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Nadbrahm

22 अप्रैल 2022 को वैशाख मास कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि के सिद्ध योग में प्रातः 8 बजे पिताजी भैतिक सीमाओं से मुक्त हो परम पिता श्री हरि से एक #ज़िन्दगी

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Vikas Sharma Shivaaya'

🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️ 🙌🚩🔱 मां जगदम्बे🔱हमेशा हमारा आपका मार्गदर्शन करती रहे..., 📖✒️जीवन की पाठशाला 📙 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी म #समाज

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🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️
 🙌🚩🔱 मां जगदम्बे🔱हमेशा हमारा आपका मार्गदर्शन करती रहे...,

📖✒️जीवन की पाठशाला 📙

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

नवरात्र के छठे दिन मां दुर्गा का      स्वरूप:मां कात्यायिनी

नवरात्रि में छठ पर्व के दौरान भी माता कात्यायिनी की पूजा का विधान है- कात्यायिनी को माता दुर्गा का एक रूप माना जाता है...,
 
-मां दुर्गा की छठी विभूति हैं मां कात्यायनी-शास्त्रों के मुताबिक जो भक्त दुर्गा मां की छठी विभूति कात्यायनी की आराधना करते हैं मां की कृपा उन पर सदैव बनी रहती है- शास्त्रों में माता षष्ठी देवी को भगवान ब्रह्मा की मानस पुत्री माना गया है- इन्हें ही मां कात्यायनी भी कहा गया है, जिनकी पूजा नवरात्रि में षष्ठी तिथि के दिन होती है। षष्ठी देवी मां को ही पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में स्थानीय भाषा में छठ मैया कहते हैं, छठी माता की पूजा का उल्लेख ब्रह्मवैवर्त पुराण में भी मिलता है...,

-उत्तरप्रदेश के मथुरा के निकट वृंदावन के भूतेश्वर स्थान पर माता के गुच्छ और चूड़ामणि गिरे थे- इसकी शक्ति है उमा और भैरव को भूतेश कहते हैं, यहीं पर आद्या कात्यायिनी मंदिर, शक्तिपीठ भी है जहां के बारे में कहा जाता है कि यहां पर माता के केश गिरे थे। वृन्दावन स्थित श्री कात्यायनी पीठ ज्ञात 51 पीठों में से एक अत्यन्त प्राचीन सिद्धपीठ है...,

-विजयादशमी का पर्व माता कात्यायिनी दुर्गा द्वारा महिषासुर का वध करने के कारण मनाया जाता है जो कि श्रीराम के काल के पूर्व से ही प्रचलन में रहा है, इस दिन अस्त्र-शस्त्र और वाहन की पूजा की जाती है...,

मंत्र:ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥

-ऋषि कात्यायन की पुत्री ही कात्यायनी थीं-कात्यायन ऋषि को विश्वामित्रवंशीय कहा गया है- स्कंद पुराण के नागर खंड में कात्यायन को याज्ञवल्क्य का पुत्र बतलाया गया है- उन्होंने 'श्रौतसूत्र', 'गृह्यसूत्र' आदि की रचना की थी...,

श्लोक:
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहन। 
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी ॥
ॐ ह्रीं नम:।।'

-कहते हैं कि सिद्ध संत श्रीश्यामाचरण लाहिड़ीजी महाराज के शिष्य योगी 1008 श्रीयुत स्वामी केशवानन्द ब्रह्मचारी महाराज ने अपनी कठोर साधना द्वारा भगवती के प्रत्यक्ष आदेशानुसार इस लुप्त स्थान पर स्थिति इस श्रीकात्यायनी शक्तिपीठ जो राधाबाग, वृन्दावन नामक पावनतम पवित्र स्थान पर स्थित है का पुर्ननिर्माण कराया था...!

