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Vikas Kumar Chourasia
सोच रहा था देश सारी रात आखिर क्या है, ये तब्लीगी जमात...? बस यही समझाने के खातिर कुछ ने थूक दिया कुछ नंगे हो गये अश्लील गाने, दारू-बीड़ी साले पल भर में भिखमंगे हो गये क्या गली में बैठे लुच्चे थे तुम जो जाहिल हरकत कर बैठे अगर ज्ञान सही था "उस मरकज का" तो औकात क्यों दिखा बैठे अब देखना है इस क़ुसूर का पश्चाताप कौन करेगा...? अल्लाह को जो बदनाम किया है भला वो भी कैसे माफ करेगा।। तब्लीगी जमात....
तब्लीगी जमात....
read moreSanjay Tiwari
न अपने जान की फिक्र न दूसरों के जान की हम तब्लीगी ज़मात हैं बाकी आदतें हैवान की आप जहां भी हों सरकार को सूचित करें गर मानवता ज़िंदा है #तब्लीगी ज़मात
#तब्लीगी ज़मात
read moreroshan
आना है तॊ आ जाना है तो जा.... घुटने पे बैठके तुम्हे मनाना मुझे शोभा देगा क्या? पानी का नही नाम साब्जी को नही दाम बता गोल्डन नेकलेस तुम्हे दिलाऊ कैसे? कुवा सुख गया है नदी नाला रुख गया है बता तेरे प्यार मे शलांग लगाऊ कैसे? आना है तो आ जाना है तो जा.... बेजान सहै पत्थर पर बिना कुछ चडाये बता मान्नत मे तुझे उसीसे मांगु कैसे? भावनिक मै बहोत हू दिल मे तुम्हेहीं रखता हू पानी बचाते बचाते बता आसू अंखोसे बहाऊ कैसे? आना है तो आ जाना है तो जा..... ....रोशन देसाई.... 12/02/20 इन हिंदी
इन हिंदी
read moreSopiya_Uday
#_जमात_# आज ये देखो वक्त कैसा आ गया दुनिया में हर तरफ "कोरोना" छा गया। भारत में लाए इसे विदेश घूमने वाले सियासत तो देखो "जमात" के माथे आ गया।। #@जमात
#@जमात
read moreNitesh Jawa
कोरोना महामारी के चलते धारा 144 और लॉक डाउन जैसी सख्त पाबंदियों के बाद भी जमात जैसे कार्यक्रमों का आयोजन करना व इनमें शामिल होना स्पष्ट करता हैं कि ऐसे लोगो के लिए देश व मानवता से बढ़कर धर्म हैं ! जो किसी भी देश के लिए अत्यंत दुखदायी हैं ! जमात
जमात
read moreskmajhi018
दुनिया उन्ही पे भरोसा करती हैं जिन्हे खुद पर भरोसा रहता है ©skmajhi018 #सुविचार इन हिंदी
Vishal Charan
Sabra kar mere bhai udenge lekin Waqt per ©Vishal Charan शायरी इन हिंदी ,#shyari
शायरी इन हिंदी ,#shyari
read moreParasram Arora
आज बीच बाजार देखा गया दार्शनिकों का झुण्ड जो अपनी खोपडिया अपने सर पर रख कर गुहार लगाते दिखे "बुद्धि लेलो प्रज्ञा खरीद लो वो भी कौड़ियों क़े भाव मे " कितनी निरीह है दार्शनिकों की ये प्रजाति जो अपने पेट पालने क़े लिए बीच बाजार मे अपनी खोपडिया ( बुद्धि सहित ) बेचने क़े लिए विवश हो रही है क्या उनके प्रति हमें सहानुभूति नहीं प्रकट करनी चाहिए? ©Parasram Arora #दार्शनिकों की जमात
#दार्शनिकों की जमात
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