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Pushkar Sahù( मन की कलम से )
इंसाफ पर सबका बराबर हक़ हैं चाहे वो किसी भी वर्ग का हो ©Pushkar Sahù( मन की कलम से ) insaf #insaf #nojato #justice
Babu Khan
Kisika ujard Kar bastiya Apni mahel banane wale Ye wahi log hai Babu Jahannam me Jane wale ©Babu Khan #Insaf
Dr Parmod Sharma Prem
"इंसाफ": एक बार की बात है, एक गांव में एक बुजुर्ग किसान दया शंकर और उसका पोता राजू रहते थे। किसान का पोता राजू बहुत ही समझदार, मेहनती और सच्चा था। वह हर रोज अपने दादा के साथ खेत में काम करता, पशुओं की देखभाल करता, और स्कूल में पढ़ाई भी करता। वह कबड्डी का भी अच्छा खिलाड़ी था। एक दिन, किसान को पता चला कि उसके पड़ोसी, मुनीम, ने उसके ज़मीन पर कब्जा करने की साजिश कर रहा है। मुनीम ने ज़मीन के फ़र्ज़ी कागजात तैयार करवा लिये है और ज़मीन पर क़ब्ज़ा करने की कोशिश मे लगा हुआ है। मुनीम का क़हना था कि ज़मीन पहले से ही उसे उसके पिता से मिली हुई है, और क़ानूनी रुप से वह ही उसक असली मालिक हैं उसके पास सभी जरूरी कागजात भी है। किसान ने मुनीम से अपनी ज़मीन को ख़ाली करने को कहा, पर मुनीम मानने को बिल्कुल भी तैयार नहीं हुआ। मुनीम ने क़हा, "तुम्हारे पास ज़मीन का सही पत्र है? मुझे ज़मीन से हटाने का हक है? मुझसे पहले क़ानून से पुछो!" किसान जमीन हाथ से निकल जाने के ग़म से बहुत दुःखी रहने लगा, क्योंकि ज़मीन पर किसान का प्राण-प्रेम होता है, पोता राजू दादा को संत्वना देता, हमे इन्साफ जरूर मिलेगा।" दादा जी । किसान के पोते राजू ने अपनी पढ़ाई की तैयारी करनी शुरू की, और उसने अपने दादा की मदद करने के लिए एक वकील की तलाश की। उसने एक वकील को तय किया , जिसका नाम था गणेश शर्मा। वकील ने किसान की कहानी सुनी, और ज़मीन के कागज पत्रों की जाँच की। तो वकील को पता चला, कि मुनीम के पास फ़र्ज़ी पत्र हैं, और ज़मीन की असली मालिक किसान है। वकील ने किसान का पक्ष सम्भाला, और मुनीम के ख़िलाफ़ अदालत मे क़ानूनी कार्यवाही शुरू की। कई महीनों के बाद, क़ानूनी मुकदमे में, न्यायाधीश ने फ़र्ज़ी पत्रों को ख़ारिज़ करके, ज़मीन पर किसान का हक मान्य करते हुए, मुनीम को ज़मीन से ख़ाली करने, और किसान को मुआव्ज़ा देने का आदेश दिया। किसान, उसका पोता, और परिवार में सब प्रसन्नता और ख़ुशी-से-भर-कर-उछल-पडे जब उन्होंने अदालत का यह फैसला सुना। "धन्यवाद, प्रभु! मुझे मेरी ज़मीन वापस मिल गई!" "धन्यवाद, प्रभु! मुझे मेरी ज़मीन वापस मिल गई!" राजू के सिर पर हाथ रखकर किसान ने हाथ जोड़कर आसमान की तरफ देखकर कहा। "धन्य है आप प्रभु आप न्यायकारी हैं सभी का सहारा है। डा० प्रमोद शर्मा प्रेम नजीबाबाद बिजनौर ©Dr Parmod Sharma Prem #Ambitions # Insaf
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