Affirmations:
76.इस साल मै परिवर्तन के लिए मानसिक कार्य करूँगा ...,
77.मै सारी जीवित वस्तुओं से जुड़ा हुआ हूं...,
78.मै जीवन में नए द्वारा खोलता हूं...,
79.मेरे सब अनुभव मेरे लिए सही है...,
80.मै दूसरे लोगों को उन्ही की तरह रहने देता हूँ.. ,

बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....!
🙏सुप्रभात 🌹
आपका दिन शुभ हो 
विकास शर्मा'"शिवाया" 
🔱जयपुर -राजस्थान 🔱

©Vikas Sharma Shivaaya' 🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️
 🙌🚩🔱 मां जगदम्बे🔱हमेशा हमारा आपका मार्गदर्शन करती रहे...,

📖✒️जीवन की पाठशाला 📙

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी म

Sudha Tripathi

छठ पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि को मनाया जाता है निर्जला व्रत किया जाता है ,प्रसाद रखने के लिए बांस की बड़ी टोकरियाँ बांस या फिर पीतल #chhathpuja

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छठ पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि को मनाया जाता है  निर्जला व्रत किया जाता है ,प्रसाद रखने के लिए बांस की बड़ी टोकरियाँ बांस या फिर पीतल का सूप दूध अर्घ् के लिये गन्ने शकरकन्द पान, सुपारी,हल्दी मूली, अदरक का हरा पौधा  बड़ा मीठा नींबू शरीफा, केला और नाशपाती पानी वाला नारियल मिठाई गुड़ गेंहू चावल और आटे से बना ठेकुआ चावल ,सिंदूर ,दीपक ,शहद और धूप नए वस्त्र जैसे  धोती या साड़ी उपयोग में लाए जाते हैं चार दिन तक चलने वाले इस महापर्व की शुरुवात नहाय खाय से होती है इस दिन व्रती स्नान कर नए वस्त्र धारण कर पूजा के बाद चना दाल,कद्दू की सब्जी और चावल को प्रसाद के तौर पर ग्रहण करते हैं व्रती के भोजन करने के बाद परिवार के सभी सदस्य भोजन ग्रहण करते हैं ,छठ पूजा के दूसरे दिन खरना के नाम से जाना जाता है जिस दिन पूरे दिन निर्जला व्रत होता है और  शाम के समय लकड़ी के चूल्हे पर गुड़ का खीर बनाकर उसे प्रसाद के तौर पर खाती हैं  महिलाओं का 36 घण्टे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है पौराणिक कथाओं के अनुसार मान्यता है कि खरना पूजा के बाद ही छठी मैया का घर मे आगमन होता है ,छठ पूजा के तीसरे दिन तक व्रती निर्जला उपवास रखते हैं साथ ही छठ पूजा का प्रसाद तैयार करते हैं ,शाम के समय नए वस्त्र धारण कर परिवार संग किसी नदी या तालाब पर पानी मे खड़े होकर डूबते हुए सूरज को अर्ध्य देते हैं तीसरे दिन का निर्जला उपवास रात भर जारी रहता है . छठ पूजा के चौथे दिन पानी मे खड़े होकर उगते  यानि उदयमान सूर्य को अर्ध्य दिया जाता है.इसे उषा अर्ध्य या पारण दिवस भी कहा जाता है अर्ध्य देने के बाद व्रती  एक दूसरे को प्रसाद देकर व्रत खोलते है .36 घण्टे का व्रत सूर्य को अर्ध्य देने के बाद तोड़ा जाता है इस व्रत की समाप्ति सुबह के अर्ध्य यानि दूसरे और अंतिम अर्ध्य को देने के बाद होती हैं इस व्रत मे पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है हमारे लिए सबसे बड़ा त्योहार है छठ महापर्व 🙏🙏🙏🙏🙏🙏 छठ पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं

©Sudha Tripathi छठ पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि को मनाया जाता है  निर्जला व्रत किया जाता है ,प्रसाद रखने के लिए बांस की बड़ी टोकरियाँ बांस या फिर पीतल

Sudha Tripathi

छठ पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि को मनाया जाता है निर्जला व्रत किया जाता है ,प्रसाद रखने के लिए बांस की बड़ी टोकरियाँ बांस या फिर पीतल #sunrays

