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Annu Sinha
White भारतीय स्वतंत्रता के योद्धा दिखा गई पथ सिखा गई पथ, वो भी क्या एक नारी थी। वनारस की पावन भूमि पर, जन्मी वीरांगना नारी थी। मोरोपंत की पुत्री थी, गंगाधर की पत्नी थीं। गोरा शासन हिलनेवाली, झांसी की महारानी थी। ह्यरोज ने समझाया था, झांसी को कर दो हवाल। मुंह में रस्सी ,पीठ पर शिशु , ब्रिटिश को कर दी बवाल। नारी की गुलामी में भी, कई चिता जला गई। नारी नही वह सिंहनी थी, ऐसा रुप दिखा गई। सिधर गई वह पुत्र लिए, बिना रूके वह लड़ गई। इतिहास की प्रष्ठो पर, बलिदान कहानी लिखवा गई। ©Annu Sinha #RaniLaxmiBai
Andaaz bayan
!झांसी की रानी लक्ष्मी बाई! स्वप्न अनोखा देखा था,चर्चा में उनको सुन रखा था। बोली मुझसे,निडर बनो,डर के आगे कभी ना झुको।। देख उनकी वेशभूषा,तलवार चांदी सी चमकी थी। बांधे कपड़े से लाल(पुत्र)को पीछे,शत्रुओं की काल बन बैठी थी।। किस्से और कहानी में नाना साहेब,तात्या टोपे,कुंवर सिंह आदि नामो सहित, एक वीरांगना ब्रिटिश हुकूमत पर भारी थी। देखा उनको मैं चकित हुई,आई स्वप्न में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई थी।। बहादुर साहसी निडर,दृढ़ संकल्पी,और बुद्धिमान थी। सच्ची योद्धा,शक्ति की प्रतीक देश की वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई थी।। ना घुटने टेके,ना घबराई थी,ब्रिटिश हुकूमत के आगे बिल्कुल भी नही डगमगाई थी। (1857)प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों को धूल चटाई थी,"मैं झांसी किसी कीमत पर भी नहीं दूंगी", ये मन में उन्होंने ठानी थी।। करारा जवाब,अंग्रेजों को ललकार,बर्बरतापूर्ण नीतियों के खिलाफ,देना था। ओजस्वी तेजस्वी रानी लक्ष्मी बाई ने,दत्तक पुत्र के साथ झांसी का राजदरबार संभाला था।। नारी वो धुरंधर है जो,आकाश को भी चुनौती दे सकती है। अपने पर जब वो आ जाए तो,इंसान क्या यमराज से भी लड़ सकती है।। होती रहेगी,जय जयकार युगों युगों तक धरती पर वीर गाथाओं में । शत्रुओं पर भारी थी,सिंहनी-सी रानी झांसी की,जब उतरी रण मैदान में।। ✍🏻 ©Andaaz bayan #Jhansi #veer #RaniLaxmiBai #Dream Hinduism poetry lovers
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read moreVibhor VashishthaVs
Meri Diary#Vs❤❤ दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी,, चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी..! बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी..!! प्रथम स्वाधीनता संग्राम की महान वीरांगना, भारतीय तेजस्विता एवं स्वाभिमान की प्रतीक, अद्भुत पराक्रमी, कुशल संगठनकर्ता, नारी शक्ति की अप्रतिम उदाहरण झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई जी को उनकी जयंती पर कोटिशः नमन। 🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏 आपका त्यागमय जीवन प्रत्येक भारतीय के लिए अनुकरणीय है...। ✍️Vibhor vashishtha Vs Meri Diary#Vs❤❤ दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी,, चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी..! बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी..!! प्रथम स्वाधीनता संग्राम की महान वीरांगना, भारतीय तेजस्विता एवं स्वाभिमान की प्रतीक, अद्भुत पराक्रमी, कुशल संगठनकर्ता, नारी शक्ति की अप्रतिम उदाहरण झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई जी को उनकी जयंती पर कोटिशः नमन। 🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏 आपका त्यागमय जीवन प्रत्येक भारतीय के लिए अनुकरणीय है...।
