Nojoto: Largest Storytelling Platform

New मै ऋत्विक हूँ Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about मै ऋत्विक हूँ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मै ऋत्विक हूँ.

Stories related to मै ऋत्विक हूँ

Sunny Kumar

गलत को गलत और सही को सही, कहने की हिम्मत रखता हूँ, तभी मै रिश्ते आजकल कम रखता हूँ। attitude shayari

read more
गलत को गलत और सही को सही,
कहने की हिम्मत रखता हूँ,
तभी मै रिश्ते आजकल कम रखता हूँ।

©Sunny Kumar गलत को गलत और सही को सही,
कहने की हिम्मत रखता हूँ,
तभी मै रिश्ते आजकल कम रखता हूँ। attitude shayari

yogitaupadhyay45gmailcom

नारी ही तो हूँ

read more
न रोको मुझे रिश्तों की जंजीरो से 
सब कुछ तो संभाले हुऐ हूँ 
फिर और कित नि नई खता जाहिर कटना बाकि हें 
मेरे अरमानो की राख उड़ाना बाकि हें 
अपनों के सामने मेरे किरदार को बताना बाकि हैं 
जहाँ आप की इतनी इनायत हैं 
वहा और सुर्खियों बटोरना बाकि हैं 
बस में एक नारी ही तो हूँ 
अभि तो मेरा टूट ना और आप का पल पल तोड़ ना बाकि हैंकब हlरी में तुम से 
क्यूँ  की नारी ही नारी से उलझ रही हैं 
न तुम कम हों न में कम हूँ बता ओ नारी कब हारी हैं
tamnna❤️की

©yogitaupadhyay45gmailcom नारी ही तो हूँ

हिमांशु Kulshreshtha

सोचता हूँ कभी कभी....

read more
White सोचता हूँ कभी कभी
क्या तुम मेरा इश्क़ थीं
या, यूँ ही बस एक इंसानी फ़ितरत
पसन्द करना किसी को
मोहब्बत के ख्याली पुलाव पकाना
ग़र ये, महज़ एक आकर्षण था
तेरे मुँह मोड़ने पर भी बाकी क्यूँ है
तो क्या है जो अब भी बाकी है मुझ में
एक शोर सा, मेरी सांसों की डोर सा
क्यों होता है ऐसा…
हर बार बेवफ़ा समझ कर
सोचता हूँ तुम से दूर जाने को
तेरा अक्स मेरी आँखों में उतर आता है
मुस्कुरा कर जैसे पूछ रहा हो
कैसे हो तुम, जो कहा करते थे
आख़िरी साँस तक चाहोगे मुझे
तब शर्त कहाँ थी उतना ही चाहोगी तुम
मुस्कुराहट तुम्हारी शोर बन कर
गूंजने लगती है मेरे भीतर
धड़कनें इस क़दर बढ़ जाती है
मानो दिल फटने को हो
हँसी में घुले सवाल गूंजने लगते हैं मेरे कानों में
एक शोर, जो डराने लगता है मुझे
हर बार, हर रात मुझे
जाग जाता हूँ मैं, भूल कर सारे शिकवे
एक और सुबह होती है मुझे याद दिलाने को
इश्क़ है मुझे तुम से, रहेगा भी आख़िरी साँस तक
इस जन्म, उस जन्म, हर जन्म

©हिमांशु Kulshreshtha सोचता हूँ कभी कभी....

RAMLALIT NIRALA

सबको भुल सकता हूँ पर माँ को नहीं

read more

gauranshi chauhan

#leafbook जिसका जो मन करे बक बक करे भाड़ मे जाए मै तो एक कान से सुनती हु और दूसरे से बाहर निकाल देती हूँ या फिर दोनो कान बंद कर लेती हूँ सुनत

read more
Unsplash day - 422
जिसका जो मन करे बक बक करे भाड़ मे जाए
 मै तो एक कान से सुनती हु 
और दूसरे से बाहर निकाल देती हूँ 
या फिर दोनो कान बंद कर लेती हूँ 
सुनती हि नही!!
😂😂

©gauranshi chauhan #leafbook जिसका जो मन करे बक बक करे भाड़ मे जाए मै तो एक कान से सुनती हु और दूसरे से बाहर निकाल देती हूँ या फिर दोनो कान बंद कर लेती हूँ सुनत

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सश

read more
सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ,
पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ।

जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ,
हर चोट ने मुझे और सशक्त किया, ज़रूर हूँ।

राहें कांटों से भरी हों, फिर भी चलता हूँ,
तक़दीर खुद की बदलता ज़रूर हूँ।

दूरियाँ चाहे जितनी बढ़ें मुझसे,
वो मेरी मंज़िल, फिर भी मेरे कदमों तक पहुँचता ज़रूर हूँ।

लहरों से डरकर मैं किनारे नहीं बैठता,
 तूफ़ान से भी टकराता ज़रूर हूँ।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ,
पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ।

जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ,
हर चोट ने मुझे और सश

Manisha Keshav https://www.audible.in/pd/Jab-Tera-Zikr-Hota-Hai-When-You-Are-Mentioned-Audiobook/B0D94RCK97

#समझ सको तो अर्थ हूँ #कविता Love

read more
White https://www.amazon.in/dp/9363303624/ref=sr_1_1?crid=1BG7ESUNE99LA&dib=eyJ2IjoiMSJ9.u_X-ACLRxc3Bp_N1TlG0rQ.6Qiwd2Wla8gtRO9hqyOuf_aJyG0p-vE3cHJ7OViYmlY&dib_tag=se&keywords=9789363303621&qid=1730815253&sprefix=9789363306233%2Caps%2C378&sr=8-1

©Manisha Keshav https://www.audible.in/pd/Jab-Tera-Zikr-Hota-Hai-When-You-Are-Mentioned-Audiobook/B0D94RCK97 #समझ सको तो अर्थ हूँ #कविता #Love

Nurul Shabd

#मैं #अपनी #पहचान #खुद बनाती हूँ

read more

SohrabAlam

मै अपने माँ के लिए....❤️💯❤️ . . . . . #Emotional #maa #understanding #lover

read more

Parasram Arora

मै ही आदि मै ही अंत

read more
White क्योंकि. मै ही इस 
जगत का नियंता हू 
जगत का आदि और 
जगत का अंत भी हू

इसलिए हर प्रान्नी के  
अधिकार और कर्तव्य 
 मै ही नियंत्रित करता 
हू  मै ही तय करता हू

©Parasram Arora मै ही आदि मै ही अंत
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile