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Ashok Verma "Hamdard"
White *जीवन का सत्य* सुगंध बिना सुमन अधूरा, जैसे नभ में चंद्र झुरमुरा। तृप्ति बिना मिले जो वरदान, वह केवल मिटता अरमान।। ध्येय बिना कर्म बेकाम, जैसे दीप बिना नहीं उजास। प्रसन्नता रहित जो जीवन, वह जल बिन सूखी प्यास।। *अशोक वर्मा "हमदर्द"* ©Ashok Verma "Hamdard" #जीवन
Dhaneshdwivediwriter
हे प्रभु! इस उलझे से जीवन को अब तो सवांर दो खरीदने से भी न मिला, वो सुकुन थोड़ा उधार दो दिल की हर धड़कन में बस तेरा ही नाम हो, प्रेम की वो अमृतधारा मेरे जीवन में उतार दो। ....... ©Dhaneshdwivediwriter #DearKanhaहे प्रभु! इस उलझे से जीवन को अब तो सवांर दो खरीदने से भी न मिला, वो सुकुन थोड़ा उधार दो, दिल की हर धड़कन में बस तेरा ही नाम हो प्रे
#DearKanhaहे प्रभु! इस उलझे से जीवन को अब तो सवांर दो खरीदने से भी न मिला, वो सुकुन थोड़ा उधार दो, दिल की हर धड़कन में बस तेरा ही नाम हो प्रे
read moreAnand Kumar ' Shaad '.
White क्या जीत, क्या हार, क्या तट, क्या मझधार, जीवन सतत संघर्ष है, आर या पार। ©Anand Kumar ' Shaad '. जीवन
जीवन
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी हालातो का ठीकरा हम लक के हवाले छोड़ देते है सफलता हमारे खुद की होती असफलता रव के हवाले छोड़ देते है बहकाते रहते ज्योतिष ग्रहों की चाल को जीवन से जोड़ देते है हाथों की लकीरो को पढ़ कर उपायों की फेरिस्ट खड़ी कर देते है संकेतो का है ये विज्ञान डराकर,दुविधाओं में फंसा कर जातक को आतंकित करते रहते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #HandsOn ग्रहों की चाल को जीवन से जोड़ देते है
#HandsOn ग्रहों की चाल को जीवन से जोड़ देते है
read moreआचार्य योगेश शर्मा
मेरे जीवन की पहली भागवत कथा में भूतौ का सामना उस समय मैं 21 बर्ष का था मै गया तो था गुरु जी से मिलने उसी समय पर वहां अशोक कुमार जी बरेली से आये हुये थे गुरूजी से आशीर्वाद लेकर मे गुरुजी के चरणों की सेवा कर रहा था । उसी समय गुरूजी हमसे बोले तुम कथा कर लोगे हमने कहा गुरु जी कभी किये तो नही पर अध्ययन तो पूरा है पर कभी किया नहीं है फिर करो जी ने हमसे कहा अशोक कुमार जी की कथा आपको करनी है बड़ा आयोजन है कथा पंडाल में हो गई और और हमारा आशीर्वाद है तुम्हें जब गुरु जी ने हमें ऐसा कहा तो हमने सोचा कि गुरु जी का आशीर्वाद साथ है तो घबराने की काहे बात है हमने कोई तैयारी भी नहीं की थी उसे दिन के चार दिन बाद ही कथा प्रारंभ थी कथा स्थल पर हम पहुंचे दो ब्राह्मण भी हमारे साथ थे माला संध्या उपासना करने वाले जैसे ही हम बरेली पहुंचे अशोक कुमार जी हमें स्टेशन पर लेने आए अपनी निजी गाड़ी से हमें अपनी हवेली पर लेकर गए अशोक कुमार जी ने हमें हवेली की तीसरी मंजिल पर ठहराया अशोक कुमार जी के पिताजी वहां पर थे उनका नाम था लक्ष्मण प्रसाद लक्ष्मण प्रसाद जी ने हमसे पूछा कि आप कथा कर पाओगे यहां पर हमने कहा कथा करने ही तो आए हैं उन्होंने बताया यह कथा प्रेत बाधा के लिए कराई जा रही है इस हवेली में अनेक प्रकार की आत्माएं हमें परेशान करती है किसी ने बताया है श्रीमद् भागवत कथा श्रवण से उनकी मुक्ति होगी लेकिन इस हवेली में एक रात से ज्यादा यहां पर कोई टिक नहीं पता तो आप कर सकोगे हमने कहा गुरु जी का आशीर्वाद है सब हो जाएगा तो शाम का 4:00 गया था हम अपनी संध्या उपासना करने के लिए बैठे कुछ समय तो बढ़िया बैठे रहे अपनी उपासना करते रहे थोड़ी देर बाद उसे कमरे में जिसमें हम बैठे थे ट्यूब लाइट जल रही थी एक ट्यूबलाइट चौक में जल रही थी फिर भी वहां पर कम से कम 11 है आत्माएं उपस्थित हुई और हमें परेशान करने लगी फिर हम डरने लगे लेकिन गुरुजी ने आशीर्वाद दिया था और अपने ध्यान में लग रहे कुछ देर बाद वह आत्माएं मिलकर के आक्रमण करना चाहती थी फिर हमारे पास जो जल रखा था उसे जल से हमने उनके ऊपर छींटे मारें फिर उनमें से एक आत्मा ने बात किया आवाज आई हम आपसे कुछ नहीं कहेंगे बस हम मुक्ति चाहते