Meri DiaryVs❤❤ दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी,, चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी..! बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी..!! प्रथम स्वाधीनता संग्राम की महान वीरांगना, भारतीय तेजस्विता एवं स्वाभिमान की प्रतीक, अद्भुत पराक्रमी, कुशल संगठनकर्ता, नारी शक्ति की अप्रतिम उदाहरण झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई जी को उनकी जयंती पर कोटिशः नमन। 🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏 आपका त्यागमय जीवन प्रत्येक भारतीय के लिए अनुकरणीय है...।
read moreAkhil Kael
Rani Laxmi Bai in my Freestyles.. a tribute a hage nojotovideo #RaniLaxmiBai #riseofphoenix
read moreOjaswani Sharma
समय बीता, 1842 में, लिखी गई फिर एक नई कहानी| महाराजा गंगाधर राव से विवाह हुआ, लक्ष्मीबाई नाम से बनी झांसी की रानी|| आगे चल पुत्र रत्न पाया, झांसी में फिर खुशियां छाई थी| 4 माह बाद पुत्र खोया, क्या नियति को भी दया नहीं आई थी|| दामोदर राव गोद लिया, पति को फिर उसने खोया था| यह अन्याय देख, कुदरत भी खूब रोया था|| राज्य हड़प नीति डलहौज़ी लाया, ब्रिटिशर्स का वार यह तीखा था| पर गलत के सामने झुकना, भला लक्ष्मीबाई ने कब सीखा था|| गुस्से से धीरे-धीरे विद्रोह हुआ, 1857 की हिंसा भड़क उठी| दिल्ली, झांसी, लखनऊ, बनारस, की भी आत्मा तड़प उठी|| दामोदर को बांध पीठ पर, मैदान में खड़ी भवानी थी| लक्ष्मी रूप में शक्ति अवतार है वो, यह बात अंग्रेजों को बतानी थी|| भीषण युद्ध चला, अंग्रेजों को धूल चटाई थी| वह रानी लक्ष्मीबाई थी, या स्वयं काली नरसंहार करने आई थी|| महारानी फिर कालपी पहुंची, वहां तात्या तोपे संग योजना बनाई थी| चुप कैसे रहती भला वो, आखिर अंग्रेजों की क्रूर नीति उसे रास ना आई थी|| फिर घमासान युद्ध हुआ, रानी ने क्या खूब वीरता दिखाई थी| अंततः ह्यूरोज के वार से, रानी लक्ष्मीबाई ने वीरगति पाई थी|| रानी की कुशलता से स्तब्ध, अंग्रेजों ने भी उनकी वीरता गायी थी| एक अकेली मर्द थी वह क्रांतिकारियों में, ह्यूरोज ने यह बात बताई थी|| यह गौरवपूर्ण बलिदान, कभी ना भुला जाएगा| और नारी शक्ति का जब-जब विवरण होगा, तब रानी लक्ष्मीबाई का नाम सबसे पहले आएगा|| - ओजस्वनी शर्मा "मेरे अल्फ़ाज़" #solace #RaniLaxmiBai #nextpartuploadedsoon
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read moreOjaswani Sharma
मणिकर्णिका नाम उसका, वाराणसी में जन्म पाया था| शास्त्रार्थ के साथ उसको, शस्त्र विद्या ने भी बहुत लुभाया था|| मनु बुलाते उसे प्यार से सब, पिता की वह अकेली संतान थी| एक आदर्श वीरांगना वो, भारतीय वसुंधरा की शान थी|| अल्पायु में मां को खो कर, पिता संग बाजीराव के दरबार जाती थी| अपने नटखट शौर्य पूर्ण अंदाज से, सबको बहुत लुभाती थी|| पेशवा ने पुत्री सा प्यार दिया, नाना की मुंहबोली बहन बनी| छबीली नाम मिला उसे, वीरता की थी वह बहुत धनी|| बचपन में सुनी वीर गाथाओं से, उसने अपने हृदय को सजाया था| 7 वर्ष