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N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} हम सब अपने इस अनमोल जीवन के समाप्त होने से पहले ही अपने श्रीपिरया-प्रीतम भगवान श्री राधे-कृष्ण को मन में बसा ले, तो हमने वह सब कर लिया जो हम इस धरा पर करने आए हैं, नही तो यह जीवन हमारा व्यर्थ में चला गया समझो, हम भगवतभक्ति व भगवत्प्राप्ति के लिए चूक गये, अब फिर 84 लाख योनियों में भटकने के लिए बाध्य हो गए।। ©N S Yadav GoldMine #VoteForIndia {Bolo Ji Radhey Radhey} हम सब अपने इस अनमोल जीवन के समाप्त होने से पहले ही अपने श्रीपिरया-प्रीतम भगवान श्री राधे-कृष्ण को म
Naveen
Sethi Ji
White हर मोहब्बत का एक अफ़साना होता हैं जिसमें एक दीवानी एक दीवाना होता हैं आज कल लगी हैं सब में दौड़ प्यार पाने की अब वफाओं का क़र्ज़ भी चुकाना होता हैं पहले मिलते थे मेहबूब अपनी ख़ुशी से अब ना मिलने का भी बहाना होता हैं पहले इंसान नहीं , हालात बदलते थे आज कल बेवफाओं का भी ज़माना होता हैं बहुत जी लिए उनकी यादों के सहारे दोस्तों अब मयखानों में इस टूटे हुए दिल का ठिकाना होता हैं पहले हो जाती थी मोहब्बत आँखों-आँखों में आज कल करके झूठी तारीफ़े वोह हक़ भी कमाना होता हैं 💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 ©Sethi Ji 💘💘 मोहब्बत का बोल 💘💘 💘💘 मोहब्बत का मोल 💘💘 वोह ज़माना कुछ और था जब प्यार का भी कुछ मोल था ।। गले लगते थे लोग एक दूसरे के भुला कर अपने धर्म
paritosh@run
White ना हमें तुम सा, ना तुम्हें हम सा मिलेगा कहीं... तुम अनमोल ठहरे और हम नायाब... ©paritosh@run तुम अनमोल.. Ak.writer_2.0 Sm@rty Divi P@ndey Dhyaan mira Bobby(Broken heart) kanchan Yadav suwarta Nawaz Malik (Ravi Kishan) Anshu writer S
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
चित्र-चिंतन :- कुण्डलिया ताला मुँह पर मैं लगा , बैठा अब तक यार । सोचा था अनमोल है , प्रेम जगत व्यहवार ।। प्रेम जगत व्यहवार , इसी में जीवन फलता । लेकिन पग-पग आज , हमारा जीवन जलता ।। त्याग छोड़ व्यहवार , समय कहता है लाला । बुजदिल समझें लोग , देखकर मुँह पर ताला ।। १२/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR चित्र-चिंतन :- कुण्डलिया ताला मुँह पर मैं लगा , बैठा अब तक यार । सोचा था अनमोल है , प्रेम जगत व्यहवार ।। प्रेम जगत व्यहवार , इसी में जीव
AwadheshPSRathore_7773
White . बची थी जो शेष जिंदगी उसी को विशेष बनाने के चक्कर में कब यह जीवन भूत से वर्तमान,वर्तमान से भविष्य में कहीं खो गया, पता ही नहीं लगा... तुम्हारा कसकर हाथ पकड़ने की चाह में नमी जिंदगी.. कब सूखी रेत सी हो हाथों से फिसल गई पता ही नहीं लगा न मै..मेँ रही,ना तुम.. तुम रहे तुम्हारी जो जिंदगी थी मैँ..कब -कैसे - क्यूं रास्ते का पत्थर बन गई पता ही नहीं लगा...x कांच के टुकड़ों को क्यूँ हीरोँ का नाम दे...देकर यूं ही सहेजते रहे हम जबकि अपना शीशे सा दिल कब पत्थर हो गया पता ही नहीं लगा.. एक मुलाकात के इंतजार में तुम्हारे ख्यालों को कब कस्तूरी..मृग.. मन..से जिंदगी..ऐ..रुह में उतार लिया... पता ही नहीं लगा.... दीवारों को दर्द सुनाते सुनाते तन्हा दिल ने तन्हा-तन्हा सी जिंदगी में कब..तन्हा..शहर बसा लिया पता ही नहीं लगा...पता ही नहीं लगा... ©AwadheshPSRathore_7773 #nightthoughts शेष विशेष के जैसे चक्की के दो पाटों के बीच फंसती यह जिंदगी,किस तरह सादे मनुष्य से उसके जीवन की सारी सादगी छिन लेती है और अंतत
N S Yadav GoldMine
Men walking on dark street {Bolo Ji Radhey Radhey} है मेरे प्राणधन :- भगवान श्री कृष्ण जी, एक आप और एक आपकी किरपा दोनों ही मेरे लिए अनमोल रत्न है।। ©N S Yadav GoldMine #Emotional {Bolo Ji Radhey Radhey} है मेरे प्राणधन :- भगवान श्री कृष्ण जी, एक आप और एक आपकी किरपा दोनों ही मेरे लिए अनमोल रत्न है।।
N S Yadav GoldMine
Men walking on dark street {Bolo Ji Radhey Radhey} हमारे सभी वेद व शास्त्र हमें जीवन और जीवन से आगे चलने के सूत्र का अनमोल विद्या से जीना सिखाते हैं, पर खुद से उलझकर रह जाओगे, किसी मूल जगतगुरु से ही सीखना व समझना होगा? ©N S Yadav GoldMine #Emotional {Bolo Ji Radhey Radhey} हमारे सभी वेद व शास्त्र हमें जीवन और जीवन से आगे चलने के सूत्र का अनमोल विद्या से जीना
N S Yadav GoldMine
Men walking on dark street {Bolo Ji Radhey Radhey} हम यहां मनोवन्थन के लिए, इस धरा पर आए है, मगर हम आज मनोवन्थन करने कि जगह, इस अनमोल सांसो, का खजाना, मनोरंजन में युही खर्च करने में लगे हैं, पता नही क्या परिणाम होगा।। ©N S Yadav GoldMine #Emotional {Bolo Ji Radhey Radhey} हम यहां मनोवन्थन के लिए, इस धरा पर आए है, मगर हम आज मनोवन्थन करने कि जगह, इस अनमोल सांसो, का खजाना, मन