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Shravan Goud

आभार: विकीपीडिया ॐ देवी चंद्रघंटाये नमः पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता।। या देवी सर्वभू

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ॐ देवी चंद्रघंटाये नमः
पिण्डजप्रवरारुढा 
चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
 प्रसादं तनुते मह्यं 
चन्द्रघण्टेति विश्रुता।।
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ 
चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै 
नमस्तस्यै नमो नम:।।
🌹🌹🙏🙏 आभार: विकीपीडिया
ॐ देवी चंद्रघंटाये नमः
पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
 प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता।।
या देवी सर्वभू

Vibhor VashishthaVs

Meri Diary Vs❤❤ पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्र कैर्युता| प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता|| 🙏🏵जय माता चंद्रघंटा🏵🙏 या देवी सर्वभू #navratri #yourquote #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yourquotebaba #yourquotedidi #vs❤❤

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Meri Diary #Vs❤❤
पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्र कैर्युता|
प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता||
🙏🏵जय माता चंद्रघंटा🏵🙏
या देवी सर्वभूतेषु मां कूष्मांडा रूपेण संस्थिता। 
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
🙏🏵जय माता कुष्मांडा 🏵🙏



















शारदीय नवरात्र तृतीय दिवस में इस बार तृतीया और चतुर्थी तिथि एक ही दिन है आज मां भगवती के तृतीय स्वरूप मां चंद्रघंटा एवं चतुर्थ स्वरूप मां कुष्मांडा की आराधना की जाएगी, माँ सबकी मनोकामना पूर्ण करें...।
🏵🏵🙏जय मां आदिशक्ति तेरी सदा ही जय हो🙏🏵🏵 
🚩🚩🙏जय माता दी🙏🚩🚩
✍️Vibhor Vashishtha vs
 Meri Diary #Vs❤❤
पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्र कैर्युता|
प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता||
🙏🏵जय माता चंद्रघंटा🏵🙏
या देवी सर्वभू

Vikas Sharma Shivaaya'

प्रथमे शैलपुत्री  च द्वितीये ब्रह्मचारिणी, तृतीये चन्द्रघण्टेति, कूष्माण्डेति चतुर्थकम् पंचमम् स्कन्धमातेति षष्ठम् कात्यायनीति च, सप्तमम् #समाज

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प्रथमे शैलपुत्री  च द्वितीये ब्रह्मचारिणी,

तृतीये चन्द्रघण्टेति, कूष्माण्डेति चतुर्थकम्

पंचमम् स्कन्धमातेति षष्ठम् कात्यायनीति च,

सप्तमम् कालरात्रिति महागौरीति चाष्टकम्,

नवमम् सिद्धिदात्री च, नवदुर्गा प्रकीर्तिता।

  🌹🌺🌹🌺🌹🌺🌹

नवरात्रि की नवमी तिथि को मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।


 मान्यता है कि मां ने पृथ्वी को असुरों के अत्याचार से मुक्ति दिलाने के लिए अवतार लिया था-मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से व्यक्ति के सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं,मां सिद्धिदात्री की कृपा से ही भगवान शंकर का आधा शरीर देवी का हुआ था-इसके चलते इन्हें अर्द्धनारीश्वर भी कहा जाता है। 

मां सिद्धिदात्री को अणिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, महिमा, ईशित्व, वाशित्व, सर्वकामावसायिता, सर्वज्ञत्व, दूरश्रवण, परकायप्रवेशन, वाक्‌सिद्धि, कल्पवृक्षत्व, सृष्टि, संहारकरणसामर्थ्य, अमरत्व, सर्वन्यायकत्व, भावना और सिद्धि नाम से पुकारा जाता है। मां कमल पुष्प पर आसीन हैं। इनका वाहन सिंह है। 


मां सिद्धिदात्री का मंत्र:

या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता.

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम


🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' प्रथमे शैलपुत्री  च द्वितीये ब्रह्मचारिणी,

तृतीये चन्द्रघण्टेति, कूष्माण्डेति चतुर्थकम्

पंचमम् स्कन्धमातेति षष्ठम् कात्यायनीति च,

सप्तमम्

Vikas Sharma Shivaaya'

नवरात्र के तीसरे दिन करें मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। मां के माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र सुशोभित है। इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा क #समाज

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नवरात्र के तीसरे दिन करें मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। मां के माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र सुशोभित है। इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है। इनका वाहन सिंह है और दस हाथ हैं। इनके चार हाथों में कमल फूल, धनुष, जप माला और तीर है। पांचवा हाथ अभय मुद्रा में रहता है। वहीं, चार हाथों में त्रिशूल, गदा, कमंडल और तलवार है। पांचवा हाथ वरद मुद्रा में रहता है। मान्यता है कि भक्तों के लिए माता का यह स्वरू बेहद कल्याणकारी है। 

मां चंद्रघंटा के मंत्र:

पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥

ध्यान मंत्र:
वन्दे वांछित लाभाय चन्द्रार्धकृत शेखरम्।
सिंहारूढा चंद्रघंटा यशस्वनीम्॥
मणिपुर स्थितां तृतीय दुर्गा त्रिनेत्राम्।
खंग, गदा, त्रिशूल,चापशर,पदम कमण्डलु माला वराभीतकराम्॥

🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

नवरात्रि के चौथे दिन मां के चौथे स्वरूप माता कूष्मांडा की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता कूष्मांडा ने ही ब्रहांड की रचना की थी। इन्हें सृष्टि की आदि- स्वरूप, आदिशक्ति माना जाता है। मां कूष्मांडा सूर्यमंडल के भीतर के लोक में निवास करती हैं। मां के शरीर की कांति भी सूर्य के समान ही है और इनका तेज और प्रकाश से सभी दिशाएं प्रकाशित हो रही हैं। मां कूष्मांडा की आठ भुजाएं हैं। मां को अष्टभुजा देवी के नाम से भी जाना जाता है। इनके सात हाथों में क्रमशः कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा है। आठवें हाथ में जपमाला है। मां सिंह का सवारी करती हैं।

