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Anudeep
Unsplash एक खामोशी जब. गहरी अता हो... जिस्म मिटे... रूह खुदा हो... ये शोरत,नाम ,मुकाम सभी... मिट्टी, मिट्टी... या फिर धुआ, धुआ हो.. होगा हजुम आख़िरी वक़्त ख़ूब... ज़मीन पे तेरे होने पर... आखरी नींद तेरे सोने पर. ©Anudeep #library poetry in hindi love poetry in hindi hindi poetry hindi poetry
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read moreBharat Bhushan pathak
खेल कबड्डी सर्दी यारों,बुलवाती हर्दी-गुर्दी। हाय ठिठुर कर रातें बीती,कैसी ये गुण्डागर्दी।। दिन की लघुता करे बेचैन ,ठण्ड फोड़ती रह-रह बम। रोज सवेरे भागादौड़ी,बजकर घड़ी निकाले दम।। सोने की जब भी हो इच्छा,लेती तब ठण्ड परीक्षा। रोज सवेरे उठकर हरदम,देनी होती है शिक्षा।। सोच यही मैं लौटूँ हरदम,न अभी जी रात हुई है। सो सकूँगा अभी जी भर कर, बस ये शुरुआत हुई है। ना जाने फिर क्या हो जाता,दिन ही छोटा हो जाता। दिन की लघुता करे बेचैन,मन ये बस कहता जाता।। ©Bharat Bhushan pathak hindi poetry on life hindi poetry poetry in hindi poetry love poetry in hindi
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read moreMadhu Arora
White ठंड धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है.... अगर कोई हाय बोले...... तो चाय सुनाई देता है......!!😛😛 मधु अरोरा ©Madhu Arora #Hindi #thought# Hindi #hi# chai
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read moreEr.Kamlesh Kumar Rajbhar
Dear respected sir I will com to company 3hrs gate paas due to urgent work. Name - kamlesh Kumar Rajbhar Card no- 121693 ©Er.Kamlesh Kumar Rajbhar #hindi
Andaaz bayan
!झांसी की रानी लक्ष्मी बाई! स्वप्न अनोखा देखा था,चर्चा में उनको सुन रखा था। बोली मुझसे,निडर बनो,डर के आगे कभी ना झुको।। देख उनकी वेशभूषा,तलवार चांदी सी चमकी थी। बांधे कपड़े से लाल(पुत्र)को पीछे,शत्रुओं की काल बन बैठी थी।। किस्से और कहानी में नाना साहेब,तात्या टोपे,कुंवर सिंह आदि नामो सहित, एक वीरांगना ब्रिटिश हुकूमत पर भारी थी। देखा उनको मैं चकित हुई,आई स्वप्न में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई थी।। बहादुर साहसी निडर,दृढ़ संकल्पी,और बुद्धिमान थी। सच्ची योद्धा,शक्ति की प्रतीक देश की वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई थी।। ना घुटने टेके,ना घबराई थी,ब्रिटिश हुकूमत के आगे बिल्कुल भी नही डगमगाई थी। (1857)प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों को धूल चटाई थी,"मैं झांसी किसी कीमत पर भी नहीं दूंगी", ये मन में उन्होंने ठानी थी।। करारा जवाब,अंग्रेजों को ललकार,बर्बरतापूर्ण नीतियों के खिलाफ,देना था। ओजस्वी तेजस्वी रानी लक्ष्मी बाई ने,दत्तक पुत्र के साथ झांसी का राजदरबार संभाला था।। नारी वो धुरंधर है जो,आकाश को भी चुनौती दे सकती है। अपने पर जब वो आ जाए तो,इंसान क्या यमराज से भी लड़ सकती है।। होती रहेगी,जय जयकार युगों युगों तक धरती पर वीर गाथाओं में । शत्रुओं पर भारी थी,सिंहनी-सी रानी झांसी की,जब उतरी रण मैदान में।। ✍🏻 ©Andaaz bayan #Jhansi #veer #RaniLaxmiBai #Dream Hinduism poetry lovers
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read moreKiran Pawara
हम मौसम नहीं जो बदल जाए हवा हैं बस कभी तूफ़ान तो कभी प्यार के झरोके सा रहते है मायने रखता है मिज़ाज़ मौसम का कैसा है आपका हमदर्द ©Kiran Pawara #मिज़ाज in hindi in hindi
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read moreExpressiveladki
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