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छठ पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि को मनाया जाता है  निर्जला व्रत किया जाता है ,प्रसाद रखने के लिए बांस की बड़ी टोकरियाँ बांस या फिर पीतल का सूप दूध अर्घ् के लिये गन्ने शकरकन्द पान, सुपारी,हल्दी मूली, अदरक का हरा पौधा  बड़ा मीठा नींबू शरीफा, केला और नाशपाती पानी वाला नारियल मिठाई गुड़ गेंहू चावल और आटे से बना ठेकुआ चावल ,सिंदूर ,दीपक ,शहद और धूप नए वस्त्र जैसे  धोती या साड़ी उपयोग में लाए जाते हैं चार दिन तक चलने वाले इस महापर्व की शुरुवात नहाय खाय से होती है इस दिन व्रती स्नान कर नए वस्त्र धारण कर पूजा के बाद चना दाल,कद्दू की सब्जी और चावल को प्रसाद के तौर पर ग्रहण करते हैं व्रती के भोजन करने के बाद परिवार के सभी सदस्य भोजन ग्रहण करते हैं ,छठ पूजा के दूसरे दिन खरना के नाम से जाना जाता है जिस दिन पूरे दिन निर्जला व्रत होता है और  शाम के समय लकड़ी के चूल्हे पर गुड़ का खीर बनाकर उसे प्रसाद के तौर पर खाती हैं  महिलाओं का 36 घण्टे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है पौराणिक कथाओं के अनुसार मान्यता है कि खरना पूजा के बाद ही छठी मैया का घर मे आगमन होता है ,छठ पूजा के तीसरे दिन तक व्रती निर्जला उपवास रखते हैं साथ ही छठ पूजा का प्रसाद तैयार करते हैं ,शाम के समय नए वस्त्र धारण कर परिवार संग किसी नदी या तालाब पर पानी मे खड़े होकर डूबते हुए सूरज को अर्ध्य देते हैं तीसरे दिन का निर्जला उपवास रात भर जारी रहता है . छठ पूजा के चौथे दिन पानी मे खड़े होकर उगते  यानि उदयमान सूर्य को अर्ध्य दिया जाता है.इसे उषा अर्ध्य या पारण दिवस भी कहा जाता है अर्ध्य देने के बाद व्रती  एक दूसरे को प्रसाद देकर व्रत खोलते है .36 घण्टे का व्रत सूर्य को अर्ध्य देने के बाद तोड़ा जाता है इस व्रत की समाप्ति सुबह के अर्ध्य यानि दूसरे और अंतिम अर्ध्य को देने के बाद होती हैं इस व्रत मे पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है हमारे लिए सबसे बड़ा त्योहार है छठ महापर्व 🙏🙏🙏🙏🙏🙏

©Sudha Tripathi छठ पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि को मनाया जाता है  निर्जला व्रत किया जाता है ,प्रसाद रखने के लिए बांस की बड़ी टोकरियाँ बांस या फिर पीतल

rajeshwari Thakur

काश ऐसा हो  किसी खास तिथि पर एतराज करने वाले 
रोज-रोज दिवाली क्यूं नहीं मनाते

©rajeshwari Thakur #तिथि

Parasram Arora

#तिथि बाह्य.......

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कल भी  था  मै 
आज  भी  "मै "  हूँ 
लेकिन कल  मेरे  नहीं  होने पर 
सिर्फ  तारीखें  होंगी 
और मेरे होने  क़े  थोड़े प्रमाणिक 
सन्दर्भों  क़े   अवशेष 
लेकिन वक़्त  की  मार तो वे भी  झेल नहीं 
पाएंगे 
एक दिन तो उन्हें भी  तिथि बाह्य  
होना ही पड़ेगा

©Parasram Arora #तिथि बाह्य.......

alfaj a sohit

शहीद तिथि #कविता

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शहीद दिवस

कभी वतन के लिए सोच कर देख लेना।
कभी मां के चरण स्पर्श कर देख लेना।।
कितना मजा आता है मरने मे यारों।
कभी वतन के लिए मर कर देख लेना।।

©alfaj a sohit शहीद तिथि

Parasram Arora

तिथि बाह्य #कविता

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Neetu Sahu

अटल पुण्य तिथि

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उनका जाना महज़ आभास है ....
 हर एक विचारों में उनका ही अटल निवास है,

वो पंच तत्वों  में विलीन हो गये
पर हमारे ह्रदय में वो  अटल लीन हो गए ,

विश्वपटल पर राजनीति की कहानी गढ़ गए 
अधरों पर सबके कवि ह्रदय से अटलवाणी रच गए,!!!by neetu sahu✍
  श्रध्देय अटल बिहारी जी की पुण्य तिथि पर उन्हें सत-सत नमन🙇 अटल पुण्य तिथि

Sangam Ki Sargam

कितना ही पढ़ लिख लो
तिथि तो हमेशा "माँ" से ही पूछते हैं हम। #Books #तिथि #माँ
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