देवी कूष्मांडा मंत्र- 
या देवी सर्वभू‍तेषु मां कूष्‍मांडा रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
ध्यान मंत्र:
वन्दे वांछित कामर्थेचन्द्रार्घकृतशेखराम्.
सिंहरूढाअष्टभुजा कुष्माण्डायशस्वनीम्॥
सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च.
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
– दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्.
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥
– जगन्माता जगतकत्री जगदाधार रूपणीम्.
चराचरेश्वरी कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥
🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' नवरात्र के तीसरे दिन करें मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। मां के माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र सुशोभित है। इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा क

Vikas Sharma Shivaaya'

🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🚩 🙌🚩🔱 मां जगदम्बे🔱 हमेशा हमारा -आपका मार्गदर्शन करती रहें..., 📖✒️जीवन की पाठशाला 📙 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल #समाज

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🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🚩
 🙌🚩🔱 मां जगदम्बे🔱 हमेशा हमारा -आपका मार्गदर्शन करती रहें...,
  

📖✒️जीवन की पाठशाला 📙

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

      मां दुर्गा का  स्वरूप:           

माँ दुर्गाजी की तीसरी शक्ति का नाम चंद्रघंटा है-नवरात्रि उपासना में तीसरे दिन की पूजा का अत्यधिक महत्व है और इस दिन इन्हीं के विग्रह का पूजन-आराधन किया जाता है- इस दिन साधक का मन 'मणिपूर' चक्र में प्रविष्ट होता है...,

बीज मंत्र :
‘ऐं श्रीं शक्तयै नम:’

लोकवेद के अनुसार माँ चंद्रघंटा की कृपा से अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं, दिव्य सुगंधियों का अनुभव होता है तथा विविध प्रकार की दिव्य ध्वनियाँ सुनाई देती हैं- ये क्षण साधक के लिए अत्यंत सावधान रहने के होते हैं...,

मंत्र:
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

माँ का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है, इनके मस्तक में घंटे का आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण से इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है-इनके शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है-इनके दस हाथ हैं- इनके दसों हाथों में खड्ग आदि शस्त्र तथा बाण आदि अस्त्र विभूषित हैं- इनका वाहन सिंह है, इनकी मुद्रा युद्ध के लिए उद्यत रहने की होती है...,

श्लोक:
पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता | प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता ||

Affirmations:

61.मेरी आय निरंतर बढ रही है...,
62.मेरे  पास अनंत संभावनाएं हैं.. ,
63.मै स्वयं को वतॅमान में पूणॅतया प्रेम करता हूं.. ,
64.मै अपने आंतरिक शिशु को प्रेम से गले लगाता हूं...,
65.मै प्रतिदिन कुछ नया सीखता हूं.. ,

बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....!
🙏सुप्रभात 🌹
आपका दिन शुभ हो 
विकास शर्मा'"शिवाया" 
🔱जयपुर -राजस्थान 🔱

©Vikas Sharma Shivaaya' 🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🚩
 🙌🚩🔱 मां जगदम्बे🔱 हमेशा हमारा -आपका मार्गदर्शन करती रहें...,
  

📖✒️जीवन की पाठशाला 📙

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल

Divyanshu Pathak

3. देवी का तीसरा स्वरूप और अंक - सात ( 7 ) ------------------------------------------------------- शैलपुत्री (अंक - 9 ) जीवन के विस्तार का प #yqdidi #yqhindi #नवरात्रि #yqsahitya #चन्द्रघण्टा #पाठकपुराण

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3. देवी का तीसरा स्वरूप और अंक - सात ( 7 )
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शैलपुत्री (अंक - 9 ) जीवन के विस्तार का प्रतिनिधित्व करती है तो मैया ब्रह्मचारिणी  ( अंक- 8 ) जीवन चेतना और उन्नति का पोषण। आज मैं आपको मैया चन्द्रघण्टा ( अंक - 7 ) के बारे में अपनी बात बताता हूँ तो देखिए--- दुनिया सात द्वीपों का समूह भर है। इसमें सात ही समंदर हैं। सुना है कि सूर्यदेव के रथ में भी सात अश्व लगे हैं। सात दिन की यात्रा को सप्ताह कहते हैं।अभी दुनिया के पास 7 ही अजूबे हैं।हमने सुना है कि आसमानों की संख्या भी सात है। सात जाति समूह में समाज पूर्ण होता है। भारतीय दर्शन में सृष्टि के प्रथम ऋषियों की संख्या भी 7 है जिन्हें सप्त ऋषियों के रुप में जानते हैं।हम अपने सम्पूर्ण जीवन को भी अवस्थाओं में जीते हैं। प्रकृति में रंग भी 7 हैं और सुरों की संख्या भी 7 ही है। सप्तपदी के सात फेरे हैं। संख्या- 7 दुनिया में अनोखेपन को प्रकट करती है और दुनिया के सभी आश्चर्य और जीवन में होने वाले चमत्कार माता चन्द्रघण्टा की कृपा से ही होते हैं।वे ख़ुशी और उत्साह की देवी हैं। ध्वनियों की स्वामिनी, संगीत की आत्मा और सजगता की भी देवी है। तो आओ हम कैप्शन में उनके साक्षात स्वरूप के दर्शन करते हैं----  3. देवी का तीसरा स्वरूप और अंक - सात ( 7 )
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