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Manjul
किसी ने पूछा के आजकल कहा रहते हो.. मैंने कहा तनाव मे रहता हू.. ©Manjul Sarkar #moonnight #तनाव #में #और #जिंदगी
पवन कश्यप
अजीब है आजकल व्यवहार मेरा जाने मैं किस स्वभाव में हूँ...। शायद ज़िन्दगी के किसी उतार-चढ़ाव में हूँ...। रही है हमेशा एक ख़लिश सी दिल में "पवन"...। मगर लोंगों से सुना है मैं किसी तनाव में हूँ...। हाँ मैं थोड़ा तनाव में हूँ...।
Ek villain
हाल में अमृतसर में सीमा सुरक्षा बल बीएसएफ ने मुख्यालय में एक जवान ने मैच में अंधाधुंध फायरिंग कर अपने 4 साथी जवानों की जान ले ली और बाद में खुद को भी गोली मारकर आत्महत्या कर ली ये कोई पहली घटना नहीं है जिसमें जवान ही जवान की मौत का कारण बना ऐसे में दुखद घटनाएं पहले भी घटित हो चुकी है दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश में साल 2014 में अब तक कुल 330 जवानों ने आत्महत्या की है इस दौरान कई जवानों ने अपने साथी जवानों और अधिकारियों की भी हत्या कर दी सुरक्षा एजेंसियों में जवानों में दबाव कम करने के लिए कोई कदम उठाए गए बावजूद इसके उन्हें द्वारा त्यागने की जाने की आंकड़ों में उल्लेखनीय कमी नहीं दिखाई दे रही है तो यह चिंता की बात है सुरक्षा बलों के जवान नौकरी में मिलने वाली मानसिक दबाव के अलावा परिवारिक वित्तीय समस्याओं के कारण आत्महत्या कर रहे हैं बढ़ते तनाव की वजह से कोई भी जवान नशे की आदी हो जाते अमदाबाद में जवानों को अनुशासनहीनता के लिए एक बड़ा कारण माना था इस रिपोर्ट का निष्कर्ष निकलता है कि जवानों में तनाव के लिए कम नींद लंबी ड्यूटी कम छुट्टी रह के अनुसार ड्यूटी ना मिलना हमें की स्थिति फैसला लेने से कम अधिकार वेतन और समानता शिकायतों पर गौर न करना खराब वर्दी पहनने से आत्मविश्वास का कम होना मैच का खराब खाना अफसरों का खराब है वह परिवार के साथ वक्त गुजारने का कम मौका मिलना जिम्मेदार है ©Ek villain #जवानों में बढ़ता तनाव चिंताजनक #adventure
usha
जब तक इंसान अपने चिंता और तनाव पर नियंत्रण नहीं पा लेता तब तक वह एक रोग मुक्त और प्रसन्नता पूर्वक जीवन यापन नहीं कर सकता राधे राधे ©usha # तनाव
usha
जब तक इंसान अपने चिंता और तनाव पर नियंत्रण नहीं पा लेता तब तक वह एक रोग मुक्त और प्रसन्नता पूर्वक जीवन यापन नहीं कर सकता राधे राधे ©usha # तनाव
Ek villain
हमारा संपूर्ण जीवन पद्धति सापेक्ष है भोजन वस्त्र आवास हमारी न्यूनतम आवश्यकता है अन्य भौतिक सुविधाएं भी होनी चाहिए जब यह उपलब्ध नहीं होती तो हमारा मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है बिगड़े मानसिक संतुलन से हम गलत दिशा में मुड़ जाते हैं इसे पर्याप्त होने वाले परिणाम तनाव को और बढ़ा देते हैं इसके मूल में कहीं ना कहीं भोग और विलासत्ता भी है जब हमारे भीतर ऐसा भाव जागृत होता है तो हम स्वयं को भौतिक दृष्टि से संपूर्ण समझने लगते हैं ©Ek villain तनाव का संघर्ष आज के जीवन में