हैं फिर हमने कहा श्रीमद् भागवत की शरण में आओ और सप्ताह प्राण आप सुनो आपकी सद्गति होगी उसके बाद संध्या उपासना करके जब हम उठे तो हम पहुंचे जहां हमारे दो ब्राह्मण ठहरे हुए थे उन्होंने कहा महाराज जी बड़े जल्दी आ गए तो हमने कहा जल्दी ही काम हो गया तो आ गए उन ब्राह्मणों को भी उन आत्माओं ने हमसे पहले डराया था वह तो वहां से भागने लगे फिर हमने उनको समझाया और कहा आप हमारे साथ रहो कुछ नहीं बिगड़ेगा फिर दूसरे दिन जब हम संध्या के लिए बैठे तो उन आत्माओं ने कहा कि हमारे मुक्ति के लिए इस हवेली के नीचे नीचे खाना है उसे तहखाना में हमको हमको युद्ध के समय बंधक बनाकर बंद कर दिया गया था तब से हम इसी हवेली में रहते हैं फिर अशोक कुमार जी हमारे लिए भोजन लेकर आए तो हमने उनको यह सब बताया उन्होंने कहा महाराज जी यह हवेली राजा महाराजाओं के समय की है और हमारे दादा ने इसे खरीदा था एक दिन हमारे पिताजी ने इस तहखाना को खुलवा दिया था तब से ही घर में हलचल मची हुई है फिर हमने अशोक कुमार जी को आश्वासन दिया और कहा कि आप कथा स्थल पर मंडप की व्यवस्था करो और कल से प्रोग्राम चालू करें सब ठीक होगा उसके बाद साथ दिवस कथा हुई गुरु जी की कृपा से आशीर्वाद से कथा मैं कोई रुकावट नहीं आई और जो प्रेत आत्माएं थी वह भी मुक्ति को प्राप्त हो गई जय श्री राधे ©आचार्य योगेश शर्मा जीवन में पहली बार भूतों से सामना
जीवन में पहली बार भूतों से सामना
read moreCHOUDHARY HARDIN KUKNA
White स्वामी विवेकानंद जयंती ******************** जागों-जागो उठो मेरे युवाओं आगे कदम मिलकर बढ़ाओ स्वामी जी के पद चिंन्हो फर जीवन अपना नेक बनाओं सेवा,समर्पण और लगन से जीवन अपना ही सुधर जाए स्वामी जी के मूल मंत्र को जीवन में लाकर सफल बनाओ स्वामी जी के ओजस्वी जीवन से जीवन अपना स्वर्ग सा बना लो नव ज्योति की किरण से अपना सूरज का तेज मस्तिष्क सजाओ एक ठोकर से तुम संभल जाओ चरित्र अपना तुम हीरे सा बनाओ सत्य कि डगर साहस से बढ़ाओं आजीवन सुख से समय बिताओ कर्म से अपने तेजस्वी बन जाओ माता-पिता का सम्मान बढ़ाओं देश के खातिर मजबूत बनाओ देशभक्ति के लिए फौलाद बनाओं जो मार्ग से गिर जाते उसे उठाओ गले लगाकर जीवन उसका बनाओं विपदाओं के वक्त साहस दिखाओं आजीवन विजेयता सब कहलाओं "उर" से संकल्पित हो जाओ युवाओं मां भारतीय पुकारती है तुम सबको विघा ज्योति जगाकर भविष्य बनाओं सपनों को साकार कर पहचान बनाओं परसेवा परहित से स्वयं जीवन बनाओं निर्मल मन से ही पहचान तुम बनाओं शिखरों कि चोंटी को तुमको है छूना स्वामी जी की वाणी से जीवन सुधारों #स्वामी विवेकानंद ©CHOUDHARY HARDIN KUKNA स्वामी विवेकानंद जयंती ******************** जागों-जागो उठो मेरे युवाओं आगे कदम मिलकर बढ़ाओ स्वामी जी के पद चिंन्हो फर जीवन अपना नेक बनाओं स
स्वामी विवेकानंद जयंती ******************** जागों-जागो उठो मेरे युवाओं आगे कदम मिलकर बढ़ाओ स्वामी जी के पद चिंन्हो फर जीवन अपना नेक बनाओं स
read morePoet Kuldeep Singh Ruhela
green-leaves छोड़ रहे हैं हम अपने लिखने का हुनर यारो अब से जीवन को जीना सीख लेंगे हम धीरे धीरे शब्दों से दूरी बढ़ा ली है हमने अब पूरी दुनिया से दूर हो जाएंगे हम ! कुलदीप सिंह रुहेला ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #GreenLeaves छोड़ रहे हैं हम अपने लिखने का हुनर यारो अब से जीवन को जीना सीख लेंगे हम धीरे धीरे शब्दों से दूरी बढ़ा ली है हमने अब पूरी दुनि
#GreenLeaves छोड़ रहे हैं हम अपने लिखने का हुनर यारो अब से जीवन को जीना सीख लेंगे हम धीरे धीरे शब्दों से दूरी बढ़ा ली है हमने अब पूरी दुनि
read moreRadhe Radhe
Google किरदार यदि वफादार है तो संशय ही समाप्त है आंख ओछल होने के बावजूद भी प्रत्यक्ष बने रहोगे। भावपूर्ण श्रद्दांजलि माननीय 🙏🙇♀🙏 जय श्री राधे ©Radhe Radhe जीवन
जीवन
read moreManzoor Alam Dehalvi
किसी को पा लेना ही सफलता नहीं है, बल्कि उसे हमेशा खुश रख के उसके , मुकाम तक ले जाना सफ़ल जीवन है। , ©Manzoor Alam Dehalvi #जीवन