता का घटिया स्तर,भुगत रहा आवाम है..... दो कौड़ी के भाव में जो करने लगे गुलामी, छोड़ के अपनी निष्पक्षता जो बोल रहा नेताओं की जुबानी.... किस पे आज यकीन करें,कौन यहां है सच्चा...?? न्यूज नहीं नौटंकी चलता,जानता है देश का बच्चा बच्चा.... ©Suraj Thakur #Poetry #journalism
Bobby(Broken heart)
It's called journalism ©Bobby(Broken heart) It's called journalism....
It's called journalism....
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