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Stories related to सदैव पुरतो निधेहि चरणम्

Gokul Ingale

#Sad_Status आपली दहा चांगली कामे लक्षात नाही राहणार पण एक काम नाही केले तर ते सदैव लक्षात ठेवणार .

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White आपली दहा चांगली कामे लक्षात नाही राहणार  
पण एक काम नाही केले तर ते सदैव लक्षात ठेवणार .

©Gokul Ingale #Sad_Status आपली दहा चांगली कामे लक्षात नाही राहणार  
पण एक काम नाही केले तर ते सदैव लक्षात ठेवणार .

theABHAYSINGH_BIPIN

#सदैवचलनाहोगा Rakesh Srivastava happydil Internet Jockey Anupriya Author Shivam kumar Mishra (Shivanjal) मन का दुश्मन बनना होगा

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मन का दुश्मन बनना होगा

मन का दुश्मन बनना होगा,
खुद से भी तो लड़ना होगा।
यह छल न जाए जीवन को,
सदैव ध्यान रखना होगा।

बुझ न जाए प्रगति की मशाल,
खुद आग बनकर जलना होगा।
बनो सारथी खुद के रथ का,
अर्जुन भी तुम्हें बनाना होगा।

जीवन की रणभूमि से,
सदैव चौकस रहना होगा।
कोई हित-मित्र नहीं है पीछे,
अकेले ही आगे बढ़ना होगा।

निराशा की घटाएँ घेरें,
तब खुद में जोश भरना होगा।
इम्तिहान लेगी रणभूमि जब,
समशिरों पर चलना होगा।

प्रहरी हो तुम जीवन के,
पूरी रात तुम्हें जागना होगा।
इम्तिहान नहीं, युद्ध समझो इसे,
प्रत्येक व्यूह से तुम्हें लड़ना होगा।

काबू में रखना अवचेतन को,
संघर्ष में दृढ़ रहना होगा।
ठान सको जब ख़ुद से ही रण,
ख़ुद पर प्रथम विजयी पाना होगा।

विचलित ना होना इस रण में,
भावों का नाश करना होगा।
भेद गए जब व्यूह को तुम,
अंतिम क्षण तक तुम्हें लड़ना होगा।

संकल्प लो, उद्घोष करो,
निर्भीक बाणों की वर्षा करना होगा।
तोड़ सको तुम द्वार सभी,
अभिमन्यु तुमको बनना होगा।

©theABHAYSINGH_BIPIN #सदैवचलनाहोगा
     
 Rakesh Srivastava  happydil  Internet Jockey  Anupriya  Author Shivam kumar Mishra (Shivanjal) 

मन का दुश्मन बनना होगा

theABHAYSINGH_BIPIN

#एकहारजरूरीहैजीवनमें एक हार जरूरी है जीवन में, एक जीत जरूरी है जीवन में। हार से संवरना सीखोगे तुम, जीत से निखरना सीखोगे तुम। हार जलाएगी आग

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White एक हार जरूरी है जीवन में

एक हार जरूरी है जीवन में,
एक जीत जरूरी है जीवन में।
हार से संवरना सीखोगे तुम,
जीत से निखरना सीखोगे तुम।

हार जलाएगी आग में,
जीत देगी उड़ान को राग में।
हार से सहनशील बनोगे तुम,
जीत से खुद को पहचानोगे तुम।

हार धैर्य सिखाएगी,
जीत विश्वास जगाएगी।
इसीलिए हार जरूरी है जीवन में,
एक जीत भी जरूरी है जीवन में।

हार और जीत हैं जीवन के रंग,
इन्हीं से सजे हैं जीवन के संग।
इनसे ही उत्साह मिलता है जीवन में,
सपनों को आकार मिलता है जीवन में।

चढ़ते रहो छोटी-छोटी सीढ़ियाँ,
ऊँचा शिखर पाओगे जीवन में।
संघर्ष से जो निखर जाएगा,
हर मुकाम पाएगा जीवन में।

निरंतर चलते रहना पथ पर,
लक्ष्य जरूरी है जीवन में।
ना मिले गर कोई साथी राह में,
अकेले ही बढ़ते रहना जीवन में।

चढ़ते रहो शिखर की ओर,
छोटों को देना स्नेह और सम्मान।
गिरो तो जल-सा निर्मल रहना,
सदैव शीतल रहना जीवन में।

संघर्ष ही सार है जीवन का,
रुकने से पहले सोचना जरा।
जो ठहर गया, वो हार गया,
चलते रहो, जीत है जीवन में।

©theABHAYSINGH_BIPIN #एकहारजरूरीहैजीवनमें

एक हार जरूरी है जीवन में,
एक जीत जरूरी है जीवन में।
हार से संवरना सीखोगे तुम,
जीत से निखरना सीखोगे तुम।

हार जलाएगी आग

theABHAYSINGH_BIPIN

#walkingalone राहों की खोज चलते रहिए आगे, बढ़ते रहिए आगे, कहीं तो मक़ान होगा, कहीं तो मंज़िल होगी।

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राहों की खोज

चलते रहिए आगे,
बढ़ते रहिए आगे,
कहीं तो मक़ान होगा,
कहीं तो मंज़िल होगी।

मिलते रहिए अपनों से,
मिलते रहिए गैरों से,
कहीं तो एहसास होगा,
कहीं तो पहचान होगी।

हाथ बढ़ाते रहिए,
हिम्मत बढ़ाते रहिए,
कहीं तो पुकार होगी,
कहीं तो सांस होगी।

लड़ते रहिए अंधेरों से,
लड़ते रहिए धुंध-कोहरे से,
कहीं तो आसमान होगा,
कहीं तो रोशनी होगी।

सदैव बढ़ते रहिए,
चौकस रहिए हर वक्त,
कहीं तो लकीर होगी,
कहीं तो नज़र होगी।

डरना क्यों है दोपहरी से,
उत्साह भरते रहिए,
कहीं तो धूप होगी,
कहीं तो छांव होगी।

अग्रसर रहिए जलधारा में,
थमने न पाए विजयी रथ,
कहीं तो मिट्टी होगी,
कहीं तो पत्थर होगी।

साधते रहिए हिम्मत,
सौर्य के गीत भी गाते रहिए,
कहीं तो सफ़लता होगी,
कहीं तो विजयी होगी।

©theABHAYSINGH_BIPIN #walkingalone 

राहों की खोज

चलते रहिए आगे,
बढ़ते रहिए आगे,
कहीं तो मक़ान होगा,
कहीं तो मंज़िल होगी।

Jitendra Giri Hindu

अर्थात्: "किसी भी कार्य में सदैव उत्साह के साथ लगे रहो। आँसू मत बहाओ, क्योंकि यह क्षणिक होता है।" यह श्लोक हमें सिखाता है कि जो भी कार्य हम

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संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु

स्वलिखित हिन्दी रचना शीर्षक अंतिम माह का माफ़ीनामा विधा मन के विचार भाव वास्तविक हुई जो अंजाने में कोई गलती या दुखा हमारे शब्दों से मन

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