की आयु में, घुड़सवार में क्या खूब सामर्थ्य दिखाया था|| खेलकूद की उम्र में, अस्त्र-शस्त्र में निपुण हुई| फिर धनुर्विद्या पाकर, उसकी शिक्षा पूर्ण हुई|| समय बीता, 1842 में, लिखी गई फिर एक नई कहानी| महाराजा गंगाधर राव से विवाह हुआ, लक्ष्मीबाई नाम से बनी झांसी की रानी|| आगे चल पुत्र रत्न पाया, झांसी में फिर खुशियां छाई थी| 4 माह बाद पुत्र खोया, क्या नियति को भी दया नहीं आई थी|| दामोदर राव गोद लिया, पति को फिर उसने खोया था| यह अन्याय देख, कुदरत भी खूब रोया था|| राज्य हड़प नीति डलहौज़ी लाया, ब्रिटिशर्स का वार यह तीखा था| पर गलत के सामने झुकना, भला लक्ष्मीबाई ने कब सीखा था|| गुस्से से धीरे-धीरे विद्रोह हुआ, 1857 की हिंसा भड़क उठी| दिल्ली, झांसी, लखनऊ, बनारस, की भी आत्मा तड़प उठी|| दामोदर को बांध पीठ पर, मैदान में खड़ी भवानी थी| लक्ष्मी रूप में शक्ति अवतार है वो, यह बात अंग्रेजों को बतानी थी|| भीषण युद्ध चला, अंग्रेजों को धूल चटाई थी| वह रानी लक्ष्मीबाई थी, या स्वयं काली नरसंहार करने आई थी|| महारानी फिर कालपी पहुंची, वहां तात्या तोपे संग योजना बनाई थी| चुप कैसे रहती भला वो, आखिर अंग्रेजों की क्रूर नीति उसे रास ना आई थी|| फिर घमासान युद्ध हुआ, रानी ने क्या खूब वीरता दिखाई थी| अंततः ह्यूरोज के वार से, रानी लक्ष्मीबाई ने वीरगति पाई थी|| रानी की कुशलता से स्तब्ध, अंग्रेजों ने भी उनकी वीरता गायी थी| एक अकेली मर्द थी वह क्रांतिकारियों में, ह्यूरोज ने यह बात बताई थी|| यह गौरवपूर्ण बलिदान, कभी ना भुला जाएगा| और नारी शक्ति का जब-जब विवरण होगा, तब रानी लक्ष्मीबाई का नाम सबसे पहले आएगा|| - ओजस्वनी शर्मा "मेरे अल्फ़ाज़" #Art #ranilaxmibai #nextpartuploadedsoon
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read moreसम्यक शिवादी
"रानी लक्ष्मी बाई" आजाद क्रांति के ज्वाला की जो पहली चिंगारी थी। जगदम्बा अवतार में वो तो झाँसी वाली रानी थी।। अंग्रेज दरिन्दों से डरी नहीं ऐसी मर्दानी ताकत थी। निर्भीक हो युद्ध में खड़ी रही वो वीर सती बलिदानी थी।। आजादी की भीषण क्रांति में अपनों को उसनें खोया था। संघर्ष चरम के होने पर भी स्वाभिमान न छोड़ा था।। लाखों की सेना के आगे वो वीर अकेली खड़ी रही। खून से लथपथ होनें पर भी युद्ध भूमि में डटी रही।। अंतिम श्वास के प्राणों तक वो मृत्यु से न भयभीत हुई। आखिर, अन्त हुआ उस वीर शक्ति का स्वाभिमान से चली गई।। वीर सती वो मरी नहीं, वीरगति को प्राप्त हुई। मातृभूमि की अस्मत पर वीरांगना वो कुर्बान हुई।। @_Aditya R Mishra from_writingsofaadi #Poetry #jhansikirani #ranilaxmibai #writersofinstagram #igwrites #nojoto #inspiration #poem
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read moreSaurabh Chauhan 'Kohinoor'
नारी शक्ति समक्ष प्रमाण खून मे उसके रवानी थी बचपन मे पढ़ी जो सबने वो हमने भी पढ़ी कहानी थी घोड़े की नाल को हाथ मे लेकर पीठ पर अपने लाल को लेकर जो भिड़ गई अकेली गोरो से,वो नारी नहीं शक्ति कोई वरदानी थी क्या...खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी (19/11/1835 to 18/6/1858) mr.chauhan #ranilaxmibai #nojotonews #nojotopoetry #nojotoshayari #nojoto #mrchauhanrj05
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