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Nirankar Trivedi
उस रात के सन्नाटे में, जब चाँदनी ने चादर बिछाई, चाँद अकेला बैठा था, तारों में थी उसकी परछाई। मन की गहराइयों में झांकता, दिल को देता शांति अपार, हर रूप में कहानी कहता, वो चाँद था बेहद प्यारा। कभी मुरझाता, कभी मुस्कुराता, कभी खोता, कभी चमकता, हर रात नया रंग दिखाता, चाँद का सौंदर्य सबको भाता। रोशनी में बसा संसार, सपनों का जैसे बाजार, हर मनुष्य ढूंढता यहां, अपने दिल का सच्चा प्यार। रात की रानी के गहनों में, चमकता वो चाँद सुहाना, हर दिल की धड़कन में, धड़कता चाँद का अफसाना। इस नीरव रात में, चाँद हमें याद दिलाता है, अंधकार के बीच भी, रोशनी का अस्तित्व होता है। ©Nirankar Trivedi उस रात के सन्नाटे में, जब चाँदनी ने चादर बिछाई, चाँद अकेला बैठा था, तारों में थी उसकी परछाई। मन की गहराइयों में झांकता, दिल को देता शांति अ
mayur Sharma
मैं भूल बैठा बाते अपनी बस उनकी बातो को याद किए अकेला हु इश्क की रहो में उनकी यादों को साथ लिए ©mayur Sharma #Wochaand भूल बैठा #Nojoto
#Wochaand भूल बैठा
read morePoet Kuldeep Singh Ruhela
#कयामत हो गई आज फिर से देखो अहसास दिल के नजर आए खूबसूरती पर लिखने बैठा था गजल आपकी पर मेरी आंखों में प्याज काटने से आंसू आय ! कवि कुलदीप सिंह रुहेला गुमनाम शायर Poet of saharanpur ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #कयामत हो गई आज फिर से देखो अहसास दिल के नजर आए खूबसूरती पर लिखने बैठा था गजल आपकी पर मेरी आंखों में प्याज काटने से आंसू आय ! कवि कुलदीप
rj_vishwa
White जा-ब-जा भटकने की ख़ातिर ज़र्फ हर्फ़ एहतियात सबात सब छोड़ के बैठा हूँ एक तेरे दीदार की ख़ातिर कसमें रस्मे वादे इरादे सब तोड़ के बैठा हूं ©rj_vishwa बैठा हूँ #SAD #alone
बैठा हूँ SAD alone
read moreHimanshu Prajapati
White अब याद ही नहीं रहता, क्या हुआ था क्यों हुआ था, जो था बुरा था यां अच्छा हुआ था..! ©Himanshu Prajapati #Night अब याद ही नहीं रहता, क्या हुआ था क्यों हुआ था, जो था बुरा था यां अच्छा हुआ था..!
Sukoon Poetry
White किस किस को बताएं किस कदर जिए बैठा हूं. वो जो देखे तो समझे कि पिए बेठा हूँ.. वो जो आखिरी कश्ती ना आए उस पार मुझे कोन लगाए. बरसों से उस पार जाने के लिए बैठा हूं. कोन जाने किस कदर जिए बैठा हूँ ©Sukoon Poetry कौन जाने किस कदर जीए बैठा हूं #SAD
कौन जाने किस कदर जीए बैठा हूं SAD
read moreबेजुबान शायर shivkumar
Beautiful Moon Night // लौट जा तू उजालों में // फिर वही अधूरी शाम, फिर वही अंधेरी रात । कहीं जल रहा मन, कहीं जल रहा अभिमान ।। तन्हाई की वो यादें भी, कहाँ खो गई इन रातों में, खो गये वो गहरे राज, जिनको छिपाया मैंने इन आंखों में ।। अंधेरे को चिरती हुई, रोशनी, चुभ गई थी, इन आँखों में, आँख खुली तो खुद को पाया था, मैंने फिर से इन छलावों में, बैठा था, टक टकी लगाऐ, शायद वह वापस आ जाए, पर हजारों के शोर में, न वो आए, न उनकी खबर आए, अब मत कर कोशिश, तू भी कुछ ना पाएंगे, मेरी इन यादों में, बेवजह बस डूबता चला जाऐगा, तू भी मेरे संग मेरे जज्बातों में, अब मैं हूं, अंधेरे का राही, है ये अंधेरा मेरा चिर साथी, लौट जा तू उजालों में, मत कर मेरा पीछा, ऐ मेरे पुराने साथी, ऐ मेरे पुराने साथी ।। ©Shivkumar #beautifulmoon #Nojoto #nojotohindi लौट जा तू #उजालों में फिर वही #अधूरी शाम, फिर वही #अंधेरी रात । कहीं जल रहा मन, कहीं जल रहा #अ
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