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Jitendra Mishra
"दुर्जनेषु च सर्पेषु वरं सर्पो न दुर्जनः। सर्पो दंशति कालेन दुर्जनस्तु पदे-पदे ॥" "दुष्ट और साँप, इन दोनों में साँप ही अच्छा है, न कि दुष्ट । साँप तो एक ही बार डसता है, किन्तु दुष्ट तो पग-पग पर डसता रहता है ।" ©Jitendra Mishra #Life #Hindi #Ab #vichar #Truth "दुर्जनेषु च सर्पेषु वरं सर्पो न दुर्जनः। सर्पो दंशति कालेन दुर्जनस्तु पदे-पदे ॥" "दुष्ट और साँप, इन दो
यशवंत कुमार
वो चेहरा 'तुम्हारा' है मेरी बातों का मेरे जज्बातों का मेरे ख्यालों का मेरे सवालों का Read in caption... वो चेहरा "तुम्हारा " है। मेरी बातों का मेरे जज्बातों का मेरे ख्यालों का मेरे सवालों का मेरी तन्हाईयों का मेरी परछाईयों का
Rohit Potdar
का बरं का ? "Koni Pratyaksha pyeksha Gelyavarach jasta prem jaanavte." Haa difference vedich sarkavta aala nahi. Tar aayushya aani tyatli loko, fakt aathvan mahnun rahun jhatil aani tasecha jagave lagtil. का बरं का ?
Author Munesh sharma 'Nirjhara'
"अधूरापन ही खींचता है अपनी ओर पूर्ण हो जाने के लिए..." अधूरापन भावों का...सोच का....विचारों का...
Mayank Pandit
आज कल लोग सच्चे प्यार की नही, बस कुछ दिन साथ दे ऐसे यार की खोज करते है, आज कल तो सकल भी नही देखते लोग, 10 मिनट की चॅटिंग मे डिरेक् पुरपोज करते है, और कहते है की बेबी हम भी मशूर हो लैला मजनू की तरह इस जमाने मे, मगर उनको क्या पता जिंदगी से अल्बिदा कहना पड़ता है इश्क़ का इतिहास बनाने मे. . poet - mayank pandit आज का का इश्क़
NE Changeharwala
मौत के बाद ए है जिंदगी का सच बीवी मकान तक लोग शमशान तक बेटा अग्नि तक लेकिन ईमान ईमान.....स्वर्ग तक ! जिंदगी का का सच
Ganesh Barupal
शादी का बंधन... प्यार का बंधन.... जीवन का बंधन.. रिश्तों का बंधन....
Anjali Yadav
यह दुनिया बड़ी जालिम है.. साहब.. जरा फासले से मिला करो................ कौन कब कैसे कहां से आ जाए... साहब .... जरा फासले से रहा करो............ ©Anjali Yadav यादों का यादों का सफर........
Alok Verma "" Rajvansh "Rasik" ""
का कही का लाई हम, चूरा लावा भुंजाई हम, दिया दीपक तेल है महंगा, कैसे दिवाली मनाई हम, का कही का लाई हम...., बड़ी बड़ी उम्मीदें राहय, सपने से भरी निंदे राहय, लागत है सब धरासाई, कैसे दीपक जलाई हम, का कही का लाई हम...., या दुनियां है ऐसी, ठेकेदार की क्या सुनाइब हम, सब ही जानत है सबकी, कहकी कहकी सुनाइब हम, जो होई अब देखा जाई, दिया जरूर जलाइब हम, जो हैं अयोध्या नरेश, उनका घर बुलाइब हम, सबके घर हो धन्य धान, लक्ष्मी जी की कृपा मनाइब हम, का कही का लाई हम.........2 का कही का लाई हम....!