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Shalini Nigam
अगर "सलाखें" होती ..तो.. खुद को कब का "आजाद"कर लेते "मगर" मसला तेरी यादों का है ©Shalini Nigam #सलाखें #यादें #आजाद #Shayari #Love #Life #yqdidi #yqbaba #YourQuoteAndMine #Nojoto
Azaad Pooran Singh Rajawat
White देख कर बेरुखी तेरी दिल को हमने भी समझा लिया जिस अंदाज में तू खुश रहे यारा अंदाज वही हमने भी अपना लिया तू यह न समझ कि तुझसे मोहब्बत कम हो गई है यह तो आजाद वफ़ा है यारा मोहब्बत की मंजिल पर हम तुम्हारी हसरतों के साथ चलना चाहते हैं हसरतों से हसरतें जब मिलती है इश्क ए आनंद अपार होता है और इसी को सच्चा आजाद प्यार कहते हैं। ©Azaad Pooran Singh Rajawat #flowers# आजाद शायराना #
flowers# आजाद शायराना #
read moreAbeer Singh
आजाद कर दो उस पंछी को जो आपके साथ खुद को कैदी समझता हो ©Abeer Singh आजाद कर दो
आजाद कर दो #लव
read moreRavendra
रमेश चंद्र इंटर कॉलेज की छात्राओं ने वार्षिक उत्सव में प्रस्तुत किया सांस्कृतिक कार्यक्रम #वीडियो
read moreAzaad Pooran Singh Rajawat
White "जब भी संकट आता है कोई जीवन में मेरे ना मंदिर जाता हूं ना मस्जिद जाता हूं जब मां थी तो मां के पास जाता था आज मां नहीं है तो मां का ध्यान किया करता हूं मां के आशीर्वाद के सहारे हर मुश्किल पर आसानी से पार पा जाता हूं।""सभी को मदर्स डे की आजाद शुभकामनाएं।" ©Azaad Pooran Singh Rajawat #mothers_day आजाद शुभकामनाएं
#mothers_day आजाद शुभकामनाएं #कविता
read moreAnadia Naseem
कॉलेज एंजॉय🏫 #newvideo #viralreels #dancevideo #vlogvideo #trendingvideo #anadia_sana #अनदिया_सना #Videos
read moreHARSH369
White आज मै आज़ाद हूं, अपना कर्तव्य चुनने के वास्ते अपना मौलिक अधिकार चुनने के वास्ते मै आज़ाद हूं... मुझे अधिकार है किधर जाना है, मुझे अधिकार है कि क्या पाना है, मुझे अधिकार है किससे रुठूं किसे मनाना है मुझे अधिकार है..मै आज़ाद हूं अपने शिखर तक जाऊंगा जो किसी ने नही पाया वो पाउंगा, थोड़ा देर लगेगी पर जीत ही जाउंगा, पर हारा हुआ लौटकर वापिस घर नहि आउंगा मुझे अधिकार है..!! ©HARSH369 #Free मैं आजाद हूं
INDIA CORE NEWS
Shashi Bhushan Mishra
अंधेरे की सोहबत से आजाद हूँ अब, बेख़बर सुनता कोई फरियाद हूँ अब, नहीं है ख़्वाहिश दिखाई दूँ शिखर पे, मुक़म्मल से घर की बुनियाद हूँ अब, फूल कलियों से चमन में ताज़गी है, दुआओं के इत्र से आबाद हूँ अब, चाँदनी उतरी है दिल के दरीचे में, लग रहा जैसे कोई महताब हूँ अब, जलने वाले इस क़दर हैरानगी से, देखते जैसे कोई तेजाब हूँ अब, झुकाते हैं शीश दरवाजे पे आकर, नगर सीमा पर खड़ी मेहराब हूँ अब, ख़त्म दौर-ए-जहाँ का करके गुंजन, ख़ुद से मिलने को बड़ा बेताब हूँ अब, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #आजाद हूँ अब#