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    LatestPopularVideo

Keshav Jalthar

##imroz

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Raat ke Andhere ko,
Aghoosh mein chupa le koi,
Main"Imroz"
ka jaaga hu,
Mujhe aaj ki Roz sula de koi..
                keshu ##imroz

शिवानी आशा शर्मा

the_unsung_teller

पूछेंगे हाल एक दूसरे का,
अब फिर एक दूसरे को गले लगा पाएंगे..
कहेंगे सारी अनकही एक दूसरे से,
कैसे कटा वनवास अब एक दूसरे को बता पाएंगे..

©the_unsung_teller #imroz 
#AmritaPritam

Kamal Vishwakarma

imroz #WorldBloodDonorDay

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मेरे टूट जाने की अदावत है इमरोज,
मेरी नफ़स बहुत बेचैन सी हैं....

imroz (today). nafz (soul)

©Kamal Vishwakarma imroz

#WorldBloodDonorDay

TARIQ HASSAN KHAN

ISHRAT IMROZ #Smoothguitar #علم

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Azhar Ali Imroz

buy Azha Ali Imroz

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विषय ______समाज 
एक समय हुआ करता था । जहां समाजों के बीच में रह कर अपने समस्या का समाधान को पाना हुआ करता था  
                           अब अभी का समाज है, जहां अपनी समस्या का समाधान पाना तो दूर की बात है। 
दिन प्रतिदिन लोग समाजिक समस्याओं से उलझता ही जा रहा है और उस का जीवन कठोर से कठोर बनता जा रहा है। 
सीधी शब्दों में कहूं तो जिस प्रकार से मकान की छत होती है और उस छत पे चढ़ने के लिए सीढ़ी की जरूरत होती है , तभी आप आकलन करते हो उस छत पे चढ़ने के लिए सभी छोटी बड़ी संख्याओं के सीढ़ी को पार कर के ऊपर चढ़ पाते हैं।
बस इसी प्रकार से हमारे समाज के लोग होते हैं। कुछ लोग गरीब होते हैं तो कुछ लोग उससे भी ज्यादा गरीब होते हैं। इसी प्रकार से अमीर लोग होते हैं तो कुछ लोग उससे भी बड़ा अमीर होते हैं । जिससे हम धनिक व्यक्ति कहते हैं और गरीब को धनहीन व्यक्ति कहते हैं।
परंतु इन दोनों में कोई ये नहीं दिखता की मनुष्य होने का मतलब क्या है?
आखिर विद्वानों ने समाज शब्द का प्रयोग क्यों किया और हमारे पुर्वजों ने इसे स्वीकार क्यों किया ? लेकिन ऐसा कोई सोचता नहीं है।
यही कारण है आज समाज में रहने वाले व्यक्ति स्वतंत्र हो कर अपने जीवन को यापन नहीं कर पाते हैं।
बढ़ती बाल विवाह, शोषण , अपमानित जैसी समस्या से घिरा लोग ,सब रोज मरने से बेहतर एक रोज मर जाना बेहतर समझता है।
फिर भी कहना चाहूंगा।ये आपका मुल्क है, मुल्क को बेहतर बनाना मेरा और आप का कर्त्तव्य है ,सब मिलकर क़दम उठाएं।
मुल्क मेरा है , कानून मेरे लिए है । ऑफिसर मेरा है । बस चुनना ईमानदार को है जो सामाजिकता को बनाए रखे।
टेक्नोलॉजी की दुनिया ने हम सभी को एक दूसरे से जुदा जुदा सा कर दिया है , बड़ों से नफ़रत सा अपनों से छोटों को कुचल देने सा समस्या बना दिया है। शहर तो शहर अब गांव , गांव भी ना रहा है ।ये टेक्नोलॉजी की दुनिया अधिकांश लोग से रोजगार छीन लिया है । जिसका कारण है छोटी-छोटी बातें भी आज भवंडर का रूप ले रहा है । यही कारण है कि कोई नारी शक्ति की मांग में लगा है तो को नर शक्ति के कोई जाती समुदाय के मान सम्मान के लिए । सब एक दूसरे को कर अपने से नीचा और कम दिखाना छोड़ दे तो मेरे समझ से सारा समस्या का हल निकल सकता है । इस धरती पे जीवन अनमोल है सिद्धांत उतना नहीं जितना की जीने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। सिद्धांत के कारण अनेक तरह का कांड है। buy Azha Ali Imroz

Imroz Alam

Imroz Gajnavi

write by MD imroz gajnavi

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chubhta to mujhe bhi bahot kuchh 
hai teer ki tarha 
magar khamosh raheta hu mai 
apni taqdeer ki tarha write by MD imroz gajnavi

SALONI UPADHYAY

#Amrita-Imroz ke prem-patra

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Moin Khan Silawat

writing thoughts imroz e kefiyat

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(काविश=प्रयत्न, इमरोज़=आज)

जुनून ऐ काविश दिखाएंगे उनको हाल ए भी सुनाएंगे उनको मिलेंगे इमरोज़ हम बता देंगे ये दिल हार चुका है इसे लुटा देंगे

written by moinkhan writing thoughts
imroz e kefiyat
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