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Ashvani Kumar
दूर रहकर भी याद आना कहां का दस्तूर है, सुना है उस जगह का नाम कानपुर है।।❤️ ©Ashvani Kumar कानपुर
कानपुर #Shayari
read moreAshvani Kumar
ज्ञान लेने नहीं, देने की आदत यहां मशहूर है, लाख समझाने के बाद यहां इंसान आदतों से मजबूर है, थप्पड़ से नहीं यहां कंटाप से डर लगता है, सुना है उसी जगह का नाम कानपुर है।।🥰 ©Ashvani Kumar कानपुर
कानपुर #Shayari
read moreAshutosh Shukla
भइया शहर अपना बिल्कुल जबरजस्त है बस स्टेशन की गंदगी से न घबराइऐगा ! थोड़ा स्टेशन से बाहर आइयेगा और शहर का लुफ्त उठाइयेगा ! बनारसी की चाय पीजियेगा, मुन्ना के समोसा खाइएगा ! परमट में बाबा के दर्शन कीजियेगा थोड़ा समय घाट में बिताइयेगा ! अगर गुझिया खानी हो तो जैन वाले के यहां जाइयेगा ! जेब तगड़ी हो घूमने का इरादा हो तो Blue world भी जाइयेगा ! पर Blue world के चक्कर में बिठूर को मत भूल जाइयेगा ! अगर मेरी तरह चाट के शौकीन हैं तो ब्रजवासी के यहां के जरूर जाइयेगा । अगर Noodles पसन्द हो तो Talk of the Town में खाइएगा ! अगर किताबे चाहिए तो परेड जाइयेगा वहां जाकर केसरवानी का डोसा जरूर खाइएगा ! अगर coaching करने आये हो तो काकादेव वाली tempo में बैठ जाइयेगा ! अगर खरीददारी का शौक है तो Z square Mall हरगिज न जाइयेगा! #कानपुर
कवि आदेश दुबे
योगी तुम्हारे प्रदेश में मचा है आतंक। क्या ऐसे ही सरकार चलेगी बोलो महंत।। तुम चुनाव में मस्त जनता रहे त्रस्त। भगवाधारियों का होता रहेगा क्या ऐसे ही अंत। । कमलेश तिवारी हत्याकांड
कमलेश तिवारी हत्याकांड
read moreAparna Sachan
प्रीत ऐसी करी तुमसे की, कोई और अब भाये न, बन जाऊं मैं कानपुर सी, जिसमे आकर तू हमेशा , को वही बस जाए .....न।। कानपुर
कानपुर
read moreRupesh Singh
रो उठीं बाग की दीवारें हर दिशा ख़ौफ़ से डोली थी। ज़ालिम डायर ने जब खेली खूँख़ार खून की होली थी। गुमनाम शहीदों की गणना ख़ुद मौत न कर पाई होगी। निष्ठुरता भी चीखी होगी, निर्ममता चिल्लाई होगी। ©R. k. singh # जलियांवाला बाग हत्याकांड
# जलियांवाला बाग हत्याकांड #विचार
read moreABHISHEK TIWARI
जलियांवाला बाग हत्याकांड:- यहाँ कोकिला नहीं, काग हैं, शोर मचाते, काले काले कीट, भ्रमर का भ्रम उपजाते। कलियाँ भी अधखिली, मिली हैं कंटक-कुल से, वे पौधे, व पुष्प शुष्क हैं अथवा झुलसे। परिमल-हीन पराग दाग़ सा बना पड़ा है, हा! यह प्यारा बाग़ खून से सना पड़ा है। ओ, प्रिय ऋतुराज! किन्तु धीरे से आना, यह है शोक-स्थान यहाँ मत शोर मचाना। कोकिल गावें, किन्तु राग रोने का गावें, भ्रमर करें गुंजार कष्ट की कथा सुनावें। कोमल बालक मरे यहाँ गोली खा कर, कलियाँ उनके लिये गिराना थोड़ी ला कर। तड़प तड़प कर वृद्ध मरे हैं गोली खा कर, शुष्क पुष्प कुछ वहाँ गिरा देना तुम जा कर। यह सब करना, किन्तु यहाँ मत शोर मचाना, यह है शोक-स्थान बहुत धीरे से आना। ~सुभद्रा कुमारी चौहान जलियांवाला बाग हत्याकांड
जलियांवाला बाग हत्याकांड
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