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Shravan Goud
स्वार्थ शब्द का एक और अर्थ है, स्व+अर्थ यानी स्वयं का अर्थ लगाना। --अज्ञात स्वार्थ शब्द का एक और अर्थ है, स्व+अर्थ यानी स्वयं का अर्थ लगाना। --अज्ञात
कलीम शाहजहांपुरी (साहिल)
उसकी रंगत है जैसे कोई खिलता गुलाब, उसकी बातों से टपके इल्हाम की बारिश.! ©कलीम शाहजहांपुरी (साहिल) शायरी ( इल्हाम का अर्थ होता है अल्लाह,ईश्वर का शब्द)
Chetan Jaat
शब्द आत्मा है और उनके अर्थ उस आत्मा की अभिव्यक्ति, इसलिए शब्द और अर्थ दोनों का बोध अनिवार्य है । ©Chetan Jaat #notjo #शब्द #अर्थ #अभिव्यक्ति
Kavita jayesh Panot
शब्द वही होते है वर्ण माला के, लेकिन वक्त के बदलाव के साथ , तार बदल जाते है। कभी सुख ,एहसास खुशी का दिला जाता है तो कभी वही सु और ख से सूखापन बन जाता है। जो एक नकारात्मकता का बोध है। कविता जयेश पनोत ©Kavita jayesh Panot #शब्द#भेद#वक्त#अर्थ
Hasanand Chhatwani
*सीमित शब्द हो और* *असीमित अर्थ हो...* *लेकिन इतना ही हो कि* *शब्द से न कष्ट हो...* #सिमित शब्द #असीमित अर्थ #
Aviral Bajpai
सवालों से क्यों परेशान हो¯👈 सवालों से ही क्यों नींद हराम है👈🗣️ सवाल हीतो वेदों का ज्ञान है|🕉 सवालों के जवाबों से ही तो जिंदगी गुलजार है| यदि सवालों से ही परेशान हो |☄ मुस्कुराना ही उन सब का जवाब है|🙏 सवाल ही आगे बढ़ने की पहचान है|🌈 जब तुम सवालों से परेशान हो|☄ मुस्कुराना ही उन सब का जवाब है|🙏 सवाल ही तो गीता का सार है|🕉 सवाल नहीं तो हर प्रश्नचिन्ह वीरान है | सवालों की गति ही तो कृतकर्म की निशान है|👀 यदि सवालों से तुम परेशान हो तोi`☄ मुस्कुराहट है उन सब का जवाब है |🙏 प्रश्न ही तो सारंग में जाने का प्रवाह है |👣 प्रश्न ही प्यार का पैगाम है|👣 प्रश्न ही उत्साह का सम्मान है|👣 written by अविरल बाजपेयी # सवाल का प्रश्न
Shailesh Aggarwal
क्यूं काटते हो हमको,क्या हमको हक नहीं है जीने का इस धरा पे,क्या आपकी जमीं है क्या आपका बिगाड़ा, क्या आपसे लिया है सोचो जरा ये मन से ,क्या आपको दिया है कड़ी धूप हो या बारिश हम आपको बचाते पंछी भी छोटे छोटे हम पर ही घर बनाते फल फूल की जरूरत हमसे ही पूरी होती हो औषधी या लकड़ी हमसे तमाम मिलती दूषित हवा का सेवन हम उम्र भर हैं करते पर आपको हमेशा शुद्ध वायु प्रदान करते सड़के बनानी हो या खदान,कारखाने आरे,मशीनें लेकर आ जाते हमे हटाने मजबूर है मगर हम बेजुबान बेसहारे चुपचाप देखते है इस शहर को तुम्हारे हम बेबसों के हक़ में कोई तो आगे आओ "शैलेश" भी ये चाहें, पर्यावरण बचाओ.... ©Shailesh Aggarwal पर्यावरण(पेड़ों का प्रश्न?)