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Stories related to 'mahabharat और कर्ण वध'

Sunita Pathania

Parasram Arora

आदम और ईव

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Unsplash वो दिन याद करो 
ज़ब ये आदमी पहले  "आदम "  था 
और स्त्री "ईव " थीं 

तब न आखर था न शब्द न लिपि 
न कोई आपस मे संवाद था 
तब केवल ध्वनि थीं तरंग थीं लय थीं
इसके बाद वो ध्वनि  कब  संगीत बनी कब सरगम मे तब्दील हुई कोई नहीं जानता
लेकिन वो "आदम " तब तक आदमी और  वो ईव स्त्री मे  रूपांतरित 
 हो  गए थे

©Parasram Arora  आदम और ईव

NOTHING

neelu

#sad_quotes #yesterday I #Saw a few episodes of the #Mahabharat series and today all I can say is विजय भव .....कल्याण हो.. Thank God...

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White Yesterday I saw a few episodes 
of the Mahabharat series 
and today all I can say is
विजय भव .....कल्याण हो..
Thank God...

©neelu #sad_quotes #Yesterday I #saw a few episodes 
of the #Mahabharat series 
and today all I can say is
विजय भव .....कल्याण हो..
Thank God...

Parasram Arora

आदर्श और संवेदनाये

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White हमारे  आदर्शी को पस्तझनी देने मे समर्थ है हमानी विचलित  चेतनाये
 
तभी तों  रेत मे मुंह छुपा कर रहती है  हमारी अनसुलझी समस्याएं 

जबकि अंतकाल तक हम फेरते रहते है मुर्ख 
सपनो की  मालाये
शायद इसीलीये  डूब चुके है हमारे भाव  और ख़ो चुकी है  संवेदनाये

©Parasram Arora आदर्श और संवेदनाये

Avinash Jha

कुरुक्षेत्र की धरा पर, रण का उन्माद था,
दोनों ओर खड़े, अपनों का संवाद था।
धनुष उठाए वीर अर्जुन, किंतु व्याकुल मन,
सामने खड़ा कुल-परिवार, और प्रियजन।

व्यूह में थे गुरु द्रोण, आशीष जिनसे पाया,
भीष्म पितामह खड़े, जिन्होंने धर्म सिखाया।
मातुल शकुनि, सखा दुर्योधन का दंभ,
किंतु कौरवों के संग, सत्य का कहाँ था पंथ?

पांडवों के साथ थे, धर्म का साथ निभाना,
पर अपनों को हानि पहुँचा, क्या धर्म कहलाना?
जिनसे बचपन के सुखद क्षण बिताए,
आज उन्हीं पर बाण चलाने को उठाए।

"हे कृष्ण! यह कैसी विकट घड़ी आई,
जब अपनों को मारने की आज्ञा मुझे दिलाई।
क्या सत्य-असत्य का भेद इतना गहरा,
जो मुझे अपनों का ही रक्त बहाए कह रहा?"

अर्जुन के मन में यह विषाद का सवाल,
धर्म और कर्तव्य का बना था जंजाल।
कृष्ण मुस्काए, बोले प्रेम और करुणा से,
"जो सत्य का संग दे, वही विजय का आस है।

हे पार्थ, कर्म करो, न फल की सोच रखो,
धर्म की रेखा पर, अपना मनोबल सखो।
यह युद्ध नहीं, यह धर्म का निर्णय है,
तुम्हारा उद्देश्य बस सत्य का उद्गम है।

©Avinash Jha #संशय
#Mythology  #aeastheticthoughtes #Mahabharat #gita #Krishna #arjun

kevat pk

#मैं और वो

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Parasram Arora

सुख और सुकून

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White अब सुख और सुकून 
की  नींद कहा नसीब 
होती हैँ  आज के इंसान को


आदमी दिन भर 
व्यस्त रहता हैँ  रोज़ी 
रोटी कमाने की ज़ददो ज़हद मे 

उसे सुकून और सुख 
की फ़िक्र करने.का 
वक़्त ही कहा मिलता हैँ?

©Parasram Arora सुख और सुकून

Satish Kumar

कर्ण एक महान योद्धा

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Satish Kumar Meena

चिंतन और मनन

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