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कवि राहुल पाल 🔵
🌨️🌨️ प्यारा सावन🌨️🌨️(हाइकू )🌧️ 🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼 बादल छाए_ मन को भाता_ चातक फिर प्यासा_ सुनहरा सावन_ क्या बरसेंगे...! ख़ूब लुभाता..! 🌱🌱🌱🌱🌱 🌱🌱🌱🌱🌱🌱 अद्भुत छटा_ प्यासा है तन_ इन्द्रधुनुष आभा_ फुहार सावन की_ छाई हैं घटा...! हर्षित मन..! 🌴🌴🌴🌴🌴 🌴🌴🌴🌴🌴🌴 मुख मुस्कान_ घटा घिरी है_ हरी-भरी धरती_ मेघ गरज रहे_ सुख की खान..! बारिश होगी..! 🍁🍁🍁🍁🍁 🍁🍁🍁🍁🍁 आह !बारिश_ निमंत्रण है_ हो रही झमाझम_ आप आइये सही_ पकौड़े तले..! साथ खाएंगे..! 🌾🌾🌾🌾🌾🌾🌾🌾🌾🌾🌾🌾🌾 #rain #प्यारा_सावन #सावन #nojotohindi #nojotonews #nojoto #hindi #KRP दिनांक -२८/०६/२०२०
Er Prince Kumar
अलविदा 2020 """""""""""""""""""""""""""""""""""""""" यूं कह तो 2020 विष ही बन गया जो पाया था वह सब तो लुट ही गया हमने अपना कारोबार , नौकरी खोया इसी बहाने परिवार का स्नेह पाया मार्च से कोरोना का आतंक है छाया इस दहशत की अजीब है माया सारे इंसान को कहां से कहां पहुंचाया हमने स्वच्छ प्राकृतिक वातावरण पाया ऐसा महामारी कोरोना दहशत का साया हमने खुद को ही अपने घरों में कैद पाया हमने दिखावे की जिंदगी जो थी वो खोया कम साधनों में जिंदगी गुजारना सिखाया सबके काम धंधे तो बंद पड़ा पाया किसानों पर तानाशाही का बुलंदी छाया जितना पढ़ा - लिखा सब तो हार गया पर हां हमने बेरोजगारी का दर्द जरूर पाया रेल ,तेल ,खेल सब तो करीब बिक ही गया हमने अपने संविधान को टूटते हुए पाया लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को सोते पाया हां मैं स्वस्थ लोकतंत्र का नागरिक कहलाया ✍ अभियंता प्रिंस कुमार सोनदीपी, बेगूसराय(बिहार) ©prince Kumar #२०२०
miss seemai
ये साल ऐसा रहा की बता नहीं सकते अपनी मर्जी से कहीं जा नहीं सकते आशा है अब लोटे ना ये क्योंकि हम इसको और ज्यादा अब सह नहीं सकते,,,😂 ©miss seemai #२०२०
Gumnaam shayar
आज से एक सफर शुरू होता है, २०२० का आशा है कि जो ख्वाहिशे २०१९ में अधुरी रह गई वो इस साल पूरी हो जाऐ #२०२०
Rahul Singh Bhardwaj
हसरतें हमारी चाहें जैसी भी हो. इसबार किसी के झांसे में ना आयेंगे.. करेंगे वही जो हमारे दिल को भायेंगे... #राहुल सिंह भारद्वाज #२०२०
Drx. Mahesh Ruhil
जवाब हर बात का दू तुम्हारी ये जायज़ तो नहीं मुश्किल मेरी भी हो सकती है सिर्फ तुम्हारी तो नहीं B@२८+₹+
Drx. Mahesh Ruhil
मत कर कोई सितम मुझपे टूट चुका हूं म मत कर कोई और क्रम तू बहुत जहर के घूंट पी चुका हूं म मत रखो आस मुझसे कोई अब सबसे रूठ चुका हूं म B@(२८-
Deepali Mestry
इत्र से महकता तुम्हारा खयाल महसूस करके ही महक जाती हूॅं शब्दवेडी #२८/३६५