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Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
मृदुल वचन ही बोलिये कोंड़ी लगे न दाम जाने कब आ जायेंगे अंजाने भी काम ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #दोहे
Ramji Tiwari
White विधा-दोहा छंद तरकश तीरों से भरा,रखे दिव्य हैं बाण। कविता रूपी तीर ये,भरते मृत में प्राण।। स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari #दोहे #कविता #writer
Ramji Tiwari
Nature Quotes दोहा छंद काले कजरारे नयन,लूटें मन का चैन। मिसरी से मीठे लगें, गोरी तेरे बैन।। शोभित कुंडल कान में,गल में साजे हार। सुन्दर नासा कीर सी,भौंह कमानीदार।। गोरे-गोरे गाल हैं,सेब की तरह लाल। कुंतल काले हैं घने, हिरनी जैसी चाल।। मदिरा के प्याले अधर, गोरे-गोरे हाथ। साड़ी सुन्दर है बदन,तिलक नीलमणि माथ।। पायल पहने पाँव में,कंगन सोहे हाथ। गल में पहने नौलखा,टिकुली साजे माथ।। सर पर ओढ़े चूनरी,कमर करधनी डाल। हिरनी सी चलती मटक, मनमोहक है चाल।। फुर्सत में रब ने गढ़ा, सुन्दर रूप अनूप। मोहित हो जाता जगत,देख नारि का रुप।। सुन्दर नारी रुप का, दीवाना संसार। सुन्दर नारी देखकर, उपजे मन में प्यार।। प्रेमी काया का हुआ, सारा सकल समाज। नारी तेरे रुप ने, लूट लिया जग आज।। गोरी तेरे प्रेम में,पागल सारे लोग। दीवाने सब हो गए,पाल प्रेम का रोग।। स्वरचित रचना- राम जी तिवारी"राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari #beatyQuotes #दोहे #श्रृंगाररस #नारी #कविता
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read moreAbdhesh prajapati
White चिंता से चतुराई घटे दुख से घंटे शरीर ज्यादा बोलने से बुद्धि घाटे कह गए संत कबीर ©Abdhesh prajapati कह गए संत कबीर
कह गए संत कबीर
read moreAbdhesh prajapati
White चिंता से चतुराई घटे दुख से घटे शरीर ज्यादा बोलने से बुद्धि घाटे कह गए संत कबीर ©Abdhesh prajapati कबीर दास जी
कबीर दास जी
read moreGhanshyam Ratre
जंगल उपवन के छेड़छाड़ पेड़ -पौधों की कटाई कर रहें हैं। वन्य प्राणी पशु-पक्षियों का जीवन संकटों से प्रभावित हो रहें हैं।। जंगल में रहने वाले पशु-पक्षियां गांवों- शहरों में आ रहें हैं। खेती-बाड़ी फसल को उजाड़ कर बर्बाद कर रहे हैं।। ©Ghanshyam Ratre जंगलों के पशुओं पक्षियों के जीवन
जंगलों के पशुओं पक्षियों के जीवन
read moreVijay Vidrohi
|| नकली बाबा|| घरबार की जिम्मेदारी निभाना, ना हो जिसके बस की बात। लेकर कर्जा भग जाते हैं, बच्चों को वे छोड़ अनाथ। बढ़ा के दाढ़ी- बाल छुपाते हैं वो अपनी पहचान। अनपढ़ अज्ञानी बाबा बन कर, देते मूर्खों को ज्ञान। कोई कत्ल का कोई रेप का, कोई चोरी का अपराधी आधे से ज्यादा की होती, सोच बहुत जातिवादी। सच्चे साधू संत कभी भी, छुआछूत नहीं करते ऊंच-नीच जो करते हैं, होते ढोंगी पाखंडवादी। क्यों पढ़ने नहीं देते दूसरी, जात को आखिर वेद पुराण किसने यह षड्यंत्र रचा, ब्राह्मण को मिला उच्च स्थान। पंडित पुजारी मठाधीश, ये ही बनते महामंडलेश्वर क्या यह भेदभाव करता है, कोई भगवन परमेश्वर। ©Vijay Vidrohi ||नकली_बाबा|| #gururavidas #कबीर #शैली #my #new #poetry #doha #qoutes Hinduism metaphysical poetry hindi poetry hindi poetry on life poetry
Satyavir Singh
White कबीर बात गरीब की सच ना माने कोई धनवान की झूठ में हां जी हां होय। ©Satyavir Singh #love_shayari कबीर शायरी शायरी दर्द हिंदी शायरी शायरी हिंदी में शायरी वीडियो दोस्ती शायरी
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read moreF M POETRY
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset समंदर के किनारे आ के अक्सर बैठ जाता हूँ.. सुना है दिल के दर्द-ओ-ग़म समंदर सोख लेता है.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #समंदर के किनारे आ के अक्सर..
#समंदर के किनारे आ के अक्सर..
read moreVinod Mishra