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Bishamber Awankhia
Unsplash ਗ਼ਜ਼ਲ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਨੂੰ ਜੀਣ ਦੇ ਕਾਬਲ ਬਣਾਇਆ ਹੈ ਤੁਸੀਂ। ਦਿਲ 'ਚ ਮੇਰੇ ਪਿਆਰ ਦਾ ਦੀਪਕ ਜਗਾਇਆ ਹੈ ਤੁਸੀਂ। ਮੁਸਕੁਰਾਹਟ ਆ ਗਈ ਮੇਰੇ ਵੀ ਮੁੱਖ 'ਤੇ ਯਾਰ ਹੁਣ, ਵੇਖ ਕੇ ਮੇਰੀ ਤਰਫ਼ ਜੋ ਮੁਸਕੁਰਾਇਆ ਹੈ ਤੁਸੀਂ ਚੌਦਵੀਂ ਦਾ ਚੰਨ ਵੀ ਝੱਟ ਬੱਦਲਾਂ ਵਿੱਚ ਲੁੱਕ ਗਿਆ, ਚਾਨਣੀ ਵਿੱਚ ਮੁੱਖ ਤੋਂ ਪਰਦਾ ਹਟਾਇਆ ਹੈ ਤੁਸੀਂ। ਖੁੱਲ੍ਹ ਗਈ ਤਕਦੀਰ ਮੇਰੀ, ਬਰਸੀਆਂ ਨੇ ਰਹਿਮਤਾਂ, ਹੱਥ ਮੇਰੇ ਨੂੰ ਆਪਣਾ ਜੋ ਹੱਥ ਫੜਾਇਆ ਹੈ ਤੁਸੀਂ। ਅੱਖ ਤਲਿਸਮੀ,ਸੁਰਖ਼ ਬੁੱਲ੍ਹ ਤੇ ਕਹਿਰ ਕਰਦੀ ਹਰ ਅਦਾ, ਰੱਬ ਤੋਂ ਐਸਾ ਅਲੋਕਿਕ ਰੂਪ ਪਾਇਆ ਹੈ ਤੁਸੀਂ। ਫੁੱਲ, ਕਲੀਆਂ ਤੇ ਹਵਾਵਾਂ ਨੂੰ ਤੂੰ ਮਹਿਕਾਂ ਵੰਡੀਆਂ, ਚਾਲ ਚਲਣੀ ਮਸਤ ਨਦੀਆਂ ਨੂੰ ਸਿਖਾਇਆ ਹੈ ਤੁਸੀਂ। ਨੀਂਦ ਉੱਡੀ, ਚੈਨ ਉੱਡਿਆ ਹੋ ਗਿਆ ਬੀਮਾਰ ਦਿਲ, ਤੀਰ ਐਸਾ ਪਿਆਰ ਦਾ ਨਜ਼ਰੋਂ ਚਲਾਇਆ ਹੈ ਤੁਸੀਂ। ਬਿਸ਼ੰਬਰ ਅਵਾਂਖੀਆ , 9781825255 ©Bishamber Awankhia #lovelife #wife
Schizology
Future or past To travel into the future Or to go back to the past Either would be okay I just want the trip fast Forward to the unknown A look beyond today Forget about the now I wish I could be on my way Backwards into history To see things happen I would go far enough back To meet great men and women To watch things a second time Or be the very first to see Both future and past Would be fine with me ©Schizology Future or past #Future #Past #poem✍🧡🧡💛
pandeyji
She walks in beauty, like the night Of cloudless climes and starry skies; And all that’s best of dark and bright Meet in her aspect and her eyes; Thus mellowed to that tender light Which heaven to gaudy day denies. One shade the more, one ray the less, Had half impaired the nameless grace Which waves in every raven tress, Or softly lightens o’er her face; Where thoughts serenely sweet express, ©pandeyji #wife #love
#wife love
read moreAvinash Jha
White एक शाम उसने पूछा हमसे की बतलाओ तुम मझको, की कब तुझको मेरी कमी खलती ? की कब तुझको मेरी जरूरत होती? हंस कर मैं चुप रहता हूँ लब्ज़ों में तुम्हारा अर्थ न समेटा, क्या मैं समझाऊँ अब तुझको की ना तेरी कमी होती ना तू मेरी जरूरत. याद करना तो उन रिश्तों का गुण है, जो अधूरे हैं, जो अलग खड़े हैं। पर तुम और मैं, जैसे धरती और गगन, न अलग हैं, न अधूरे, हम एक संग हैं सदा-युगम. आकाश को धरती से क्या जरूरत कभी? फिर भी उसके बिना वह शून्य है सभी। धरती भी तो आकाश के आँचल में बसी, उसके बिना वह एक अस्तित्वहीन कड़ी. तुम मेरी साँझ की शांति, भोर की रोशनी, तुम बिन अधूरी मेरी हर कहानी, तुम्हारी याद में मैं नहीं उलझता कि तुम मेरी मुझमें में संचित सदा. ©Avinash Jha #Couple #wife
Avinash Jha
White तुम्हारे चेहरे की चमक में छिपा है वो नूर, जैसे चांदनी रात में खिलता हो सूरज का सूर। सिंदूरी मांग की ये रेखा जो माथे पर सजी है, जैसे सवेरे की पहली किरण धरा को चूम रही है। आंखों की गहराई में बसी हैं वो कथाएं, जिनमें सजी हैं प्रेम की अनगिनत अदाएं। तेरी मुस्कान की मिठास जब दिल को छूती है, मानो बहारों ने फूलों की महक से प्यास बुझाई है। तेरे होंठों की लालिमा, जैसे गुलाब की पंखुड़ियां, तेरे गालों का रंग, जैसे बिखरी गुलाल की लहरियां। तू जब हंसती है, तो बहारें मुस्कुराती हैं, तेरे कदमों के पीछे मानो जमीन भी झूम उठती है। तेरे बालों की लहराती छांव में बसी है वो ठंडक, जो तपते हुए दिन को रात की सर्दी सी राहत दे। तुम्हारी सादगी और प्यार की महक, हर पल दिल में नई उमंग जगाती है। तुम्हारी खूबसूरती का हर रंग यूं है निराला, जैसे धरती पर खुदा ने अपना प्यार लुटा डाला। तू मेरे दिल का हर सपना, हर ख्वाब हो, तू ही तो मेरे जीवन की सबसे हसीन किताब हो। ©Avinash Jha #wife #Love
#wife Love
read moreAvinash Jha
tea quotes चाय की गर्माहट सी हो तुम, हर घूंट में सुकून देती हो तुम. सर्द मौसम में जैसे आग का अहसास, मेरे दिल की हर धड़कन में बसी हो तुम. तेरी महक, जैसे ताज़गी का अहसास, तेरी बातों में वो अपनापन खास. हर सुबह की शुरुआत तुमसे होती है, चाय की प्याली सी हो तुम, हर घड़ी मेरा सहारा बनती हो तुम. ©Avinash Jha #wife #Love